Minimum Support Price: भारत सरकार प्रत्येक फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस (CACP) की सिफारिश पर उपज के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइज (एमएसपी) यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है, जिसे पूरे देश में एक समान लागू किया जाता है। इस तय एमएसपी पर सभी राज्य सरकारें खरीद लक्ष्य जारी कर फसल वर्ष में किसानों से उनकी उपज की खरीद करती है। हालांकि कई राज्य सरकारें अब अपने-अपने राज्य के किसानों से सभी फसलों की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने का निर्णय ले रही है। इस बीच हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों से सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर करने की घोषणा की है। राज्य में इससे पहले 14 फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही थी, लेकिन इस घोषणा के बाद अब राज्य के किसानों से 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। राज्य सरकार ने इसमें 10 नई फसलें जोड़ी है। इससे हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है, जहां किसानों की सभी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर खरीदी जाएंगी।
कुरूक्षेत्र में आयोजित विजय शंखनाद रैली में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने घोषणा की कि राज्य में सभी फसलों की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी। प्रदेश में रबी व खरीफ सीजन की 14 फसलें पहले से एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं, जिसमें गेहूं, चावल, सरसों, जौ, चना, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सूरजमुखी, मूंग, मूंगफली, अरहर और उड़द शामिल है। लेकिन अब राज्य सरकार ने इसमें 10 अन्य नई फसलें जोड़ी हैं, जिसमें मक्का, ज्वार, रागी, मलदादी, सोयाबीन, काला तिल, जौ, कुसुम, मसूर की फसलें शामिल है। सरकार की घोषणा के बाद अब राज्य में कुल 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की जाएगी।
हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार विधान सभा चुनाव को लेकर एक्शन मोड पर है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार को कुरूक्षेत्र में आयोजित थानेसर विधानसभा की जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के पिछले आबियाने (नहर के पानी से सिंचाई) का बकाया शुल्क 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपए माफ करने की घोषणा की। इससे किसानों को प्रति वर्ष 54 करोड़ रुपये का लाभ होगा। सैनी ने कहा कि राज्य में सभी फसलों की खरीदारी अब एमएसपी पर की जाएगी। उन्होंने 2023 से पहले रोहतक, नूंह, फतेहाबाद और सिरसा में प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए 137 करोड़ रुपए के लंबित मुआवजे का भुगतान करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा, यह क्षतिपूर्ति राशि संबंधित किसानों के खाते में एक सप्ताह के अंदर जारी कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अब किसानों को नए ट्यूबवैल कनेक्शन के लिए तीन स्टार वाली मोटर देशभर से कहीं से भी खरीदने की अनुमति होगी। अभी तक प्रदेश में तीन स्टार मोटर की केवल 10 कंपनियां ही पंजीकृत हैं। अब सभी तीन स्टार मोटर बनाने वाली सभी कंपनियां हरियाणा के पैनल पर आ जाएंगी। इससे 31 दिसंबर 2023 तक नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए आवेदन कर चुके किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। किसान अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी कंपनी से तीन स्टार मोटर खरीद सकेंगे। इसके अतिरिक्त, बिजली का ट्रांसफार्मर खराब होने पर ट्रांसफार्मर का खर्च किसान से नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की घोषणा के अनुसार, राज्य में खरीफ मौसम की रागी 4290 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार-हाइब्रिड 3371 रुपए प्रति क्विंटल, मलदादी 3421 रुपए प्रति क्विंटल, मक्का 2225 रुपए प्रति क्विंटल, सोयाबीन (पिला) 4892 रुपए प्रति क्विंटल और काला तिल (नाइजरसीड) की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 8717 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की जाएगी। इसके अलावा रबी सीजन में जौ की खरीदारी 1850 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर की 6425 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम के लिए 5800 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से करने की घोषणा की है।
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