Stubble Burning : गेहूं की बिजाई शुरू होने जा रही है, जिसके चलते किसानों ने खेतों में फसल अवशेष यानी पराली को जलाना शुरू कर दिया है। धान की कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेष यानी पराली अक्सर किसान जला देते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। हालांकि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश की सरकार इस समस्या से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर पराली प्रबंधन के लिए काम कर रही है। पराली जलाने वाले किसानों पर मोटा जुर्माना भी लगाया जा रहा है। साथ किसानों की रेड एंट्री कर अगले 2 सीजन के लिए मंडियों में एमएसपी पर फसल बेचने हेतु प्रतिबंधित भी किया जा रहा है। इसके अलावा, पराली (फसल अवशेष) प्रंबधन के लिए राज्य कृषि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही अवशेष प्रबंधन के लिए उपयोगी यंत्रों के उपयोग से पराली निस्तारण के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। ऐसे में हरियाणा सरकार पराली प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए पराली प्रोत्साहन योजना (2024-25) चला रही है। इस प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पराली नहीं जलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये मिलेंगे। इस योजना का उद्देश्य खेतों में पराली जलाने की घटनाओं को कम कर वातावरण के साथ खेतों की मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बचाए रखना है।
इस योजना को सफल बनाने में सरकार का प्रयास अच्छा रहा है. दरअसल, हरियाणा के झज्जर जिले में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस योजना के अंतर्गत, किसान सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाते हैं और उन्हें धान के अवशेषों यानी पराली के इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
हरियाणा के करनाल जिले में पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत किसानों को धान के अवशेषों (पराली) के इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषि उप निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार का प्रयास अच्छा रहा है। हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के लिए आवेदन करने वाले किसानों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस योजना के अंतर्गत, किसान फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सरकारी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाते हैं और उन्हें राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन और सीटू और एक्स सीटू फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों पर सब्सिडी मिलती है। पराली प्रबंधन करने के लिए इस वर्ष 1690 किसानों ने कृषि यंत्रों के लिए आवेदन किया है। साथ ही पराली प्रबंधन को लेकर किसानों का रुझान भी तेजी से बढ़ रहा है।
करनाल कृषि उप निदेशक ने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 (Haryana Stubble Incentive Scheme 2024-25) के अंतर्गत पराली के प्रबंधन योजना के तहत एक हजार रुपए प्रति एकड़ का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 30 नवंबर 2024 तक सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर आवेदन कर सकते हैं। वहीं, हरियाणा के झज्जर जिले में fv के लिए आवेदन करने वाले किसानों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 3 गुना से अधिक की वृद्धि देखी गई है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक 3,930 किसानों ने (30,487 एकड़) योजना का लाभ लेने के लिए अपनी जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि पिछले साल केवल 1,090 किसानों ने 9,300 एकड़ जमीन रजिस्टर्ड करवाई थी। इस मामले पर डीसी प्रदीप दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए जिले भर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी अधिक किसानों के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर देखे जा सकते हैं।
कृषि उप निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि पराली प्रबंधन योजना का उद्देश्य किसानों को पराली जलाने से रोकना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इससे न केवल पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि पर्यावरण को सुरक्षित भी किया जाएगा और किसानों को फसल अवशेषों यानी पराली का सही तरीके से प्रबंधन करने हेतु प्रेरित किया जाएगा। पराली को जलाने से किसानों को रोकने के लिए शासन और जिला प्रशासन द्वारा चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है। हरियाणा के झज्जर जिले में अब तक पराली जलाने की तीन एफआईआर दर्ज की गई है। स्थिति पर नजर रखने के लिए 62 टीमें बनाई गई हैं। कृषि उपनिदेशक जितेंद्र अहलावत ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से फसल अवशेष (पराली) जलाने पर जुर्माना राशि को बढ़ा दिया गया है। नए नियमों के अनुसार, 2 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा, जबकि 2- 5 एकड़ के बीच की भूमि वाले किसानों पर 10,000 रुपए, 5 एकड़ से अधिक जमीन के लिए 30, हजार रुपए का जुर्माना लगया जाएगा। जिले में 75 फीसदी धान फसल की कटाई हो चुकी है।
करनाल कृषि उप निदेशक डॉक्टर वजीर सिंह ने बताया कि, हरियाणा पराली प्रोत्साहन योजना 2024-25 के तहत आवेदन के लिए किसान को "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान को विभागीय पोर्टल https://agriharyana.gov.in/ पर 30 नवंबर तक आवेदन करना होगा। उन्होंने बताया कि पराली प्रबंधन को लेकर इन-सीटू और एक्स-सीटू स्टॉप मैनेजमेंट के तहत योजना चलाई गई है। कृषि विभाग ने ऑनलाइन पोर्टल के तहत सीआरएम मशीनों पर सब्सिडी हेतु ऑनलाइन आवेदन मांगे है। इस योजना के तहत कोई भी किसान फसल अवशेष (पराली) प्रबंधन के लिए आवश्यक मशीनों की खरीद करना चाहते हैं, तो उन्हें 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत मुख्य तौर से 4 प्राथमिक प्रकार की सीटू और एक्स सीटू फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी उपलब्ध हैं, जिनमें इन सीटू प्रबंधन के लिए सुपर सीडर (Super Seeder), स्लेशर (Slasher), घास रेक (hay rake) और बेलर मशीनें (Baler Machines) शामिल है, जिन पर इस वर्ष 50 प्रतिशत सब्सिडी की पेशकश की गई है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y