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मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना : किसानो को सरकार से मिलेंगे 40 हजार रुपए तक का मुआवजा

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना : किसानो को सरकार से मिलेंगे 40 हजार रुपए तक का मुआवजा
पोस्ट -21 अगस्त 2023 शेयर पोस्ट

 मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना : बागवानी फसलों के नुकसान पर किसानों को मि‍लेगा मुआवजा

हरियाणा में मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Chief Minister Horticulture Insurance Scheme) को लागू किया गया है। इस योजना में किसान स्वेच्छा से अपनी बागवानी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। इच्छुक किसान को बीमा करवाने के लिए पहले “मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल” हरियाणा (My Crop My Details Portal Haryana) पर अपना पंजीयन (registration) करना होगा। बीमित किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों में नुकसान होने पर प्रति एकड़ 15 हजार से 40 हजार रुपए तक की राशि मुआवजे के रूप सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। आईए, इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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अब बागवानी फसलों के नुकसान पर मि‍लेगा 40 हजार रुपए तक का मुआवजा

Fasal Bima Yojana Haryana Government :  मौसम में आए दिन परिर्वतन के कारण बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, असामान्य बारिश के कारण बाढ़ और सूखा जैसे प्राकृतिक प्रकोप से खेती-किसानी में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके कारण खेती करने वाले किसान पारंपरिक गेहूं, धान और मक्का की खेती के स्थान पर बागवानी खेती (horticulture farming) में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पारंपरिक फसलों (traditional crops) की खेती की तुलना में बागवानी फसलों (horticulture crops) की खेती सस्ती और अधिक मुनाफा देने वाली होती है। यही वजह ही कि आज के वक्त बहुत से किसान ऐसे हैं, जो इस प्रकार की खेती से हजारों-लाखों रुपए की अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। लेकिन मौसमी प्रतिकूलता का प्रभाव इन बागवानी फसलों पर भी पड़ता है। जिसके कारण बागवानी करने वालों किसानों को इसमें भी काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में नुकसान की भरपाई के लिए हर‍ियाणा सरकार (Haryana Government) ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Chief Minister Horticulture Insurance Scheme) की शुरुआत की है। जिसके जरिए प्राकृतिक प्रकोप (natural disaster) से फल, सब्जी जैसी बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार की ओर से की जा रही है। बागवानी फसलों के नुकसान होने पर राज्य सरकार द्वारा 40 हजार रुपए प्रति एकड़ तक किसानों को मुआवजा (compensation) दिया जाता है। इसके लिए किसानों को योजना में रजिस्ट्रेशन करना होता है। साथ ही प्रति एकड़ 750 रुपए से 1 हजार रुपए तक प्रीमियम देना होता है।

किसानों के लिए वैकल्पिक है योजना

हर‍ियाणा सरकार राज्य में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को फसलों का बीमा करवाने की सुविधा दे रही है। इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत की है। जिसमें बागवानी खेती के तहत फलों, मसालों और सब्जियों की फसलों को कवर किया जा रहा है। हर‍ियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई यह बागवानी बीमा योजना किसानों को लिए पूरी तरह से वैकल्पिक है। इस योजना के तहत किसान कवर की गई फसलों का बीमा अपनी इच्छा से करवा सकते हैं। इसके लिए किसानों पर किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं है। इच्छुक किसान योजना में शामिल होना चाहता है, तो उन्हें इसके लिए “मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल” पर रज‍िस्ट्रेशन करने के लिए बोई गई फसल और क्षेत्र का ब्यौरा देना होगा। पंजीकृत किसानों को प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं से फसलों में नुकसान होने पर सरकार द्वारा उचित मुआवजा दिया जाएगा। नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाने वाला मुआवजा सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में भेजा जाएगा।

मुआवजे को चार श्रेणियों में बांटा

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत पंजीकृत किसानों को फसलों में नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाएगा। इस मुआवजे को चार श्रेणियों में बांटा गया है। जिसमें 0 से 25 प्रतिशत होने वाले नुकसान पर किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा। अगर फसलों में 26 से 50 प्रतिशत तक नुकसान होता है, तो इस पर सब्जियों/मसालों के लिए किसानों को 50 प्रतिशत या 15 हजार रुपए प्रति एकड़ और फसलों के लिए 20 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा। 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान होने पर मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से दिया जाएगा। इसमें सब्जियों एवं मसालों के लिए 22,500 रुपए और फलों के लिए 30 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने की स्थिति में 100 प्रतिशत की दर से सब्जी व मसाले के लिए प्रति एकड़ 30 हजार रुपए और फलों के लिए 40 हजार प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा।

योजना के तहत इन फसलों किया गया है अधिसूचित

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत सब्जी फसलों में भिंडी, आलू, प्याज, टमाटर, अरबी, करेला, गोभी, पत्तागोभी, शिमला मिर्च, गाजर, गोभी, मिर्च, खीरा, ककड़ी, खरबूज, तरबूज, मटर, कद्दू, मूली, तोरइ, जुकिनी, टिंडा, लौकी और बैंगन को हरियाणा सरकार ने अधिसूचित किया है। वहीं, फल फसलों में आम, अमरूद, अंगूर, अनार, बेर, चीकू, खजूर, अंजीर, किन्नू, लैमन, लीची, मालटा, स्ट्राबेरी, नाशपाती, आलू बुखारा, संतरा, नींबू, आडू, जामुन, ड्रैगन फ्रूट और आंवला को शामिल कि‍या है। इसी तरह योजना के तहत लहसुन और हल्दी कंद वर्गीय मसालें फसल को भी कवर किया गया है।
 
इस स्थिति में किसानों को दिया जाएगा फसल मुआवजा

बता दें कि हरियाणा सरकार राज्य में बागवानी उत्पादक क्षेत्र का विस्तार करना चाहती है। अभी राज्य में कुल 7 प्रतिशत क्षेत्र में बागवानी उत्पादक होता है, जिसे 2023 तक बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। इस निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य के बागवानी किसानों को बीमा का सुरक्षा कवच देने के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना को लागू किया है। इसमें प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक आपदाएं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल संकट (बाढ़, बादल फटना, नहर/नाले का टूटना, जल भराव), तुफान एवं आग से फसल को नुकसान होता है, तो किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा इसके लिए 10 करोड़ रुपए के बजट को मंजूर किया गया है।

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