KCC Card : सरकार राज्य के किसानों की आमदनी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही और उनके लिए कई लाभकारी सरकारी योजनाएं भी चला रही है। ऐसे में अधिक से अधिक किसानों तक इन योजनाओं को पहुंचाया जा सके, इसके लिए सरकार समय-समय से विशेष अभियानों को आयोजित कर उन्हें जागरूक करती है। साथ ही कैंप लगाकर किसानों को इन योजनाओं से जोड़ने का कार्य भी करती है। ऐसे में बिहार सरकार राज्य में पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रयास करती दिखाई दे रही है। पान की खेती (Betel cultivation) में तकनीक एवं पैसों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने “पान विकास योजना” लागू की है, जिसके तहत उत्पादक किसानों को अधिक आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए पान के आच्छादन क्षेत्र का विस्तार करने की पहल की जाएगी और खेती से संबंधित पान उत्पादक किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार पान किसानों का सर्वे कराएगी। साथ ही पान किसानों को अनुदान लाभ देने की प्रक्रिया भी बदलने की तैयारी की जा रही है। कृषि विभाग ने अपनी ओर से इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि पान किसानों से समन्वय स्थापित कर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनाए जाएंगे। केसीसी कार्ड के लिए भू स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) के साथ किसानों को आवेदन करना है।
कृषि भवन, पटना के सभागार में कृषि मंत्री मंगल पांडेय की अध्यक्षता में पान की खेती में आने वाली तकनीकी समस्याओं के समाधान पर किसानों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसमें मंत्री ने पान उत्पादक किसानों से सीधा संवाद किया। कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 तक पान विकास योजना के तहत पान की खेती का क्षेत्र विस्तार करने के लिए 05 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इससे उत्पादक किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है। सरकार पान की खेती करने वाले किसानों को भी केसीसी कार्ड देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बैंकों के साथ तालमेल कर किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाने की व्यवस्था भी तैयार की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत उनके केसीसी कार्ड बनेंगे, जिससे पान उत्पादन किसानों को खेती के लिए पैसों की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। किसान इसके तहत खेती के लिए कम ब्याज दर से कृषि ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के 15 जिलों के 42.50 हेक्टेयर के क्षेत्र में पान की खेती का विस्तार किया जाएगा। यह विस्तार वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2025-26 तक के लिए होगा। पान की खेती (Betel Farming) बिहार के 15 जिलों औरंगाबाद, गया, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, वैशाली, सारण, मुंगेर, पूर्वी चम्पारण, खगड़िया, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा एवं समस्तीपुर में की जाती है। राज्य सरकार ओर से पांच करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इससे इन 15 जिलों में पान की खेती का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा। पान की खेती के लिए किसानों को सहायता राशि देने का भी प्रावधान किया गया है।
मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कृषकों द्वारा पान की खेती के लिए सामान्यत: बरेजा निर्माण 100 वर्ग मीटर, 200 वर्ग मीटर एवं इसके गुणक क्षेत्र में किया जाता है। पान की खेती को बढ़ावा देने एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से बरेजा के निर्माण पर सहायतानुदान का प्रावधान है। इसके लिए किसानों को न्यूनतम 11,750 रुपए तथा अधिकतम 35,250 रुपए तक का सहायतानुदान सरकार दे रही है। उन्होंने बताया पान के प्रभेदों एवं गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता के साथ उत्पादन, भंडारण और विपणन की समुचित व्यवस्था हो, जिससे पान उत्पादक (Betel Producer) किसानों को अधिक से अधिक आय प्राप्त हो सके।
कृषि सचिव अग्रवाल ने कहा कि उत्पादक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। पान उत्पादक एक-एक किसानों का सर्वे कराया जाएगा। वर्तमान में पान किसानों को अनुदान संबंधित योजना का लाभ ‘‘पहले आओ, पहले पाओ‘‘ के आधार पर दिया जाता है। यानी जिस किसान ने पहले आवेदन किया उसे ही पहले योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन अब पान से संबंधित योजना में पहले आओ, पहले पाओ को खत्म करने हुए लॉटरी के माध्यम से लाभार्थी का चयन किया जाएगा, हालांकि, इसमें शर्त यह है कि तीन वर्ष के अंतराल पर ही योजना का लाभ एक पान उत्पादक किसान को दिया जाएगा।
Website - TractorGuru.in
Instagram - https://bit.ly/3wcqzqM
FaceBook - https://bit.ly/3KUyG0y