Bhavantar Compensation Scheme Millet : सरकार किसानों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुसान व प्रोत्साहन राशि प्रदान करती है। आज कई राज्य की सरकारें अपने स्तर पर कई किसान कल्याणकारी योजनाएं लागू कर किसानों वित्तीय सहायता दे रही है। इसी कड़ी में हरियाणा के किसानों को सरकार की तरफ से बड़ी सौगात मिली है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा हितकारी निर्णय लेने की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। सरकार ने प्रतिबद्धता दोहराते हुए किसानों को बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के किसानों के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 466 करोड़ रुपए से अधिक की सब्सिडी व प्रोत्साहन राशि जारी की है, जिसमें 177 करोड़ रुपए की राशि बाजरा किसानों के खाते में ट्रांसफसर किए गए है। आईए इस पोस्ट की मदद से जानते है कि सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि का लाभ किन किसानों को दिया गया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि और कृषक समुदाय सदैव हमारी सरकार की नीतियों के केंद्र बिंदु रहे हैं। हमारी सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए कई तरह कि हितकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। देश के विकास में किसान भाइयों के अमूल्य सहयोग के लिए वर्तमान राज्य सरकार सदैव उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भावांतर भरपाई योजना-बाजरा के तहत प्रदेश के 2 लाख 50 हजार 470 किसानों के खातों में 177 करोड़ 84 लाख रुपए की भावांतर भरपाई राशि भेजी गई है। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से किसानों को 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 7 लाख 40 हजार 985 एकड़ क्षेत्र के लिए यह राशि जारी की गई है।
सीएम ने कहा कि इस योजना को सरकार ने वर्ष 2021 में शुरू किया था। इससे पहले भी इस भावांतर भरपाई योजना के माध्यम से 870 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि भावांतर भरपाई के रूप में किसानों को दी जा चुकी है। इस राशि को मिल अब तक बाजरे के लिए 1047 करोड़ 84 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि किसानों को दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार द्वारा किसानों को 21 बागवानी फसलों के लिए भी भावांतर भरपाई राशि दी जाती है। इनके लिए अब तक किसानों को 40 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। इन दोनों प्रकार की प्रोत्साहन राशि मिलाकर अब तक कुल 1088 करोड़ 55 लाख रुपए किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल संरक्षण और फसल विविधिकरण को लेकर मेरा पानी-मेरी विरासत योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को धान की खेती छोड़ने एवं उसके स्थान पर मक्का, अरहर, उड़द, कपास, बाजरा, तिल और बैसाखी मूंग जैसी फसलों की खेती के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज 19,528 किसानों के खातों में 25 करोड़ 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि सीधे जारी किए है। उन्होंने कहा, राज्य सरकार की ओर से इस योजना में 7,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से 35,842 एकड़ क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। आजइ से पहले इस योजना के तहत 118 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है। आज की राशि मिलाकर अब तक धान की जगह पर कम पानी में उगने वाली फसलें बोने पर किसानों को कुल 143 करोड़ 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि धान की सीधी बिजाई (डी.एस.आर.) योजना के तहत 6,621 किसानों के खातों में 24 करोड़ 42 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी की गई है। इस योजना के तहत 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से 61,052 एकड़ क्षेत्र के लिए यह सहायता राशि दी जा रही है। आज से पहले भी इस योजना के तहत सीधी बिजाई के लिए किसानों के खाते में 47 करोड़ रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस योजना को वर्ष 2021 में लागू किया गया था। आज की राशि मिलाकर इस योजना के तहत अब तक धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों को 71 करोड़ 42 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रसायन मुक्त खेती से हटकर किसान प्राकृतिक कृषि को अपनाएं, इसलिए सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती योजना संचालित की जा रही है। इस योजना मुख्यत: 2 घटक हैं, जिसके तहत किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना के पहले घटक के तहत प्लास्टिक के 4 ड्रमों पर 3 हजार रुपये तथा दूसरे घटक के माध्यम से देसी गाय की खरीद पर 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि किसानों को प्रदान की जा रही है। आज इस योजना के पहले घटक के तहत 2,500 किसानों के खातों में 75 लाख रुपए और दूसरे घटक के तहत 179 किसानों के खातों में 45 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि भेजी गई है। इन दोनों घटकों में 2,679 किसानों के खातों में कुल 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्राप रेज्ड्यू योजना के तहत किसानों को विभिन्न प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के 2 घटक हैं। इसके पहले घटक के तहत मशीनरी और कृषि उपकरणों की खरीद पर किसानों 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वहीं, योजना के दूसरे घटक के तहत पराली की गांठे बनाने पर एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के अंतर्गत पहले घटक के तहत 11,007 किसानों के खातों में 120 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि हस्तांतरित की गई। इस योजना के तहत फसल अवशेष जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए व्यक्तिगत किसानों को 50 प्रतिशत और कस्टम हायरिंग सेन्टर को 80 प्रतिशत की सब्सिडी दिया गया है। आज से पहले इस योजना में 584 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। आज की राशि मिलाकर अब तक इस योजना के तहत 704 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के दूसरे घटक के माध्यम से 1 लाख 36 हजार 345 किसानों के खातों में 117 करोड़ 74 लाख रुपए की राशि डाली गई। इस योजना के तहत पराली की गांठ बनाने के लिए किसानों को 1 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से 11 लाख 77 हजार 407 एकड़ भूमि के लिए यह प्रोत्साहन राशि जारी की गई है। इससे पहले राज्य सरकार इस योजना के तहत किसानों को 159 करोड़ 20 लाख रुपए की सब्सिडी जारी कर चुकी है। आज की सब्सिडी राशि मिलाकर इस योजना के तहत कुल 276 करोड़ 94 लाख रुपए की सब्सिडी किसानों के खातों में सीधे डीबीटी के माध्मय से ट्रांसफर की जाचुकी है। इस योजना के तहत दोनों घटकों को मिलाकर कुल 980 करोड़ रुपए की सब्सिडी किसानों को दी जा चुकी हैं।
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