Free electricity scheme : किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि में सिंचाई की लागत कम करने के मकसद से केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कई प्रगतिशील योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, इनमें सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप के साथ निजी नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली (Fee electricity) सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कम लागत पर कृषि उत्पादकता सुनिश्चित हो सके और किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के निजी नलकूपों को मुफ्त बिजली (Fee Electricity) देने का फैसला लिया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव को पास भी कर दिया गया है। राज्य के किसानों के निजी ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराए जाने के उपलक्ष्य में संकल्प की सिद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने के सरकार के संकल्प को साझा करते हुए उन्हें पूरा संरक्षण देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 15 लाख किसान परिवारों के माध्यम से 75 लाख से ज्यादा लोग ‘संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रुप से लाभान्वित होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि प्रदेश में मौजूदा भाजपा सरकार ने 2022 के अपने संकल्प पत्र में निजी ट्यूबवेल को मुफ्त बिजली देने का वायदा किया था, जिसे अब डबल इंजन सरकार ने पूरा कर दिया है।
किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराए जाने के उपलक्ष्य में आयोजित ‘संकल्प से सिद्धि’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने सभी 14.75 लाख निजी नलकूपों को प्राथमिकता के आधार पर पीएम कुसुम व ऊर्जा विभाग की सोलराइजेशन योजनाओं के तहत सोलर पैनल से जोड़ने की बात कही। इससे किसानों उस समय पानी ले सकते हैं जब उन्हें सिंचाई की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि किसान नलकूप पर सोलर पैनल लगाकर बिजली पैदा करेंगे और सिंचाई उपयोग के बाद शेष बची हुई बिजली सरकार को बेच सकते हैं। इससे किसानों की अतिरिक्त कमाई होगी और आमदनी के साथ -साथ उन्हें बिजली बिल से भी मुक्ति मिलेगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हमारे अन्नदाता किसान पेट भरने के लिए अन्न देते हैं, उन्हें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश में किसानों के लिए कई अन्य योजनाएं भी संचालित है, जिनसे जुडकर वह स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं और सिंचाई लागत में कमी कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में मौजूदा डबल इंजन की सरकार पीएम मोदी के विजन को धरातल पर उतारने के लिए कृषक बिल माफी को मूर्त रूप देने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14,78,591 किसानों के पास निजी नलकूप हैं। इसमें से 13 लाख, 48 हजार 93 निजी ट्यूबवेल 10 हार्स पावर (Hp) या उससे नीचे के हैं। 1 लाख 28 हजार 944 निजी नलकूप ऐसे हैं, जो 10 से 15 हॉर्स पावर क्षमता के हैं और 8,923 ऐसे निजी नलकूप हैं, जो 15 हार्स पावर से ऊपर की क्षमता वाले हैं। इन सभी को बिल माफी योजना के साथ जोड़ा जा रहा है। हमारी सरकार ने इस योजना को एक अप्रैल 2023 से ही लागू किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने गत वर्ष 1500 करोड़ रुपए की राशि का प्रबंध किया और इस वर्ष सरकार ने इसके लिए 2400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली हमारे लोक कल्याण संकल्प पत्र का महत्वपूर्ण बिंदु था और दो दिन पहले कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि किसानों को बिजली का बिल नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मौजूदा डबल इंजन की सरकार जो कहती है वह करती है। योगी सरकार की मंत्री परिषद की पहली ही बैठक में प्रदेश के 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ का ऋण भी माफ किया गया था।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि किसानों को सिंचाई के लिए जितनी बिजली की आवश्यकता होगी उन्हें उतनी बिजली मुफ्त ही मिलेगी। सरकार प्रदेश के 5100 कृषि फीडर को अलग कर रही है। किसानों के निजी नलकूपों को सौर ऊर्जा से भी संचालित करने की योजना पर अमल किया जा रहा है। कहा कि, प्रदेश सरकार किसानों के बकाया बिजली बिल भुगतान के लिए दोबारा ओटीएस योजना लागू करने जा रही है।
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