देश में हर साल लाखों किसानों की फसल सूखा, ज्यादा बारिश, कम बारिश, ओलावृष्टि व अन्य प्राकृतिक कारणों से बर्बाद हो जाती है। केंद्र व राज्य सरकारें अपनी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करते हैं, लेकिन आर्थिक मदद की राशि कम होने के कारण किसान घाटे से उबर नहीं पाते हैं। पिछले साल 2023 में खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक के किसानों को सूखा के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा। किसानों ने फसल की बुवाई तो कर दी लेकिन बारिश के अभाव में फसलों से पैदावार नहीं मिल पाई। सरकार के बयानों के अनुसार इससे कर्नाटक के किसानों को करीब 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है। अब सरकार सूखा प्रभावित लघु और सीमांत किसानों को मुआवजा वितरण कर रही है। कर्नाटक सरकार के नए बयान के अनुसार प्रदेश के 16 लाख किसानों को 3-3 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अगर आप कर्नाटक के किसान हैं और सूखा राहत मुआवजा पाना चाहते हैं तो ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया अपने कार्यक्रमों के दौरान किसानों के दर्द को उठा चुके हैं। वे लोगों को बता रहे हैं कि खरीफ सीजन 2023 के दौरान राज्य में 42 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों को 30 हजार करोड़ का घाटा झेलना पड़ा है। राज्य के 240 तालुकों में से 223 को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था। 196 तालुका गंभीर सूखा प्रभावित माने गए हैं। सिद्धारमैया का कहना है कि फसलें तो उग गई थी लेकिन पैदावार नहीं होने के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
कर्नाटर में सूखा प्रभावित किसानों में सबसे पहले लघु और सीमांत किसानों को सरकार की ओर से 3 हजार रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने किसानों की मदद करने की घोषणा करते हुए कहा है कि राज्य के करीब 16 लाख किसान परिवारों को 3 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूखे के कारण किसानों को अपनी आजीविका का नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार ने किसानों की मदद के लिए प्रत्येक पीड़ित किसान का 3000 रुपए देने का निर्णय लिया है।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि किसानों को आर्थिक मदद का भुगतान एसडीआरएफ और एनडीआरएफ दोनों फंडों से किया जाएगा। राज्य सरकार भी अपने फंड से सहायता करेगा। कुल मिलाकर किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 460 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित कर किसानों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए कहा गया है।
कर्नाटक सरकार प्रदेश के 223 सूखाग्रस्त तालुकाओं में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कुल 43 हजार करोड़ रुपए किसानों के खातों में जमा कराएगी। इस प्रक्रिया को पूरा करने में 20 दिन का समय लग सकता है। राजस्व मंत्री के अनुसार सरकार की ओर से पहले ही 32 लाख किसानों के खातों में 3 हजार करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। सरकार किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कभी भी पीछे नहीं रहेगी।
कर्नाटक में किसानों की आर्थिक मदद के लिए 3454 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिल चुके हैं। राज्य सरकार अब तक 32.12 लाख किसानों के खाते में पूरी राहत राशि जमा करा चुकी है। राजस्व मंत्री के अनुसार पहली और दूसरी किस्त मिलाकर किसानों के बैंक खातों डीबीटी के माध्यम से 3 हजार करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं। वहीं सत्यापन में कमी के कारण 1.5 लाख किसानों के खातों में दूसरी किस्त की राशि जमा नहीं कराई गई है जिसे जल्द ही जारी किया जाएगा। यह जारी होने के बाद 33 लाख से अधिक किसानों को राहत मिल जाएगी।
राज्य में वर्षा आधारित और सिंचित फसलों के लिए मुआवजा वितरित किया जाएगा। कई तालुकाओं की लाभार्थी सूची में बड़ी संख्या में किसानों के नाम छूट गए थे। ऐसे किसानों की संख्या करीब 3 लाख बताई गई है। सरकार की ओर से इन किसानों को भी 400 से 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की जाएगी। सत्यापन के बाद 10 दिनों में राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी।
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