देशभर में किसानों व पशुपालकों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है, जिनके माध्यम से उनको पशुओं का बीमा प्रदान किया जाता है। इससे पशु हानि होने पर पशु मालिकों को उचित मुआवजा दिया जा सके। साथ ही सरकार द्वारा पशु बीमा पर अनुदान दिया जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों एवं पशुपालकों को पशु बीमा के लिए प्रेरित किया जा सके। इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार राज्य में पशु बीमा पर किसान पशुपालकों को सब्सिडी 85 प्रतिशत तक दे रही है। इसमें किसानों को अपनी ओर से मात्र 15 प्रतिशत राशि ही देनी होगी। ऐसे में राज्य के पशुपालकों के पास 100 रुपए से भी कम कीमत पर अपने पशुओं का बीमा करने का शानदार मौका है। अपने पशुधन का बीमा कराने वाले इच्छुक किसान व पशुपालक अपने नजदीकी पशुपालन विभाग या पशु चिकित्सालय में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य पशुपालन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण स्वयं अथवा ई-मित्र के माध्यम से कर सकते हैं। आइए, राज्य सरकार की इस योजना के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से जानते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और पांढुर्णा जिले में पशु बीमा योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में छिन्दवाड़ा एवं पांढुर्णा जिले के पशु चिकित्सक डॉ. एम.के.मोर्य, डॉ. प्राची चड्डा तथा पशु बीमा अनुबंधित कंपनी आइसीआइसीआई लोम्बार्ड के प्रतिनिधि तेजस सोनी, मनजीत व रविन्द्र पहाडे मौजूद रहे। बैठक में कंपनी प्रतिनिधि सोनी ने बताया कि पशुपालक मात्र 100 रुपए से कम में भी अपने पशुओं का बीमा करा सकेंगे। पशुओं का बीमा एक वर्ष के लिए 3.72 प्रतिशत, 2 वर्ष के लिए 7.35 प्रतिशत एवं 3 वर्ष के लिए 9 प्रतिशत दर से किया जा रहा है।
बैठक में बताया कि पशु बीमा करने पर किसानों को प्रीमियम राशि पर 85 प्रतिशत का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जा रहा है, जबकि 15 प्रतिशत राशि हितग्राही से अंशदान के रूप में लिया जाता है। वर्तमान में दुधारु पशु जैसे गाय, भैंस व कृषि के लिए प्रयुक्त पशु बैल का बीमा किया जा रहा है। इस बैठक में पशु चिकित्सकों व बीमा कंपनी के मध्य पशु बीमा में आ रही कठिनाईयों के विषय में चर्चा की गई। उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.पक्षवार द्वारा सेक्स सार्टेड सीमन, गौ-शाला तथा टीकाकरण की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
मध्य प्रदेश में वर्तमान समय में मुख्यमंत्री जनकल्याण शिविरों का आयोजन 11 दिसम्बर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक चल रहा है। इसमें विभाग के सभी लक्ष्य प्रदाय योजना एवं केसीसी, बकरी पालन एनएलएम के लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही ‘प्रशासन गांव की ओर’ वेबसाइट (पोर्टल) में अपलोड करने के लिए पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी चौरई बकरी पालन 10+1 की सफलता की कहानी तथा पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी जुन्नारदेव से पशु बीमा योजना के अंतर्गत अनिल यदुंवशी को पशु बीमा क्लेम मिलने पर सफलता की कहानी तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बता दें कि योजना के तहत किसी भी प्राकृतिक या आकस्मिक दुर्घटनाओं जैसे- आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने या सर्प, कीड़ा काटने, किसी बीमारी, आग लगने या सड़क दुर्घटना में बीमित पशुओं की मौत होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। बीमा एक वर्ष, दो वर्ष या तीन वर्ष की अवधि के लिए किया जाएगा। पशुपालक को इसके लिए 15 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार तय किया जाएगा।
बीमा के लिए गाय की आयु 3 से 12 वर्ष, भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए, जबकि भेड़ और बकरी की उम्र 1 से 6 वर्ष हो सकती है। पशुपालन विभाग के अनुसार, पशुपालक अपने पशु का बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें आधार कार्ड, निवास का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर, बैंक खाता पास बुक,आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज के साथ पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। इसके अलावा वेबसाइट से आवेदन फॉर्म को डाउलोड करके उसका प्रिंट लेकर पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज कर आवेदन पत्र संबंधित विभाग में जमा करना होगा। इस प्रकार आप मध्यप्रदेश पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत आवेदन कर पाएंगे।
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