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Mgnrega Yojna: किसानों को कुआं निर्माण पर सरकार देगी 2.99 लाख रुपए की सब्सिडी

Mgnrega Yojna: किसानों को कुआं निर्माण पर सरकार देगी 2.99 लाख रुपए की सब्सिडी
पोस्ट -22 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

कुआं निर्माण के लिए किसान को मिली 2.99 लाख रुपए की सब्सिडी, जानिए योजना के नियम

MGNREGA Kuan Nirman scheme : “महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना” (मनरेगा)  के तहत भारत सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है। इसी में कुआं निर्माण सब्सिडी योजना भी शामिल है। इस योजना का क्रियान्वयन मनरेगा के तहत किया जा रहा है। इसके तहत किसानों को सिंचाई की सुविधा के लिए कुआं निर्माण करने के लिए अनुदान दिया जाता है, जो केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों मिलकर वहन करती है। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी कि मनरेगा के तहत चलाई जा रही योजना “कूप निर्माण योजना” के माध्यम से अब निजी जमीन पर भी कुएं का निर्माण हो सकेगा। इसका लाभ लेकर किसान कुआं निर्माण करा रहे हैं और दोहरी फसल का लाभ ले पा रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ के जिला अंबिकापुर में किसान के खेत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA Yojana) के माध्यम से कुआं का निर्माण किया गया है, जिससे वे अब वर्ष भर कई फसलों का लाभ ले पा रहे हैं। इस पोस्ट में कूप निर्माण योजना के नियम एवं योजना संबंधित पूरी जानकारी दी जा रही है। 

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पानी की जरूरत हो रही पूरी (Water needs are being met)

दरअसल, सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए मनरेगा के तहत कुआं निर्माण करवाया जाता है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की गाइडलाइन के अनुसार मनरेगा के तहत कमजोर वर्ग के किसानों के लिए निजी भूमि पर सिंचाई सुविधा के लिए कूप निर्माण किया जाता है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के विकास खंड बतौली के ग्राम पंचायत मंगारी निवासी राममिलन द्वारा अपने निजी खेत में मनरेगा से कुआं निर्माण कराया गया है। हितग्राही किसान राम मिलन बताते हैं कि कूप निर्माण के बाद सिंचाई सुविधा मिलने से अब बारिश के पानी पर निर्भरता कम हो गई है, साथ ही फसल या सब्जियों की पैदावार के लिए वर्षभर पानी भी आसानी से अपने ही कुएं से मिलने लगा है। दैनिक कार्यों एवं सिंचाई में पानी की जरूरतें पूरी हो रही हैं। 

प्राप्त हुई 2.99 लाख रुपए की स्वीकृति (Approval of Rs 2.99 lakh received)

राममिलन अपना अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि महात्मा गांधी नरेगा योजना (Mahatma Gandhi NREGA Scheme) के तहत हितग्राही मूलक कार्यों में कुआं निर्माण के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन फॉर्म दिया था, जिस पर ग्राम के तकनीकी सहायक द्वारा तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर जनपद से जिले को भेजा गया और फिर वहां से कुएं के निर्माण के लिए उन्हें 2.99 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई। कूप के निर्माण में कार्यक्रम अधिकारी संतोषी पैंकरा व तकनीकी सहायक शशांक सिंह का पूरा मार्ग दर्शन और सहयोग मिला, जिससे जल्दी ही कुएं का निर्माण कार्य पूरा हुआ। 

बता दें कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कपिलधारा कूप योजना के तहत 12 मीटर गहराई के प्रति कूप के लिए इकाई लागत 2 लाख रुपए निर्धारित की गई है। हितग्राही को प्रथम चरण में कूप की खुदाई 6 मीटर तक के लिए 43,440 रुपए,  द्वितीय चरण- कुंआ खुदाई 12 मीटर तक के लिए 91,040 रुपए, तृतीय चरण- कूप बंधाई खेत स्तर तक के लिए 62000 रुपए और चतुर्थ चरण- रिचार्जिंग संरचना, मुंडेर (पेरापेट) एवं जगत पूर्ण सूचना फलक निर्मित कर कार्य पूर्ण करने के लिए 43,547 रुपए दिए जाएंगे।

मनरेगा श्रमिकों को मिला रोजगार (MNREGA workers got employment)

