Compensation for crops burnt by fire : देश के कई राज्यों में अभी गेहूं की फसल की कटाई का मौसम शुरू हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर अधिकांश इलाकों में थ्रेशर मशीन के उपयोग से गेहूं फसल से भूसा और अनाज अलग करने के लिए मड़ाई कार्य का दौरा जारी है। वहीं, अभी कई राज्यों में किसान गेहूं की कटाई के बाद मड़ाई के लिए खलिहान और खेतों में फसल एकत्रित कर रहे हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे अन्य गेहूं उत्पादक राज्यों से खेत में खड़ी फसल, खलिहान में मड़ाई के लिए एकत्रित रखी फसल, उपज के साथ जलने की खबरें आ रही है, जिसके पीछे की मुख्य वजह शार्ट सर्किट एवं खेतों में नरवाई जलाने की घटना को बताया जा रहा है। इन घटनाओं से अन्नदाताओं को काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि किसानों को अग्निकांड दुर्घटना से राहत देने के लिए “मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना” शुरू की गई है, जिसके तहत खेतों में खड़ी फसल आग से नष्ट होने पर पीड़ित किसानों को 15 से 30 हजार रुपए तक का मुआवजा दिया जाएगा। इससे अग्निकांड दुर्घटना पीड़ित किसानों को बड़ा सहारा मिलेगा। मुख्यमंत्री खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत प्रभावित किसान को आग की घटना के 15 दिन के अंदर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आइए, जानते हैं कि योजना के तहत किसानों को सहायता राशि कैसे मिलेगी और इसके लिए कहां आवेदन करना होगा।
मंडी परिषद से संचालित खेत खलिहान दुर्घटना सहायता योजना के तहत खलिहान में एकत्रित और खेत में खड़ी फसल किसी अग्नि दुर्घटना से जलने पर अन्नदाताओं को हुई क्षति पर मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना के तहत अग्निकांड से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत प्रभावित किसान अग्निकांड के 15 दिन में ई डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। खेत-खलिहान दुर्घटना सहायता योजना (Farm and Barn Accident Assistance Scheme) के प्रावधानों के अनुसार, अग्नि दुर्घटना का तात्पर्य बाह्य दृष्टिगत कारणों से अग्निकांड हुआ हो, तड़ित प्राकृतिक बिजली गिरने से आग लगी हो तो इस स्थिति में पीड़ित किसान को सहायता राशि दी जाएगी। किसी सार्वजनिक दंगा या सार्वजनिक प्राधिकरण के आदेश पर फसल अथवा उपज आदि जलाई गई हो या स्वयं कृषक द्वारा दुर्भावना से जलाने पर लाभ नहीं मिलेगा। विधिवत जांच के बाद एसडीएम द्वारा चेक से मुआवजा का भुगतान किया जाएगा।
कृषि उत्पादन मंडी परिषद के अनुसार, जिन किसानों के खेतों में गेहूं की फसल आग लगने से जल गई है। वे खेत-खलिहान दुर्घटना योजना के तहत पोर्टल पर ऑनलाइन दावा पेश कर लाभ उठा सकते हैं। इस योजना में लाभ तभी मिलेगा जो नियम शर्तों के अनुसार अग्निकांड के दावों को विभाग के पोर्टल में ऑनलाइन सबमिट करेंगे। इस साल अभी तक क्षेत्र में केवल एक किसान ने योजना के तहत दावा किया है। प्रदेश सरकार ने योजना के तहत सहायता धनराशि की सीमा को निर्धारित कर दिया है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मंडी क्षेत्रों स्थित खलिहानों में मंड़ाई हेतु रखी फसल, उपज, अवशेष अंश फसल की अग्नि दुर्घटना से हुई क्षति के लिए वित्तीय सहायता मंडी परिषद की संचालित है। योजना में मंडी समितियों के क्षेत्र अंतर्गत खलिहान में एकत्रित और खेत में खड़ी फसल में अग्निकांड दुर्घटना में हुई फसल क्षति आच्छादित होगी।
मंडी परिषद के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री खेत खलिहान अग्निकांड दुर्घटना सहायता योजना के तहत सहायता धनराशि की सीमा को निर्धारित कर दिया है। इस योजना के अंतर्गत किसी किसान की एक हेक्टेयर तक खड़ी फसल आग से क्षतिग्रस्त होती है, तो उसे 15 हजार रुपए, एक से दो हेक्टेयर के लिए 20 हजार रुपए और दो से पांच या इससे अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल में आग से क्षतिग्रस्त होने की दशा में अधिकतम 30 हजार रुपए तक की धनराशि मुआवजा के तौर पर पीड़ित किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
खलिहान अग्नि दुर्घटना सहायता योजना की नियम-शर्तों के अनुसार, यह सहायता धनराशि अग्निकांड से पीड़ित किसान को उसकी फसल क्षति के आधार पर प्रदान की जाएगी। इसके लिए प्रभावित किसानों को आग लगने पर 15 दिन के अंदर मंडी समितियों के क्षेत्र अंतर्गत कृषि उत्पादन मंडी समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र जमा करना होता है, जिसे आवेदन के तौर पर लिया जाता है। मंडी परिषद की ओर से संचालित इस योजना के अंतर्गत गेहूं, धान, मूंग, मसूर, मक्का, बाजरा, राई आदि अनाज फसलें शामिल हैं।
दरअसल, इन दिनों बिजली के तारों की चिंगारी से उत्तर प्रदेश में सैकड़ों बीघे की फसल जलकर राख हो चुकी है। जनपद अलीगढ़ के लधौआ गांव में एक किसान के खेत में खड़ी गेहूं की पूरी फसल अचानक से बिजली के तारों से निकली चिंगारी से कुछ ही मिनट में जलकर राख हो गई और पड़ोसी गांव के किसान ओमप्रकाश के खेत में खड़ी फसल को भी चपेट में ले लिया जिससे उनकी पूरी फसल जलकर राख हो गई। जनपद में अग्निकांड से फसल क्षति की दर्जन भर से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। किसानों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही के चलते लगातार इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं।
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