अंतरिम बजट 2024 : आगामी लाेकसभा चुनावों के कारण इस वर्ष का अंतरिम बजट 1 फरवरी 2024 को संसद में राज्यसभा और लोकसभा की संयुक्त बैठक में पेश किया जाएगा। इस अंतरिम बजट में मोदी सरकार कृषि ऋण (एग्री लोन) लक्ष्य को 22-25 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने की घोषणा से लेकर अमीर किसानों को आयकर के दायरे में लाने तक के बड़े प्रस्ताव पर ऐलान कर सकती है। फिलहाल एक प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है जिस पर मंथन जारी है। अब खबरें आ रही हैं कि आने वाले अंतरिम बजट 2024 में किसानों को केंद्र सरकार की ओर से बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। सरकार आगामी अंतरिम बजट (Interim Budget) में अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि कर्ज (एग्री लोन) लक्ष्य को 22 से 25 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक पात्र किसान की संस्थागत वित्त (इंस्टीट्यूशनल क्रेडिट) तक पहुंच हो, सूत्रों ने यह जानकारी दी। चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का कृषि ऋण (Agricultural Loan) लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपए है।
वर्तमान में, केंद्र सरकार सभी वित्तीय संस्थानों (financial institutions) व सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) के लिए 3 लाख रुपए तक के अल्पकालीन कृषि ऋण (शॉर्ट-टर्म एग्री लोन) पर 2 प्रतिशत की ब्याज छूट प्रदान करती है। इसका मतलब है कि किसानों को प्रति वर्ष 7 प्रतिशत की रियायती दर पर 3 लाख रुपए तक का कृषि ऋण (Agricultural Loan) मिल रहा है। इसमें समय पर ऋण का भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष 3 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज छूट (ब्याज सब्सिडी) भी प्रदान की जा रही है। किसान लॉन्गटर्म लोन (दीर्घकालिक ऋण) भी ले सकते हैं, परंतु इस पर ब्याज दर, बाजार रेट के अनुसार होती है। सूत्रों ने कहा कि आने वाले अंतरिम बजट में मोदी सरकार वित्तवर्ष 2024-25 के लिए एग्री-लोन लक्ष्य बढ़ाकर 22-25 लाख करोड़ रुपए कर सकती है।
वर्तमान में, केंद्र सरकार द्वारा एग्री-लोन (कृषि-ऋण) पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है और छूटे हुए पात्र किसानों की पहचान करने और उन्हें ऋण (क्रेडिट) नेटवर्क में लाने के लिए कई विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Central Ministry of Agriculture and Farmers Welfare) ने एक केंद्रित दृष्टिकोण के तहत ऋण के लिए ( क्रेडिट पर) एक अलग डिविजन यानी प्रभाग भी बनाया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में विभिन्न कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए ऋण वितरण लक्ष्य से अधिक रहा है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि चालू वित्तवर्ष में, दिसंबर 2023 तक 20 लाख करोड़ रुपए के कृषि-ऋण (एग्री-क्रेडिट) लक्ष्य का लगभग 82 फीसदी हासिल कर लिया गया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उक्त समयावधि में सार्वजनिक और निजी दोनों बैंकों के माध्यम से लगभग 16.37 लाख करोड़ रुपए की धन राशि का ऋण वितरण (क्रेडिट डिस्बर्स) किया गया है।
सूत्रों ने कहा है कि, ‘‘कृषि-ऋण वितरण (एग्री-क्रेडिट डिस्बर्सल) इस वित्तवर्ष में भी लक्ष्य से अधिक होने की संभावना है।’’ वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, कुल एग्री क्रेडिट डिस्बर्सल 21.55 लाख करोड़ रुपये था। यह इस अवधि के लिए रखे गए 18.50 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से अधिक था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) यानी केसीसी (KCC) के नेटवर्क के माध्यम से 7.34 करोड़ किसानों ने ऋण (Loan) लिया है। 31 मार्च 2023 तक लगभग 8.85 लाख करोड़ रुपए बकाया था।
सूत्रों ने कहा है कि केंद्र सरकार अंतरिम बजट में धनवान किसानों पर आयकर लगा सकती है? फिलहाल एक प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है जिस पर मंथन जारी है। रिजर्व बैंक की एक समिति ने भारत सरकार को इस तर्क के साथ यह प्रस्ताव भेजा है कि बहुत से किसानों को सरकार जो पैसा उनके खाते में डालती है वह एक तरह से उन्हें उनकी पर्याप्त आय न होने के कारण सरकार की तरफ से एक तरह के आयकर देने जैसा है या दूसरे शब्दों में एक नकारात्मक आयकर की तरह है। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने आगामी बजट के लिए अपनी इच्छा सूची प्रस्तुत करते हुए सुझाव दिया था कि मोदी सरकार को कर प्रणाली को और अधिक सुसंगत और निष्पक्ष बनाने के लिए अमीर किसानों पर आयकर दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए।
सूत्रों का कहा है कि आने वाले इस अंतरिम बजट में कराधान प्रणाली (Tax system) में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया जाएगा। इस सुझाव के बाद कई ख़बरें आती रही हैं। मसलन सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की राशि 6 हजार रुपए से बढ़ाकर 8 हजार रुपए कर सकती है। साथ ही गरीब कल्याण अन्न योजना में भी कुछ और सुधार कर सकती है। धनवान किसानों पर आयकर लगाने के सुझाव पर विचार इसलिए भी किया जा सकता है क्योंकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना में हर चौथा हितग्राही महिला है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसर,15 नवंबर, 2023 तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना में कुल 8.12 करोड़ लाभार्थी थे, जिनमें 6.27 करोड़ (77.33 प्रतिशत) पुरुष और 1.83 करोड़ (22.64 प्रतिशत) महिलाएं हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 29.22 लाख महिला लाभार्थी थीं। बिहार में 22.48 लाख, महाराष्ट्र में 15.62 लाख, मध्य प्रदेश में 14.84 लाख तथा राजस्थान में 14.75 लाख महिला लाभार्थी थीं। दिसंबर-मार्च 2018-19 में जब योजना की शुरूआत में सरकार ने पहली किस्त जारी की थी तब कुल महिला लाभार्थी की संख्या 3.03 करोड़ थी।
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