इस मनरेगा योजना से, जहां किसान राममिलन को उनके आवश्यकता अनुरूप कुएं की सुविधा मिली, वहीं इस निर्माण कार्य से 600 मानव दिवस अर्जित हुए और मनरेगा श्रमिकों को भी रोजगार मिला। मनरेगा योजना के तहत किसी पुराने कुएं का जीर्णोद्धार नहीं किया जाएगा। जहां सिंचाई की व्यवस्था नहीं होती। वहां कुआं का निर्माण कराया जाता है। इस योजना के तहत सार्वजनिक स्थलों के साथ-साथ निजी जमीन पर भी कुआं का निर्माण कराया जाता है। इससे संबंधित विभाग द्वारा यह इसलिए बनाया गया है, ताकि कुआं निर्माण से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके। सरकार द्वारा मनरेगा कुआं निर्माण योजना (MANREGA Kuan Nirman Yojana) के तहत उन प्रखंडों में कुआं निर्माण कराया जाता है, जहां सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधन नहीं है। वहां कुआं निर्माण कराकर सिंचाई का साधन उपलब्ध कराया जाता है। कुआं निर्माण से क्षेत्र का जलस्तर बना रहता है। यह प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्जर है। साथ ही यह पर्यावरण के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। 

इन फसलों की लगाते हैं खेती (MNREGA workers got employment)

हितग्राही राममिलन के पास चार एकड़ जमीन है जो कि असिंचित थी, अब सिंचाई का साधन कुआं मिलने से उपयोग में आने लगी है। वर्तमान में उनके द्वारा खेती कर अच्छी आय प्राप्त की जा रही है। वे बताते हैं कि उनको अब धान का थरहा खरीदना नहीं पड़ता, सिंचाई की सुविधा के कारण समय से धान लगाते हैं। इससे पूर्व वे गेंहू की खेती नहीं कर पाते थे। अभी गेंहू की खेती के साथ आलू, अरहर और मकई फसल आदि की खेती भी कर पा रहे हैं। शासन की योजना और प्रशासन की टीम के सहयोग से हुई इस सहूलियत के लिए किसान राममिलन छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।

मनरेगा कुआं निर्माण योजना के लिए पात्रता (Eligibility for MNREGA well construction scheme)

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमन्तु जनजाति, अधिसूचना में से निकाली गई अनुसूचित जनजाति, अन्य बी.पी.एल. परिवार मनरेगा कुआं निर्माण योजना में लाभ के पात्र है। ऐसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार जिनकी मुखिया महिला हो, ऐसे परिवार जिनके मुखिया विकलांग हो, भूमि सुधार के लाभार्थी परिवार इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, लघु एवं सीमान्त किसान (कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना 2008 में लिए गए) वे योजना से लाभ ले सकते हैं।

कुंआ निर्माण के लिए हितग्राहियों का चयन (Selection of beneficiaries for well construction)

हितग्राही को कुएं निर्माण के लिए मनरेगा के तहत आवेदन देना होता है। यह आवेदन ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग या ग्राम पंचायत में किया जा सकता है। ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन की प्रक्रिया पूरी होगी। विधवा अथवा परित्यक्ता महिला जिस पर परिवार की आजीविका निर्भर हो, उन्हें इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के परिवार एवं (ii) अन्य क्षेत्रों में अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार को योजना में द्वितीय प्राथमिकता दी जाती है। जिन किसानों के पास पूर्व से कुएं अथवा सिंचाई के साधन हो, वे अपात्र माने जाएंगे। पंचायती राज पदाधिकारियों / सेवकों / मानदेय पर कार्यरत व्यक्तियों तथा शासकीय सेवकों के परिवारों के किसी सदस्य का चयन आवश्यक हो, तो हितग्राही के लिए स्वीकृति जारी करने के पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत से लिखित अनुमति ली जाए। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा चिन्हित अति दोहित एवं दोहित श्रेणी में वर्गीकृत विकासखंडो की सूची संलग्न परिशिष्ट-1 अनुसार है। मनरेगा योजना के तहत हितग्राही का चयन करने के उपरांत चयनित लाभार्थी के लिए कपिलधारा कूप ग्राम पंचायत की कार्ययोजना में सेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।

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