Drone Subsidy Scheme : कृषि लागत कम करने के उद्देश्य से खेती में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जा रही है। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को खेती से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा कई याेजनाएं चला जा रही है। इसमें केंद्र की “नमो ड्रोन दीदी योजना” भी शामिल है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और मरम्मत के प्रशिक्षण के साथ ड्रोन (Drone) खरीदने पर सहायता अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है। इस क्रम में बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना के बामेती में ड्रोन दीदी योजना के तहत चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया।
इस कार्यशाला में कृषि मंत्री ने राज्य के 16 जिलों से आई 201 स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को एक साथ संबोधित करते हुए कहा कि तेज रफ्तार से चलना है, तो नई तकनीक को समझना, स्वीकारना और उसका उपयोग करना होगा नहीं तो पिछड़ जाएंगे। पीएम मोदी की परिकल्पना से यह योजना सामने आई और सीएम नीतीश कुमार के मार्गदर्शन से इसे जमीन पर उतारा गया है। इसका आप सभी को लाभ मिलने वाला है। इस ड्रोन दीदी योजना के तहत ड्रोन की कुल कीमत पर सरकार 80 प्रतिशत सब्सिडी देगी।
राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस योजना का नाम ड्रोन दीदी योजना इसीलिए रखा गया है, ताकि महिलाओं को तकनीकी और आर्थिक रूप से विकसित किया जा सके। इस योजना में ड्रोन के साथ स्प्रे असेंबली के साथ बेसिक ड्रोन, कैरी बॉक्स, बैटरी सेट, डाउनवर्ड कैमरा, ड्यूल-चैनल फास्ट बैटरी चार्जर, चार्जर हब, एनीमोमीटर, पीएच मीटर जैसे सभी उपकरणों की पूरे किट के लिए 80 प्रतिशत यानी 8 लाख रुपए सब्सिडी दी जा रहा है। बाकी 2 लाख आपको जीविका समूहों के माध्यम से दिए जाएंगे। पूरे देश में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 और अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में 14 हजार 500 समूहों को ड्रोन दीदी योजना से जोड़ने का लक्ष्य है, जिससे विकसित भारत और विकसित बिहार का निर्माण हो सकेगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई)- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन देने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के परिचालन दिशा–निर्देशों को भी मंजूरी दे दी है, जिस पर 1261 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मंगल पांडेय ने कहा, राज्य में किसानों के पास पारंपरिक नैपसेक, हैंड रॉकिंग स्प्रेयर आदि छिड़काव यंत्र मौजूद है। वर्तमान में आधुनिक और खुद से चलने वाला छिड़काव उपकरण (ड्रोन) का उपयोग प्रायोगिक तौर पर कृषि विज्ञान केन्द्र और अन्य कृषि संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। ड्रोन के इस्तेमाल से कीटनाशी की कम मात्रा के साथ-साथ समय और पूंजी की बचत हो रही है, जिससे किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्वि होगी।
उन्होंने कहा, ड्रोन दीदी योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए कुल 201 ड्रोन वितरण करने का लक्ष्य दिया गया है। पटना में 15 दिवसीय ड्रोन (Drone) पायलट का मुफ्त प्रशिक्षण कराया जाएगा। इस योजना के प्रभावी ढंग से सतत निगरानी के लिए सचिव, कृषि विभाग की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जिनके मार्गदर्शन में ही ड्रोन दीदी योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
सचिव, कृषि विभाग, संजय कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में आगे बताया कि इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बिहार के सभी 101 अनुमंडलों में एक-एक कृषि ड्रोन की व्यवस्था अनुदानित दर से की जा रही है। कृषि विभाग के पौधा संरक्षण संभाग के माध्यम से कृषकों को ‘‘पोपुलराइजेसन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टीसाइड एण्ड लिक्विड फर्टिलाइजर बाई ड्रोन इन पी.पी.पी मोड योजना’’ के तहत कृषि ड्रोन सब्सिडी दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के लाभ के लिए किसान / खेतीबाड़ी कृषि क्लिनिक संस्थापक / कृषि यंत्र बैंक / स्वयं सहायता समूह / अनुज्ञप्तिधारी कीटनाशी विक्रेता / किसान उत्पाद संगठन/ स्वयंसेवी संस्था / निजी संस्था / रजिस्टर्ड कंपनी द्वारा आवेदन किया जा सकता है।
कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि यांत्रिकरण योजना की वेबसाईट www.farmech.bih.nic.in पर आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। योजना में पारदर्शिता के लिए लाभुकों का चयन लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत ड्रोन खरीदने पर सरकार द्वारा सब्सिडी देने की व्यवस्था की गई है। डी.जी.सी.ए द्वारा कृषि क्षेत्र में प्रयोग के लिए निबंधित ड्रोन की ही खरीद लाभार्थी द्वारा की जा सकेगी। योजना के तहत ड्रोन के साथ स्प्रे असेंबली, बैटरी सेट और ट्रेनिंग सहित पूरी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। ड्रोन पैकेज में स्प्रे असेंबली के साथ बेसिक ड्रोन, कैरी बॉक्स, बैटरी सेट, डाउनवर्ड कैमरा, ड्यूल-चैनल फास्ट बैटरी चार्जर, चार्जर हब, एनीमोमीटर, पीएच मीटर और सभी उपकरणों पर एक साल की वारंटी शामिल है। इसके अलावा प्रोपेलर सेट, नोजल सेट के साथ 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी।
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