Spraying fertilizers and pesticides : कृषि में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। ड्रोन से फसलों में उर्वरकों एवं कीटनाशकों तथा अन्य सूक्ष्म तत्वों का छिड़काव करने/कराने के लिए सरकार किसानों को अनुदान दे रही है। वहीं, केंद्र सरकार द्वारा “नमो ड्रोन दीदी” योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों (SHG) को ड्रोन खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है, ताकि खेती किसानी में ड्रोन के इस्तेमाल से नैनो फर्टिलाइजर और कीटनाशक के छिड़काव को बढ़ावा दिया जा सके। इस कड़ी में बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में ड्रोन से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराने का निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य सरकार ने 53,400 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और सूक्ष्म तत्वों समेत अन्य खाद- उर्वरकों का भी ड्रोन से छिड़काव करने का लक्ष्य जारी किया है। राज्य कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत कृषकों को ही सरकार की इस योजना में लाभ मिलेगा।
असल में कीट-रोगों की वजह से हर साल बिहार के किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है, पैदावार भी कम होती है। इसलिए बिहार सरकार राज्य के किसानों को ड्रोन से उर्वरकों एवं कीटनाशकों के छिड़काव के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए किसानों को 240 रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा। शेष राशि का भुगतान किसानों को अपनी जेब से करना होगा। इस योजना के तहत प्रति किसान को अधिकतम 10 एकड़ पर ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे में अगर किसान इस योजना के तहत 10 एकड़ क्षेत्र में ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं , तो उन्हें सरकार की तरफ से 2400 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। कृषि विभाग, बिहार सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार, ड्रोन से कीटनाशक एवं उर्वरकों के छिड़काव के लिए प्रति एकड़ पर लागत 480 रुपए अनुमानित है, जिस पर बिहार सरकार की ओर से 50 फीसदी यानी 240 रुपए की राशि अनुदान के तौर पर मिलेगी।
कीट-रोगों से फसलों को होने वाले नुकसान को देखते हुए कृषि विभाग फसलों पर ड्रोन की मदद से कीटनाशक एवं अन्य पोषक तत्वों का छिड़काव करा रहा है। इस योजना के तहत जहानाबाद, खगड़िया, लखीसराय और किशनगंज में 700-700 एकड़ में कीटनाशी का ड्रोन से छिड़काव होगा। नालंदा, समस्तीपुर व सारण में 2000-2000, मधुबनी में 2100, भोजपुर, नवादा, गोपालगंज और पूर्णिया में 1400-1400 एकड़, बक्सर, कैमूर, औरंगाबाद, बांका और सुपौल में 1100-1100, पूर्वी चंपारण में 2700 और मधेपुरा में 1300 एकड़ में कीटनाशी का छिड़काव होगा। ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कराने का उद्देश्य कीटों से फसलों की सुरक्षा करना है और होने वाले नुकसान से किसानों को बचाना है, कीटनाशक के छिड़काव में लगने वाली किसान की श्रम और लागत में कमी करना है।
छिड़काव के लिए ड्रोन सरकार की ओर से मुहैया कराए जाएंगे। इसके लिए सरकार ने राज्य स्तर पर कीटनाशकों का छिड़काव करने वाली सेवा प्रदाता एजेंसी का चयन किया है। किसानों की मांग के अनुसार ड्रोन सेवा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी कृषि विभाग के कर्मी की उपस्थित में उर्वरक का घोल बनाकर छिड़काव करेगी। इस योजना का लाभ राज्य के रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसानों को दिया जाएगा। हालांकि, शर्त यह होगी कि गैर-रैयत कृषकों को आवेदन के समय शपथ पत्र या पंचायत प्रतिनिधि से अनुशंसा पत्र देना अनिवार्य होगा। कृषि विभाग, बिहार सरकार के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान ही इस योजना के तहत लाभ के पात्र होंगे।
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