पीएम आवास योजना-ग्रामीण (PM Housing Scheme- Rural) के तहत राज्यों में आवासहीन या कच्चे/अर्धपक्के घरों/आवास में निवास करने वाले पात्र परिवारों को बुनियादी सुविधाओं युक्त पक्के आवास उपलब्ध कराए जाते हैं। गांव-गांव तक पक्का घर पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकारों द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है। इस बीच पीएम आवास योजना-ग्रामीण के लिए एक ताजा अपडेट सामने आया है, जिसके मुताबिक, मध्यप्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में तीन विशेष पिछड़ी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सभी पात्र परिवारों के पक्के घरों की सौगात दी जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) के तहत यह पहल प्रदेश में की जा रही है। 'सबको पक्का घर' देने के लक्ष्य की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश के पीवीटीजी आबादी बहुल 24 जिलों में बड़ी संख्या में जनजातीय (पीवीटीजी) परिवार सर्वेक्षित किए गये थे। सभी चिन्हित / पात्र परिवारों को पक्के घर बनाकर देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा दो चरण में कुल एक लाख 87 हजार 138 पीएम आवासों को मंजूरी दी जा चुकी हैं। पीएम जन-मन अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी समूहों को उनके कठिन जीवन से राहत दिलाना और उनके आवासीय जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। यह पहल मध्यप्रदेश के जनजातीय परिवारों को कच्चे घरों की समस्याओं से मुक्ति और उन्हें स्थायी आवास की सुविधा प्रदान करेगा।
'पहले चरण में' प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 1 लाख 54 हजार पीएम आवासों को मंजूरी दी गई थी। इनमें वित्त वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में 1 लाख 44 हजार 200 पक्के घरों का निर्माण कार्य पूरा कर लेना तय किया गया। लगभग 288 करोड़ 400 लाख रुपए की लागत से बनने वाले इन पक्के घरों का निर्माण कार्य दिसम्बर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 36 हजार 720 से अधिक पक्के आवासों का निर्माण कार्य पूरा कर संबंधित पीवीटीजी लाभार्थियों को प्रदाय किए जा चुके हैं। केन्द्र सरकार द्वारा इन पक्के आवासों के निर्माण के लिए पीएम आवास की राशि चरणबद्ध रूप से लाभार्थियों के बैंक खाते में अंतरित की गई। पहली किश्त में 1 लाख 4 हजार 242 हितग्राहियों, दूसरी किश्त में 80 हजार 866 हितग्राहियों तथा तीसरी किश्त में 56 हजार 198 लाभार्थियों को निर्माण राशि उनके खाते में हस्तांतरित की गई है।
इस महाअभियान के 'दूसरे चरण' में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा मध्यप्रदेश को 33 हजार 138 अतिरिक्त आवास स्वीकृत किए गए हैं। मंत्रालय द्वारा इस बार प्रदेश के 21 जिलों में निवासरत शेष ऐसे पीवीटीजी परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें पक्के घर नहीं मिले थे। केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा श्योपुर जिले को 7561, शिवपुरी को 5154, उमरिया को 4092, शहडोल 2591, अशोकनगर 2294, गुना 2084, सिंगरौली 1895, डिंडोरी 1532, अनूपपुर 1522, सीधी 1042, मंडला 903, मुरैना 695, विदिशा 448, बालाघाट 401, ग्वालियर 266, छिंदवाड़ा 202, नरसिंहपुर 158, सिवनी 117, दतिया 110, जबलपुर 42 एवं रायसेन जिले को 29 पीएम (पक्के) आवास मंजूरी दी गई।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में तहत इन सभी स्वीकृत आवासों का निर्माण किया जा रहा है। इस महाअभियान के तहत दो चरणों में मध्यप्रदेश को अब तक 1 लाख 87 हजार 138 पीएम आवास की मंजूरी दी जा चुकी है। पीवीटीजी परिवारों के लिए इन नवनिर्मित पक्के घरों में विद्युतिकरण का कार्य केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय के तकनीकी मार्गदर्शन में प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा कार्ययोजना के अनुरूप चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सभी पीवीटीजी बहुल गांवों तक संपर्क / पहुंच रोड का निर्माण भी चरणबद्ध तरीके से कराया जा रहा है। इस अभियान से प्रदेश के हजारों पीवीटीजी परिवारों को कच्चे आवासों की कठिनाइयों से राहत मिल रही है। इन पक्के घरों से न केवल पीवीटीजी परिवार की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि आपदाओं और अन्य जोखिमों से इन्हें सुरक्षा भी मिलेगी।
नवंबर 2023 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24,104 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा : 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा : 8,768 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य 9 संबंधित मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करना है। 2023-24 के बजट भाषण में, यह घोषणा की गई थी कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए एक प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच के साथ-साथ बेहतर सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी और पीवीटीजी घरों और आवासों को स्थायी आजीविका के अवसर जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है। इस मिशन को लागू करने के लिए अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत अगले तीन वर्षों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
यह महाअभियान पीवीटीजी परिवारों को व्यक्तिगत अधिकार और बुनियादी सुविधाओं के साथ बस्तियों को संतृप्त करने के उद्देश्य से एक प्रयास है, जिससे इन आदिवासी समुदायों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा सके। अभियान अवधि के दौरान आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र और जन धन खाते प्रदान किए जाएंगे क्योंकि ये अन्य योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड आदि जारी करने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं। इस पहल से उन सभी जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) परिवारों को कवर किया जाएगा जो दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण वंचित रह गए हैं। इस योजना के तहत उनके दरवाजे पर ये सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए हाट बाजार, सीएससी, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जा रहा है।
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