किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें खेती के साथ-साथ कई अन्य गतिविधियों से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है और इनमें किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस कड़ी में हिमाचल प्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए गुड न्यूज है। यदि हिमाचल के किसान पशुपालन व खेती के साथ-साथ गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार करते हैं, तो सरकार आपको इसके लिए अच्छे दाम देगी। हाल ही में हिमाचल सरकार ने प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से वर्मी कंपोस्ट और जैविक खाद खरीदने का ऐलान किया है। इससे प्रदेश में पशुपालन और जैविक खेती से जुड़े हजारों किसान परिवारों को सीधे तौर पर लाभ होगा। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो साल पूरे होने के अवसर पर प्रदेश में कृषि सहित महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए कुल छह योजनाएं लॉन्च की है।
दरअसल, हिमाचल सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में कृषि से लेकर आमजन के लिए कुल 6 योजनाओं का शुभारंभ किया और लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम ने 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जैविक खाद एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद खरीदने की योजना की शुरुआत की और डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से एक सौ किसानों के बैंक खाते में एक लाख रुपए का भुगतान भी किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी), सिंचाई और वैल्यू एडिशन (मूल्य संवर्धन) परियोजना, हिमाचल प्रदेश शिवा (HP Shiva) का शुभारंभ किया है। इस योजना मुख्य उद्देश्य प्रदेश के सात जिलों में बागवानी के विस्तार को बढ़ावा देना है। परियोजना के अंतर्गत 6,000 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरे, अमरूद, लीची और बेर जैसी फलों की खेती का विस्तार करने के लिए 1292 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत प्रदेश के 15,000 से अधिक किसान परिवारों को सीधा लाभ होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए "हिम भोग आटा" भी पेश किया है। इस दौरान उन्होंने कहा, पहले यह मक्का आटा का रहेगा, बाद में गेहूं का आटा भी इस ब्रांड के जरिए लोगों तक उपलब्ध कराया जाएगा। हिमभोग आटा प्राकृतिक विधि से उगाई गई फसलों से तैयार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने 197 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना (MMSAY) के तहत 1.90 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इसमें 153 बच्चों के लिए पेंशन, 17 लाभार्थियों को आवास अनुदान, 10-10 विवाह और उच्च शिक्षा सहायता और तीन लाभार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा स्टार्ट-अप सहायता शामिल है। इस दौरान सीएम ने हिमभोग आटा का उद्घाटन किया है।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्व-रोजगार स्टार्ट-अप योजना 2023 के अंतर्गत 16 इलेक्ट्रिक टैक्सी मालिकों को टैक्सी की चाबियां भी सौंपी। इन 16 टैक्सी मालिकों को सरकार की तरफ से 50 फीसदी टैक्सी पर सब्सिडी दी गई है। वहीं, टैक्सियों को सरकारी कार्यालयों में 5 साल के लिए पट्टे पर दिया जाएगा, जिससे टैक्सी मालिकों को स्थिर मासिक आय प्राप्त होगी। राज्य सरकार का लक्ष्य इस योजना के पहले चरण में 150 ई-टैक्सी मालिकों को परमिट देने का है।
राज्यभर के 5145 पात्र लाभार्थियों को 1.38 करोड़ रुपए वितरित किए और उन्हें पात्रता प्रमाण पत्र प्रदान करके इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना की शुरूआत की गई। इस योजना का उद्देश्य 23 हजार बच्चों की शिक्षा और विधवाओं, निर्धन महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को वित्तीय सहायता उपलब्ध करना है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एक हजार रुपए की मासिक सहायता दी जाती है और उच्च शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री ने 5 मोबाइल आयुष स्वास्थ्य सेवा इकाइयों को किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा और सिरमौर जिले के शिलाई ब्लॉक जैसे दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए रवाना किया। प्रत्येक सेवा इकाई में एक अनुभवी चिकित्सक टीम होगी, जो स्थानीय जरूरतों के मुताबिक आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी उपचार प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार की इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बनाना है।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y