धरती के अस्तित्व को बचाने एवं केमिकल मुक्त खाद्य उत्पादन के लिए देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारों द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है। इनके अंतर्गत किसानों को सरकारी सहायता समेत अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस बीच हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय एवं पशु बाड़े का फर्श पक्का करने के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। इसमें प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने और गौशाला का फर्श पक्का करने पर कुल 41 हजार रुपए का अनुदान सरकार की तरफ से मिलेगा। इस संबंध में जानकारी एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी (ATMA) के अधिकारी द्वारा दी गई।
हमीरपुर जिले के मंझिआर गांव में प्राकृतिक खेती पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) की सहायक तकनीकी प्रबंधक नेहा भारद्वाज ने कहा, राज्य में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 33,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा और इसके साथ ही गौशाला का फर्श पक्का करने के लिए 8,000 रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इस प्रकार पशुपालकों को कुल 41 हजार रुपए का अनुदान सरकार की ओर से दिया जाएगा।
प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर जागरूकता शिविर के दौरान उन्होंने कहा कि खेती की इस पद्धति में रासायनिक उर्वरकों व जहरीले कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। प्राकृतिक खेती (Natural Farming) से पैदा होने वाली फसलें स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होती हैं और इसमें खेती की लागत भी कम आती है। उन्होंने बताया कि इस खेती को अपनाकर किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं तथा पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे सकते हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोत्साहन नीति से प्रदेश में प्राकृतिक खेती का रकबा बढ़ेगा। इसके अलावा, गौपालन करने से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। किसान दूध, घी, दही और मक्खन बेचने के अलावा, देशी गाय के गोबर का इस्तेमाल प्राकृतिक खेती में खाद के रूप में कर पाएंगे।
शिविर के दौरान उन्होंने स्थानीय गायों की नस्लों साहीवाल, रेड सिंधी, राठी, धार और पार्कर के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी और राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना के बारे में भी किसानों को बताया। शिविर में किसानों को मटर की खेती के लिए उन्नत बीज भी वितरित किए गए। जानकारी के लिए बता दें कि भारत सरकार द्वारा देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए भारत सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देगी। उन्हे प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रही है। इसके अलावा, तीन साल तक किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए उनके खातों में पैसा भेज रही है। बिना केमिकल के उत्पादन के साथ स्वाद बढ़ाने के लिए भारत सरकार संकल्पित है। इस दिशा में लगातार काम भी किया जा रहा है। देश के वैज्ञानिक बिना केमिकल के उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
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