खेती को फायदेमंद बनाने के लिए सरकार कई तरह से प्रयास कर रही है। किसानों को खाद-बीज व कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जा रही है। फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। न्यूनतम ब्याज पर लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। खेतों में सिंचाई के लिए सिंचाई यंत्र सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं। बिजली बिल में राहत दी जा रही है। इसके अलावा अन्य कई तरीकों से केंद्र व राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास में जुटी हुई है। अब नए साल 2025 से किसानों को बैंक लोन में बड़ी राहत मिलेगी। किसानों को बिना जमानत (कौलैटरल फ्री) दो लाख रुपए का लोन मिल सकेगा। इस संबंध में रिजर्व बैंक ने घोषणा की है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट के माध्यम से जानें कि किन किसानों को बिना जमानत के 2 लाख रुपए का लोन मिलेगा और सरकार की प्रमुख शर्तें क्या-क्या होंगी।
देश के छोटे और सीमांत किसानों को खेती की बढ़ती लागत के बीच सहायता प्रदान करने के लिए यह नई पहल है। अब किसानों को बिना जमानत के 2 लाख रुपए का लोन मिल सकेगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने किसानों के लिए बिना किसी जमानत के लोन की सीमा 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। इस लोन राशि पर किसानों को सबसे कम ब्याज चुकाना होगा। यह नया नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। इस फैसले से किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या में भी इजाफा होगा। बैंकों को इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
देश में महंगाई के साथ-साथ खेती की लागत भी बढ़ रही है। किसानों को कृषि कार्यों व मजदूरी पर पहले से अधिक राशि खर्च करनी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें अधिक नकदी की आवश्यकता होती है जिसे वे विभिन्न स्त्रोतों से लोन लेकर पूरा करते हैं और ज्यादा ब्याज चुकाते हैं। किसानों की इस समस्या को समझते हुए यह कदम उठाया गया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार यह निर्णय बढ़ती लागत और किसानों के लिए ऋण सुलभता में सुधार की आवश्यकता के लिए लिया गया है। इस उपाय से छोटे और सीमांत किसानों को काफी लाभ होगा जो 86 प्रतिशत की भागीदारी रखते हैं। नए निर्देश में देशभर के बैंकों से प्रत्येक उधारकर्ता के लिए दो लाख रुपये तक के कृषि और संबद्ध गतिविधि ऋण के लिए जमानत और मार्जिन आवश्यकताओं को माफ करने को कहा गया है।
आरबीआई के इस फैसले से किसानों की केसीसी लोन तक आसान पहुंच होगी। पहले किसानों को बिना जमानत के 1.60 लाख रुपए का लोन मिलता था अब 2 लाख रुपए का लोन मिल सकेगा। यह सरकार की संशोधित ब्याज सहायता योजना का विकल्प होगा, जो 4 प्रतिशत की प्रभावी ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन उपलब्ध कराती है। इस पहल को कृषि क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। इस कदम से किसानों को एनबीएफसी और निजी क्षेत्र के बैंकों के महंगे ब्याज से बचाया जा सकेगा जो 8 फीसदी से लेकर 12 फीसदी तक ब्याज वसूलते हैं।
भारत में किसानों के लिए बिना गारंटी वाले लोन की शुरुआत सन् 2010 से हुई थी। उस समय केंद्री बैंक ने एक लाख रुपए का लोन बिना गारंटी के देने की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने 2019 में बिना जमानत वाले कृषि ऋणों की सीमा को संशोधित किया था, जब इसे 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए किया गया था। इसके अलावा डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंसियल सर्विसेज ने फरवरी 2019 में छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए ₹3 लाख तक के केसीसी/फसल ऋणों के लिए प्रोसेसिंग, डॉक्यूमेंटेशन, इंस्पेक्शन और लेजर फोलियो चार्जेज समेत अन्य सभी सेवा शुल्क भी माफ कर दिए थे।
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