Electricity supply UP : किसानों के लिए राहत भरी खबर है। धान की रोपाई और सिंचाई के लिए अब किसानों को दो घंटे अधिक बिजली मिलेगी। सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को कृषि फीडर पर 10 की जगह 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति (electricity supply) का आदेश पारित किया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में कम बारिश और बारिश में लेटलतीफी के कारण किसानों को धान की रोपाई, सिचाई और अन्य क़ृषि कार्यों में परेशानी हो रही है, जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। किसानों को पानी की किसी प्रकार की कोई समस्या न हो, इसके लिए उन्हें अब कृषि पोषकों (एग्रीकल्चर फीडर) पर 12 घंटे बिजली आपूर्ति (Power Supply) मिलेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही है। 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश के किसानों को निजी नलकूप संचालन के लिए मुफ्त बिजली (Fee electricity) की सुविधा भी दी जा रही हैं। वहीं, सरकार ने अब एग्रीकल्चर फीडर पर 10 घंटे के स्थान पर 12 घंटे विद्युत आपूर्ति देने का फैसला लिया है।
यूपी के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि फीडर को 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही सभी डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक, मुख्य अभियन्ता (वितरण) व मुख्य अभियन्ता (पीएमसी) द्वारा नियमित इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी। वर्षा की स्थिति सामान्य होने पर निर्धारित शेड्यूल के आधार पर ही बिजली आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि धान की रोपाई में किसानों के सामने पानी की दिक्कत न आए, इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके तहत कृषि फीडर को की जा रही बिजली आपूर्ति में 2 घंटे की बढ़ोत्तरी की गयी है। सीएम के आदेश पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कृषि फीडर पर 10 की जगह 12 घंटे बिजली देने का आदेश जारी किया है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों की सिंचाई की समस्याओं को लेकर जनप्रतिनिधियों और किसान प्रतिनिधियों की ओर से कृषि फीडरों पर विद्युत आपूर्ति की बढ़ोत्तरी करने की लगातार मांग की जा रही थी। सरकार ने सभी के परामर्श एवं सुझाव के पश्चात ही किसान हित में यह निर्णय लिया गया है। सरकार के इस निर्णय के अनुसार, सभी बिजली वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया है वह यह सुनिश्चत करें कि ऐसे क्षेत्रों में जहां पर कम बारिश या बारिश न होने के कारण सिंचाई की सुविधा नहीं है तथा फसल को सूखने से बचाने के लिए नलकूपों के माध्यम से सिंचाई हो रही है, वहां पर किसानों की इन समस्याओं के निवारण के लिए कृषि फीडरों को मिल रही बिजली में 2 घंटे की अतिरिक्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
ऊर्जा मंत्री के अनुसार, प्रदेश में सिंचाई लागत खर्च कम करने के मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। किसानों के डीजल पंपों का सोलराइजेशन किया जा रहा है । इसके लिए उन्हें सब्सिडी पर सोलर पंप सेट भी दिए जा रहे हैं। साथ ही ऊर्जा विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निजी नलकूपों के लिए मुफ्त बिजली (Fee electricity) सुविधा भी किसानों को प्रदान की जा रही है। प्रदेश के 15 लाख किसान परिवारों के माध्यम से 75 लाख से ज्यादा लोग “संकल्प से सिद्धि” कार्यक्रम से प्रत्यक्ष रुप से लाभान्वित किए जा रहे हैं। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने के लिए “संकल्प से सिद्धि” कार्यक्रम के तहत सभी 14.75 लाख निजी नलकूपों को पीएम कुसुम व ऊर्जा विभाग की सोलराइजेशन योजनाओं के तहत सोलर पैनल से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में 14,78,591 किसानों के पास निजी नलकूप हैं। इसमें से 13 लाख, 48 हजार 93 निजी ट्यूबवेल 10 हार्स पावर (Hp) या उससे नीचे के हैं। 1 लाख 28 हजार 944 निजी नलकूप ऐसे हैं, जो 10 से 15 हॉर्स पावर क्षमता के हैं और 8,923 ऐसे निजी नलकूप हैं, जो 15 हार्स पावर से ऊपर की क्षमता वाले हैं।
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