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जानें, सुपर सीडर मशीन की टॉप 10 विशेषताओं के बारे में पूरी जानकारी

जानें, सुपर सीडर मशीन की टॉप 10 विशेषताओं के बारे में पूरी जानकारी
पोस्ट -10 अप्रैल 2024 शेयर पोस्ट

जानें, सुपर सीडर मशीन की टॉप 10 विशेषताओं की जानकारी 

Super Seeder : खेती-किसानी से कमाई बढ़ाने में कृषि मशीनरी और उपकरण बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज कृषि में भूमि की तैयारी, बुआई, रोपण, सिंचाई, कटाई और कटाई के बाद फसल प्रबंधन जैसे विभिन्न खेती संबंधित कार्यों के लिए कृषि मशीनरी का उपयोग किसानों द्वारा किया जा रहा है। इन नए-नए  कृषि यंत्रों और उपकरणों की मदद से किसान खेती में पैदावार बढ़ाने और अपनी आय को दोगुना करने में लगे हुए हैं। खेती के इन्हीं यंत्रों में सुपर सीडर मशीन भी शामिल है। कई राज्यों के किसान खेत में सुपर सीडर मशीन की मदद से नरवाई (पराली) जलाए बिना गेहूं की कटाई के बाद अपने खेतों में दलहन फसलों की सीधी बुवाई कर रहे हैं, जिससे उनकी खेती लागत कम करने और गेहूं फसल के मौजूदा अवशेषों के प्रबंधन करने में बड़ी मदद मिली रही है। सही मायने में कहा जाए तो आज सुपर सीडर मशीन (Super Seeder Machine) किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। आइए, जानते हैं कि सुपर सीडर मशीन से किसानों को क्या फायदे मिल रहे हैं और इस मशीन से फसलों की बुवाई कैसे करते हैं तथा सुपर सीडर की टॉप विशेषताएं क्या हैं।

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सीपर सीडर मशीन से किसानों को होने वाले फायदे

दरअसल, सुपर सीडर मशीन (Super Seeder) इन दिनों अधिकांश किसानों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई । एमपी जैसे कृषि प्रधान राज्य में किसान इस मशीन की मदद से अपने खेतों में ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द की बुवाई बिना पराली जलाए कर रहे हैं। सुपर सीडर मशीन गेहूं, धान की पराली को टुकड़ों में काटकर मिट्टी के नीचे दबा देती है और बीजों की बोनी भी कर देती है। जमीन में दबी पराली गलकर खाद में तब्दील हो जाती है, जिससे जमीन में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और पैदावार भी ज्यादा होती है। फसल अवशेषों से बनी यह खाद जमीन में पानी सोखने की ताकत को बढ़ाती है।

कई राज्य सरकार सुपर सीडर मशीन पर देती है सब्सिडी

बता दें कि सुपर सीडर मशीन (Super Seeder Machine) एक मल्टी टास्किंग कृषि उपकरण है, जो फसल की बोनी, जुताई, मल्चिंग और खाद फैलाने का काम एक साथ करती है। सुपर सीडर (SuperSeeder) के इस्तेमाल से फसल अवशेषों का प्रबंधन और खेती में बीज की बोनी बेहद आसान हो जाती है। इन सब में किसानों के समय और रुपए दोनों की बचत होती है। सुपर सीडर मशीन का इस्तेमाल धान की कटाई के बाद, गेहूं की बुआई के लिए किया जाता है। यह मशीन पराली को खेतों से बिना निकाले गेहूं की सीधी बोनी कर देती है। इस मशीन को ट्रैक्टर के साथ जोड़कर चलाया जाता है। मशीन फसल की उत्पादकता बढ़ाती है और पराली की समस्या से किसानों को सस्ते में निजात दिलाती है। कई राज्यों की सरकारें कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) योजना के अंतर्गत अलग-अलग योजनाएं लागू कर फसल अवशेष मैनेजमेंट के काम आने वाले कृषि यंत्रों के साथ-साथ कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए अपने तय प्रावधानों के तहत किसानों को 50 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है

क्या है सुपर सीडर मशीन की टॉप 10 विशेषताएं

  • सुपर सीडर मशीन (Super Seeder) से किसान बीज की बोनी, खेतों की जुताई, फसल अवशेषों की मल्चिंग और खाद फैलाने का काम एक साथ कम लागत पर पूरा कर सकते हैं।  
  • यह मशीन कंबाइन हार्वेस्टर से गेहूं और धान की कटाई के बाद खेतों में बचे फसल अवशेषों को प्रभावी ढंग से मिट्टी में मिलाकर जैविक खाद में बदलने में मददगार है।  
  • इस मशीन की सहायता से किसान बिना फसल के अवशेष जलाए एक बार की जुताई में सीधे बीजों की बोनी कर सकते हैं।   
  • सुपर सीडर मशीन से फसलों की बोनी करने पर पैदावार में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी और लागत में 50 प्रतिशत की कमी की जा सकती है। सुपर सीडर मशीन की मदद से किसान फसल के अवशेषों का प्रबंधन न्यूनतम श्रम खर्च और लागत पर आसानी से पूरा कर सकते हैं।
  •  यह मशीन वायु प्रदूषण नियंत्रण करने और खेत में जैव विविधता को बनाए रखने में किसानों की बड़ी मदद करती है।
  • सुपर सीडर मशीन धान व गेहूं के डंठलों को को टुकडों में काटकर म‍िट्टी में मिलाने का काम करती है।  इस मशीन में फसल के अवशेषों को कुतरने के लिए रोटावेटर तथा बीज की बोनी के लिए एक जीरो-टिल सीड ड्रिल यंत्र लगा होता है।
  • यह 10 से 12 इंच तक की ऊंचाई की पराली को जोतकर बीज की सीधी बुआई करने में सक्षम है।
  • इसके रोटावेटर पर सीधे ब्लेड लगे होते हैं, जो बुआई के समय पराली को काटने और हटाने में मशीन की मदद करते हैं।
  • सुपर सीडर मशीन कार्यभार के अनुसार 35- 65 एचपी (हॉर्स पॉवर) के ट्रैक्टर की मदद से संचालित की जा सकती है।
  • सुपर सीडर मशीन की कीमत 2.50 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक होती है, जिस पर अलग-अलग राज्य सरकारें अलग-अलग योजनाओं के तहत मशीनों की खरीद पर 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान किसानों को देती हैं

इन कृषि यंत्रों पर भी मिलता है अनुदान

एस.एम.ए.एम. (SMAM) योजनांतर्गत किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन वाले कृषि यंत्र जैसे सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एस.एम.एस.), हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फर्टीलाइजर ड्रिल, श्रब मास्टर पैडी स्ट्राचापर, श्रेडर, मल्चर, रोटरी स्लेशन, हाइड्रोलिक रिवर्सेबलल एम.बी. प्लाऊ, बेलिंग मशीन, क्रॉप रीपर, स्ट्रा रेक, रीपर कम बाइण्डर जैसे कई अन्य कृषि मशीनों पर लक्ष्य जारी कर अनुदान दिया जाता है। 

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