Farm machinery subsidy : फसलों की कटाई के बाद ट्रैक्टर चालित थ्रेसर या अन्य आधुनिक कृषि उपकरणों की मदद से फसल की मड़ाई कर अनाज के दानों को अलग किया जाता है और उपज को 3 से 4 दिनों तक धूप में सुखाकर सुरक्षित भंडारण किया जाता है। हालांकि कई बार बारिश और समय से धूप नहीं निकलने के कारण किसानों को फसल सुखाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार कटाई के बाद फसल को सुखाने के लिए किसान के पास या उत्पादन करने वाले इलाके में उचित बंदोबस्त नहीं होता है। फसल में नमी और फंगस से उपज बर्बाद हो जाती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। किसानों की इन्हीं परेशानियों को समझते हुए उत्तर प्रदेश सरकार फसल सुखाने की मशीन यानी ड्रायर मशीन पर बंपर सब्सिडी दे रही है, ताकि किसान सस्ती दर पर मशीन को खरीद सके और फसल सुखाने में मशीन का प्रयोग कर सके। इच्छुक किसान को कृषि यंत्र सब्सिडी योजना के तहत ड्रायर मशीन (फसल सुखाने वाली मशीन) पर सब्सिडी पर लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आईए, ड्रायर मशीन के लिए सब्सिडी योजना में आवेदन कैसे करें, जानते हैं।
यूपी में कृषि विभाग की कई योजनाओं के तहत किसानों को बुवाई से लेकर फसल अवशेषों के प्रबंधन सहित विभिन्न कार्यों में उपयोगी कृषि यंत्र सस्ती दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार कृषि यंत्र पर अनुदान योजना के तहत किसानों को लैंड लेवलर, आलू की रोपाई करने वाले पोटैटो प्लांटर, रोटावेटर, गन्ना प्लांटर, गन्ना थ्रेसर, हैरो, कल्टीवेटर, मल्टीक्रॉप थ्रेसर, पावर चेफ कटर, भूसा बनाने की मशीन, स्ट्रॉ रीपर, ब्रश कटर, रीपर कम बाइंडर, हैप्पी सीडर, ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर, पावर टिलर, पावर वीडर और कंबाइन हार्वेस्टर समेत अन्य कृषि यंत्र अनुदान पर उपलब्ध कराती है। इसके अतिरिक्त, सरकार इस योजना के अंतर्गत किसानों को फसल सुखाने वाली मशीन यानी ड्राय मशीन पर भी अनुदान पर दे रही है।
कृषि विभाग के अनुसार, ड्रायर मशीन की लागत 15 लाख रुपए बताई जा रही है। योजना के मानकों के अनुसार, इस पर किसानों को 12 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। ऐसे में किसान को इस योजना के तहत ड्रायर मशीन मात्र 3 लाख रुपए की लागत पर मिलेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब अनाज फसल के दानों में 15 से 30 प्रतिशत की नमी होती है, तब फसल की कटाई की जाती है। गेहूं, चावल, जौ और मक्का सहित अन्य अनाज फसलों को सुखाने के लिए ड्रायर मशीन का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले अनाज/गेहूं/चावल/मक्का और अन्य बीजों को सुखाने के बाद बेहतर दामों पर बेचा जा सकता है। सरकार ने एमएसपी पर फसल बेचने के लिए नमी की मात्रा 13-14 प्रतिशत निर्धारित की हुई है। इससे अधिक नमी वाली उपज की खरीदी नहीं की जाती है। नमी के कारण फसल में फंगस लग जाते हैं। इसलिए ड्रायर मशीन से अनाज को बेहतर तरीके से कम लागत पर सुखाकर नमी की मात्रा को व्यवस्थित किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में मक्का के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत राज्य के किसानों को मक्के की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में मक्के का उत्पादन प्रति हेक्टेयर दोगुना करने एवं इसका रकबा क्षेत्र का विस्तार करने के लिए "त्वरित मक्का विकास योजना" (Accelerated Maize Development Scheme) शुरू की है। सरकार ने इसके तहत प्रदेश में मक्के का उत्पादन वर्ष 2027 तक दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में राज्य में मक्का की खेती करने वाले किसानों को योगी सरकार ड्रायर मशीन पर सब्सिडी प्रदान कर रही है, ताकि मक्का में सुरक्षित नमी का स्तर बनाए रखा जा सके और उत्पादकों की आय में वृद्धि की सके। बता दे कि मक्के की तैयार फसल में लगभग 30 प्रतिशत तक नमी होती है। अगर उत्पादक किसान या उत्पादन करने वाले इलाके में इसे सुखाने (ड्रायर) का उचित बंदोबस्त न हो, तो इसमें फंगस लग जाता।
प्रदेश के मक्का उत्पादकों को अब कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत फसल को सुखाने वाले मशीनों पर कृषि विभाग द्वारा सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इसके लिए कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत राज्य के किसान आवेदन कर सकते हैं। ड्रायर मशीन पर अनुदान का लाभ लेने के लिए किसानों को विभागीय पोर्टल पर आवेदन करना होगा। साथ ही अनुदानित यंत्रों की खरीद करने के लिए पहले से निर्धारित जमानत धनराशि भी जमा करना होगा। कृषि यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी के साथ यंत्र उपलब्ध कराया जाएगा।
कृषि विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की योजनान्तर्गत ड्रायर मशीन के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, समान्य वर्ग के व्यक्तिगत किसान, पंजीकृत किसान, सहकारी समिति, सेल्फ हेल्प ग्रुप (Self Help Group) जो राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (State Rural Livelihood Mission) एवं कृषि विभाग से संबंधित हों, ग्राम पंचायत एवं फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (Farmers Producer Organisation) के किसान आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक किसान योजनांतर्गत विभागीय वेबसाइट http://agriculture.up.gov.in/ पर जाकर “ यंत्र पर अनुदान हेतु टोकन निकालें” लिंक पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत आवेदन करने के लिए कृषक के पास आवश्यक दस्तावेज जैसे- किसान का आधार कार्ड, पहचान पत्र, भूमि के दस्तावेज, जाति प्रमाण पत्र (केवल एसी/एसटी आवेदकों के लिए), आधार से जुड़ा बैंक खाता, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर आदि देने होंगे। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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