Bhavantar Compensation Scheme : किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा फसल बीमा (Fasal Bima) सहित कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार की तरफ से किसानों की आय में वृद्धि करने और बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान से राहत देने के लिए एक खास योजना संचालित है। योजना के अनुसार फसल विविधीकरण के तहत किसानों को बागवानी फसलों (Horticultural Crops) में कम कीमत या अन्य कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाती है। बागवानी किसानों के लिए मंडी में उनके उत्पादन की कम कीमत मिलने पर सरकार द्वारा भरपाई करने की एक अनूठी योजना है।
राज्य सरकार की मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना के तहत किसान को खेती के दौरान और उसके उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान में राहत मिलती है। इस योजना के माध्यम से राज्य के बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसान निर्धारित शुल्क राशि का भुगतान करके फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं और नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा पा सकते हैं।
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना शुरू की गई थी। मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना के तहत बागवानी उत्पादकों को मंडियों में उनके उपज के कम दाम मिलने पर होने वाली नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जाती है। इस योजना का उद्देश्य मंडी में सब्जी व फल की कम कीमत के दौरान किसानों का निर्धारित संरक्षित मूल्य द्वारा ज़ोखिम को कम करना है। कृषि में विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है। अधिकारियों के अनुसार, किसानों की आय में वृद्धि करने और फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना संचालित है जिसका लाभ किसानों को दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना (Chief Minister Bhavantar Bharti Yojana) और बागवानी बीमा योजना (Horticulture Insurance Scheme) के तहत किसानों को फसल की खेती के दौरान और उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान की जानकारी देने के बाद, नुकसान में राहत मिलती है। इस योजना के माध्यम से बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान व उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हैं।
भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना द्वारा राज्य के सब्जी काश्तकारों को निर्धारित संरक्षित मूल्य प्रदान कर जोखिम मुक्त किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत संरक्षित मूल्य के लिए राज्य सरकार द्वारा आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आडू, आलू बुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन और हल्दी फसल को सूचीबद्ध किया गया है। योजना के अंतर्गत उक्त 21 फसलों के लिए मंडियों में निर्धारित अवधि के दौरान कम दाम मिलने पर पंजीकृत किसानों को निर्धारित संरक्षित मूल्य तक भाव के अंतर की सरकार द्वारा भरपाई की जाती है। सरकार की इस योजना का लाभ भूमि मालिक, पट्टेदार या किराये पर भूमि लेकर बागवानी उत्पादक किसान को मिलता है।
यह योजना सब्जी उत्पादकों को जोखिम से मुक्ति प्रदान करती है। इस योजना के तहत सब्जी कश्तकार अपनी सब्जियों व मसाला फसलों की खेती पर 750 रुपए प्रति एकड़ प्रीमियम भुगतान कर 30 हजार रुपए प्रति एकड़ का बीमा एवं फलों की बागवानी पर 40 हजार रुपए प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। इसके लिए कश्तकार को निर्धारित प्रीमियम 1 हजार रुपए प्रति एकड़ का भुगतान करना होगा।
मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना के लाभ लेने के लिए पहले बागवानी उत्पादकों को बिजाई अवधि के दौरान मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। इसके बाद किसान को बिजाई अवधि के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाईट पर बागवानी भावान्तर (BBY) ई-पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। उद्यान विभाग द्वारा पंजीकृत किसानों का क्षेत्र प्रमाणीकरण किया जाएगा। इसमें प्रमाणित क्षेत्र से असंतुष्ट होने पर किसान द्वारा अपील दायर करने का प्रावधान किया गया है। योजना में उत्पादक का निःशुल्क पंजीकरण होता है। पंजीकरण केवल निर्धारित अवधि के दौरान खुला रहता है। सर्व सेवा केंद्र/ई-दिशा केंद्र/मार्किटिंग बोर्ड/ बागवानी विभाग/कृषि विभाग और इन्टरनैट कियोस्क पर पंजीकरण सुविधा उपलब्ध रहती है।
प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए उत्पादकों को जे-फार्म पर बिक्री अनिवार्य होगी। जे-फार्म पर बिक्री उपरांत बिक्री विवरण BBY ई-पोर्टल (bby. hortharyana. gov. in) पर अपलोड होगा, जिसके लिए प्रत्येक संबंधित मार्केट कमेटी के कार्यालय में सुविधा उपलब्ध होगी। बिक्री की अवधि के दौरान यदि फसल उत्पादन का थोक मूल्य संरक्षित मूल्य से कम मिलता है, तो किसान भाव के अंतर की भरपाई के लिए पात्र होगा। जे-फार्म पर बिक्री तथा निर्धारित उत्पादन प्रति एकड़ (जो भी कम होगा) को योजना की दिशा निर्देशों के अनुसार प्रोत्साहन देय होगा। भाव के अंतर से गुना करने पर प्रोत्साहन देय होगा। प्रोत्साहन राशि किसान के आधार लिंकड बैंक खाते में जारी कर दी जाएगी।
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