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ई-मंडी प्लेटफार्म : किसानों के खेतों से अब सीधे होगी फसलों की खरीद

ई-मंडी प्लेटफार्म : किसानों के खेतों से अब सीधे होगी फसलों की खरीद
पोस्ट -19 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

ई-मंडी प्लेटफार्म : अब किसानों के खेतों से सीधे होगी फसलों की सरकारी खरीद, जाने और क्या मिलेंगे लाभ।

E-Mandi Platform : फसल काटने के बाद किसान पैदावार को सरकारी भाव से खरीददारों को बेच सके, इसके लिए भारत सरकार द्वारा ई-नाम (e-NAM) और ई-समृद्धि (E-Samridhi) पोर्टल लॉन्च किया गया है। इनमें पंजीकृत किसानों से उनकी पैदावार की ऑनलाइन खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर एनएएफईडी और एनसीसीएफ द्वारा की जाती है। वहीं, मंडी व्यापारी और खरीदार भी एमएसपी पर किसानों की फसल खरीदने के लिए बाध्य हैं। केंद्र से प्रेरित होकर कई राज्य सरकारों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से किसानों की फसलों की ऑनलाइन खरीददारी सीधे खेतों से करने का प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि किसानों को उनकी पैदावार के लिए लाभकारी मूल्य मिल सके। इसकी कड़ी में राजस्थान की भजन लाल सरकार राज्य के किसानों के लिए ऑनलाइन ई-मंडी प्लेटफार्म की व्यवस्था शुरू करने जा रही है, ताकि किसान अच्छे भाव से फसल को सीधे खेत से ही बेच सके।

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मंडियां होंगी डिजिटल (Mandis will be digital)

राजस्थान के शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि, राजस्थान सरकार ने किसानों को उनकी उपज के अच्छे भाव दिलाने के लिए ऑनलाइन ई-मंडी प्लेटफार्म की सुविधा देने की घोषणा अपने बजट 2024-25 में की थी। ई-मंडी प्लेटफार्म के माध्यम से सीधे कृषकों के खेत से फसल खरीद की सुविधा प्रदान करना शामिल है। प्रदेश की सभी मंडियां ई-प्लेटफार्म के माध्यम से डिजिटल होगी। ई-मंडी प्लेटफार्म के माध्यम से किए जाने वाली संपूर्ण मंडी समिति की प्रक्रिया जैसे आवक से लेकर जावक गेट पास की संपूर्ण प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा। इसमें मुख्यतया ई-ऑक्शन एवं ई-भुगतान प्रक्रिया को अपनाया जायेगा। ई-ऑक्शन के माध्यम से व्यापारियों को किसी भी स्थान पर भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना ही भाव लगाने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।

अध्ययन के लिए अधिकारियों का दल मध्यप्रदेश भेजा (A team of officers was sent to Madhya Pradesh for study)

शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी ने बताया कि बजट घोषणा के क्रियान्वयन के क्रम में मध्यप्रदेश में संचालित ई-मंडी प्लेटफार्म का अध्ययन करने हेतु राजस्थान कृषि विपणन विभाग के पांच अधिकारियों का दल उज्जैन एवं देवास मंडी के भ्रमण के लिए भेजा गया। अध्ययन दल द्वारा भ्रमण कर प्राप्त सूचना व व्यवहारिक रूप से संचालित गतिविधियों को समझने एवं देखने के बाद मध्यप्रदेश की मंडियों में संचालित ई-मंडी प्लेटफार्म, ई-अनुज्ञा, ई-मंडी, और फार्मगेट को राजस्थान में लागू किए जाने के संबंध में सुझाव प्रस्तुत किया। राज्य के कृषि विपणन निदेशक राजेश चौहान ने बताया कि बजट घोषणा के क्रियान्वयन के लिए खेत से खरीद की परिकल्पना को पूर्ण करने एवं नियमन व्यवस्था को सुदृढ करने हेतु ई-मंडी प्लेटफार्म तैयार किया जाना प्रस्तावित हैं। इससे राजस्थान के कृषकों एवं व्यापारियों को बेहतर विपणन सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।

ई-मंडी प्लेटफार्म से किसानों को होने वाले लाभ (Benefits to farmers from e-mandi platform)

कृषि विपणन निदेशक ने बताया कि ई-मंडी प्लेटफार्म की व्यवस्था विकसित होने से कृषक को अपने खेत से राज्य की किसी भी मंडी समिति में कृषि जिन्स के विक्रय के विकल्प की सुविधा प्राप्त हो सकेगी यानी किसान कहीं से भी कभी भी ई-मंडी प्लेटफार्म के माध्यम से अपनी फसल उपज सरकारी भाव या  बाजार रेट पर बेच सकेगा। इससे बिना किसी बिचौलियाें के किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सकेगा। इसके अलावा, मंडी समिति को सभी प्रकार की सूचनाएं पंजीकृत व्यापार, मंडी में आने वाले किसान, मंडी शुल्क, भाव एवं आवक-जावक रिकॉर्ड ब्यौरा एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो सकेगी। ई-पेमेंट (E-Payment) की सरल प्रक्रिया के माध्यम से कृषकों एवं व्यापारियों को सुगमता होगी। साथ ही मंडी रिकॉर्ड एवं नियमन की दृष्टि से अनियमितता कम हो सकेगी। किसान खेत से अपनी पैदावार की पूर्ति एवं व्यापारी की डिमांड के आधार पर फैसला ले सकेंगे। वहीं, किसानों को खेत में ही सरकारी भाव से भी अच्छे रेट में उपज की हाथों–हाथ बिक्री हो सकेगी। खरीददार खेतों में ही किसान के पास पहुंचकर मंडी भाव के हिसाब से उपज खरीद कर बेच सकेंगे।

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