मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना : सोलर फेंसिंग के लिए सरकार खर्च करेगी 50 करोड़ रुपए

पोस्ट -10 फ़रवरी 2024 शेयर पोस्ट

सोलर फेंसिंग के लिए सरकार खर्च करेगी 50 करोड़ रुपए, इन किसानों को मिलेगा लाभ

सोलर फेंसिंग योजना : सुरक्षित फसल उत्पादन के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत सरकार द्वारा किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के सुरक्षा उपकरणों की खरीद एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस बीच उत्तर प्रदेश में छुट्टा आवारा पशुओं और जंगली जानवरों से भी किसानों को जूझना पड़ रहा है। इन दिनों छुट्टा पशुओं से किसानों को अपनी रबी सीजन फसलें जैसे गेहूं, सरसों, चना, मटर और मसूर को बचाना मुश्किल हो रहा है। प्रदेश में किसानों को इस सबसे बड़ी समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने सोलर फेंसिंग का प्रावधान किया है, जिसके लिए इस वर्ष 2024-25 के बजट में सरकार ने 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की है। इस राशि के तहत किसानों को छुट्टा पशुओं के छुटकारा दिलाने के लिए उनके खेतों में सोलर फेंसिंग का कार्य किया जाएगा। हालांकि सोलर फेंसिंग के लिए आवंटित इस रकम को पर्याप्त नहीं बताया जा रहा है, क्योंकि इस योजना का इंतजार किसान पिछले एक साल से कर रहे थे।

इस राशि को अपर्याप्त बता रहे हैं किसान

किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए प्रदेश सरकार ने अपने बजट में कृषि क्षेत्र (Agri Sector) के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के वार्षिक बजट में राज्य में कृषि क्षेत्र के लिए 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सरकार ने बजट (UP budget 2024) में किसानों  के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 2400 करोड़ रुपए की रकम का प्रावधान किया है। पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। हालांकि किसान इस प्रस्तावित बजट को अपर्याप्त बता रहे हैं।

किसानों के लिए खेत सुरक्षा सहित शुरु होगी ये योजनाएं

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाओं के बजट का आकार बढ़ाया है, तो बजट में किसानों के लिए कई नई योजनाएं शुरू करने की घोषणा की है। सोलर सिंचाई पंप की स्थापना के लिए बजट में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि की गई है तो वहीं छुट्टा पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए योगी सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना की घोषणा की है। कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए राज्य में कुल 460 करोड़ रुपए के बजट के साथ राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खंडों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन- ऑटोमैटिक रेन गेज की स्थापना करने की योजना प्रारंभ करने की घोषणा सरकार ने अपने बजट में की है।

ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन और ऑटोमेटिक रेन गेज योजना पर खर्च होंगे 60 करोड़ रुपए

वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों के लिए सटीक मौसम की जानकारी बेहद जरूरी है। किसान अभी तक मौसम विभाग के ऐप से ही मौसम की जानकारी प्राप्त करते हैं या अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से मौसम की जानकारी लेते हैं, लेकिन अब प्रदेश सरकार ने मौसम की सटीक जानकारी देने के उद्देश्य से विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खंडों एवं ग्राम पंचायतों में ही विंड्स कार्यक्रम के तहत ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन- ऑटोमैटिक रेन गेज की स्थापना करने की घोषणा की है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने बजट में 60 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। वहीं, खेती में फसलों की मुफ्त सिंचाई और ऊर्जा की बचत के साथ किसानों को हरित ऊर्जा सुविधा देने के लिए पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंपों की स्थापना के लिए 449.45 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है जो मौजूदा वित्त वर्ष की अपेक्षा दोगुनी से भी अधिक है।

क्या है मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना

राज्य में कुल 160.95 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कृषि की जाती है। यहां किसानों द्वारा गेहूं, सरसों, चना, मटर और मसूर आदि फसलों का उत्पादन प्रमुखता से किया जाता है। हालांकि प्रदेश में किसानों काे फसलों से अच्छे उत्पादन के लिए कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इनमें किसानों की सबसे बड़ी समस्या छुट्टा पशु और जंगली जानवरों की है। राज्य में प्रत्येक फसल सीजन में इनसे किसानों को काफी मोटा नुकसान उठना पड़ता है। किसानों की इन्हीं समस्या को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना की शुरूआत की। इस योजना के तहत किसानों को फसल की रक्षा करने के लिए अपने खेतों में फेंसिंग (बाड़ बंधी) करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है।  छोटे एवं सीमांत किसानों को इस योजना में प्राथमिकता दी जाती है। सौर बाड़ से खेतों को घेरने के लिए किसानों को प्रति हैक्टेयर लागत पर 60 प्रतिशत या अधिकतम 1.43 लाख रुपए की सब्सिडी का लाभ मिलता है।

किस प्रकार खेतों की सुरक्षा करता है सोलर फेंसिंग

दरअसल, खेतों की सुरक्षा के लिए 12-वोल्ट करंट वाले सोलर फेंसिंग बाड़ से खेतों को घेरा जाता है। सोलर फेंसिंग, बाड़ में सौर ऊर्जा के जरिए 12-वोल्ट करंट छोड़ जाता है, जिसके संपर्क में आने से पशुओं व जंगली जानवर को सिर्फ हल्का झटका लगता है और सोलर फेंसिंग में लगा सायरन भी बजने लगता है, जिससे पशु डर के खेत से दूर चले जाते हैं। सोलर बाड़ में प्रवाहित 12 वोल्ट का सौर ऊर्जा करंट एक प्रकार का वार्निंग करंट है, जिससे पशुओं को किसी प्रकार की कोई जान हानि नहीं होती है। यह सिर्फ पशुओें पर मनोवैज्ञानिक असर डालता है। एक-दो बार सोलर फेंसिंग से करंट का झटका खाने के बाद मवेशी या जंगली जानवर दोबारा उस खेत की ओर नहीं आता है और किसानों के खेतों में लगी फसल की सुरक्षा पशुओं को बिना नुकसान पहुचाए हो जाती है।

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