Drone Subsidy News : कृषि के सेक्टर में ड्रोन की उपयोगिता लगातार बढ़ती जा रही है। इसके इस्तेमाल से जहां किसान कम लागत और समय में अपनी फसलों पर कीटनाशक दवाओं एवं अन्य खाद पोषक-तत्वों का छिड़काव कर रहे है, वहीं फसल उत्पादन में वृद्धि भी देखी जा रही है। भारत सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही है, जिनके माध्यम से व्यक्तिगत किसानों एवं कृषि संस्थानों को भारी अनुदान पर ड्रोन (Drone) उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ इन्हें उड़ाने के लिए पायलट प्रशिक्षण और मरम्मत करने की ट्रेनिंग भी लाभार्थी को दी जाती है। आज कई राज्यों की सरकारें अपने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए खेती में ड्रोन के अधिक से अधिक उपयोग को बढ़ावा भी दे रही है। किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए ड्रोन पर आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। साथ ही इससे खेतों में नैनो उत्पाद, सागरिका व अन्य कृषि आदानों का छिड़काव करने के लिए किसानों को सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को कृषि ड्रोन (Agricultural drone) खरीदने के लिए सब्सिडी देने का फैसला लिया है। इसके तहत सरकार किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए 60 प्रतिशत का अनुदान देगी, ताकि वे खेतों में कीटनाशक एवं खाद-उवर्रक का छिड़काव ड्रोन से कर पाएं और उत्पादन में वृद्धि कर सके।
फसलों की गुणवत्ता में सुधार कर किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने राज्य में किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। सरकार ने ड्रोन खरीदने पर 60 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम राशि 3.65 लाख रुपए तय की है। राज्य कृषि विभाग की तरफ से राज्य में सभी 101 अनुमंडलों में चयनित लाभार्थी को एक-एक ड्रोन खरीदने के लिए पात्रता संबंधित प्रावधान भी तय कर दिए गए हैं। चयनित किसानों को ड्रोन पायलट लाइसेंस के लिए प्रशिक्षण डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, मान्यता प्राप्त संस्थान से भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधान के अनुसार लेना होगा। इस प्रशिक्षण पर होने व्यय वाली राशि का भुगतान कृषि विभाग स्वयं करेगा।
कृषि विभाग के अनुसार, सब्सिडी पर ड्रोन खरीदने के लिए लाभार्थी का चयन जिला स्तर पर किया जाएगा। तत्काल सब्सिडी के लिए राज्य सरकार ने 4 करोड़ रुपए की धनराशि का भी प्रावधान किया है, जिसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार 40 प्रतिशत खर्च का वहन करेगी। लाभार्थी को योजना के तहत ड्रोन पर सब्सिडी लाभ लेने के लिए कृषि विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कृषि विभाग ने दावा किया है कि ड्रोन से 20-25 मिनट में एक एकड़ क्षेत्र के कीटनाशक एवं खाद के छिड़काव का काम पूरा किया जा सकता है। ड्रोन के उपयोग से खाद और कीटनाशक के छिड़काव से 30 से 35 प्रतिशत फसल क्षति की बचत होती है। इनके छिड़काव करने में किसानों के पैसे, समय और मेहनत तीनों की ही बचत होती है।
किसानों को ड्रोन सस्ती कीमत पर मिले, इसके लिए राज्य सरकार किसानों को ड्रोन पर सब्सिडी की सुविधा प्रदान कर रही है। कृषि विभाग की इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत किसान के अलावा किसान उत्पादक संगठन (एफ़पीओ), कृषि यंत्र बैंक संचालक संस्था, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), एनजीओ (स्वयं सेवी संस्था), लाइसेंसधारी खाद-बीज विक्रेता के साथ ही निजी कंपनी एवं पंजीकृत संस्था भी सब्सिडी पर ड्रोन खरीद के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना की खास बात यह है कि खरीददार को मोल-भाव कर तय मानक ड्रोन खरीदने की छूट दी गई है। सब्सिडी राशि का भुगतान कृषि विभाग सीधे संबंधित ड्रोन विक्रेता कंपनी या एजेंसी के खाते में करेगा। वहीं ड्रोन विक्रेता कंपनी को बेचे गये ड्रोन से संबंधित संपूर्ण जानकारी देनी होगी।
चयनित लाभार्थी को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से एनओसी भी लेनी होगी। साथ ही डिजिटल स्काई प्लेटफ़ार्म पर रजिस्ट्रेशन भी करना होगा। रेड जोन में ड्रोन की उड़ान को प्रतिबंधित किया गया है। इसके अंतर्गत अगर किसी जिले के अनुमंडल के सभी प्रखंड डीजीसीए द्वारा रेड जोन में चिन्हित किए गए हैं तो यह सब्सिडी दूसरे अनुमंडल या जिले में हस्थानांतरित कर दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार की ओर से लखपति ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम से देश में महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिला कार्यकर्ता सदस्य को अनुदान पर ड्रोन एवं इसे उड़ाने के लिए 15 दिनों का पायलट प्रशिक्षण योजना के तहत दिया जाता है। इसमें 5 दिन का ड्रोन उड़ाने का और 10 दिनों का खेतों में कीटनाशकों एवं पोषक तत्वों के छिड़काव का प्रशिक्षण शामिल है।
नमो ड्रोन दीदी योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में इफको द्वारा जिले की एनआरएलएम सदस्य प्रियंका सौराष्ट्रीय को निःशुल्क ड्रोन प्रदान किया गया। साथ ही एक पुरुष संजय गुर्जर को भी इफको द्वारा निःशुल्क ड्रोन दिया गया। कृषि विकास उप संचालक, शाजापुर के एस यादव ने बताया कि दोनों ड्रोन किसान के खेतों में 300 रूपये प्रति एकड़ की दर से नैनो उत्पाद, सागरिका व अन्य कृषि आदानों का छिड़काव करेंगे। कार्य के क्षेत्रफल के अनुसार पूरे जिले के लिए उपलब्ध रहेंगे। किसान बंधु जो ड्रोन द्वारा अपने खेतों में नैनो यूरिया, नैनो डी.ए.पी. अथवा कोई भी उत्पाद का छिड़काव करवाना चाहते है, वे किसान भाई अपने मोबाइल में प्ले स्टोर से इफको “किसान उदय एप्लीकेशन” डाउनलोड करके उक्त एप में रजिस्ट्रेशन करके अपने खेत में ड्रोन का उपयोग करने के लिए पंजीयन कर मंगवा सकते हैं। उक्त मांग सीधे ड्रोन पायलट को चली जाएगी अथवा किसान सीधे भी ड्रोन पायलेट से सम्पर्क कर सकते हैं।
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