Subsidy on garlic Farming : वर्तमान बाजार दरों के अनुसार, लहसुन का भाव 324 से 440 रुपए प्रति किलोग्राम है। लहसुन की बढ़ती मांग और कीमतों का असर सीधे आमजन जेब पर साफ दिखाई दे रहा है। यहां तक कि कई लोगों ने लहसुन (garlic) के इस्तेमाल को सीमित कर दिया है या इसे खाना ही छोड़ दिया है। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। प्रदेश सरकार आसमान छूती लहसुन की कीमतों को काबू करने और इसकी मांग को पूरा करने हेतु प्रदेश में किसानों को लहसुन की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए एक विशेष योजना लागू की गई, जिसके अंतर्गत लहसुन की खेती (Lahsun Farming) करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा। साथ ही किसानों को सस्ते दाम पर लहसुन का बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा। भारत सरकार के सहयोग से संचालित होने वाली इस योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में दस हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती (garlic Farming) करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में लहसुन की खेती को बढ़ावा देने हेतु सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन (Integrated Horticulture Development Mission) के तहत विशेष योजना तैयार की है। यह मिशन केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इस मिशन के अंतर्गत केन्द्रांश 60 प्रतिशत तथा राज्यांश 40 प्रतिशत तय किया गया है। प्रदेश के 45 जिलों में इस विशेष योजना को लागू किया जा रहा है, जिनमें सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, बरेली, मुरादाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, हाथरस, कानपुर, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, रायबरेली, बाराबंकी, सुल्तानपुर, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संत कबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलिया, कुशीनगर, महराजगंज, बांदा, हमीरपुर, जालौन, चित्रकूट, महोबा, ललितपुर, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, गोरखपुर, झांसी, अयोध्या एवं फर्रूखाबाद जनपद शामिल हैं।
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि, इस विशेष योजना के तहत उद्यान विभाग द्वारा प्रदेश में लहसुन की खेती पर अनुमन्य इकाई लागत प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये की तय की है, जिस पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 12 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। प्रति किसान को यह अनुदान न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर से अधिकतम 4.0 हेक्टेयर क्षेत्र में लहसून की खेती पर उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत 10 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में लहसुन की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए इस योजना के प्रस्ताव को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, उद्यान अनुभाग, भारत सरकार को भेजा गया था, जिस पर केंद्र ने अनुमति भी प्रदान कर दी है।
मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने लहसुन की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के तहत विशेष योजना लागू की है। इसके तहत प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपए की इकाई लागत तय की गई है। इसके अलावा किसानों को लहसुन के बीज सस्ते दाम पर देने की तैयारी की गई है। लहसुन का बीज राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। बीज की कीमत 370 से 390 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच निर्धारित की गई है। प्रदेश में लहसुन की खेती (Garlic Cultivation) को प्रोत्साहित करने का सरकार का उद्देश्य लहसुन की बढ़ती मांग और उसकी बढ़ती कीमतों को थामने का है।
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित इस योजना को प्रदेश के 45 जनपदों में लागू किया जा रहा है। इन जनपदों में किसानों को इस योजना का लाभ पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। लहसुन की खेती (Garlic Cultivation) करने के इच्छुक किसान अपने जनपद के जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर योजना में पंजीकरण करा सकते हैं। इसके अलावा, किसान उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट http://dbt.uphorticulture.in पर योजना में ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। किसान चाहे स्वय: या ग्राहक सेवा केंद्र की मदद से यह पंजीकरण (Registration) करा सकते हैं।
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