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PM Modi : पीएम मोदी ने 61 फसलों की 109 नई किस्में कीं जारी, बताए प्राकृतिक खेती के फायदे

PM Modi : पीएम मोदी ने 61 फसलों की 109 नई किस्में कीं जारी, बताए प्राकृतिक खेती के फायदे
पोस्ट -13 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

PM Modi : पीएम मोदी ने बताए प्राकृतिक खेती के फायदे, अधिक उपज देने वाली 61 फसलों की 109 नई किस्में कीं जारी

PM Narendra Modi : दिल्ली में आयोजित एक कृषि संबंधित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अधिक उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव- सुदृढ़ीकृत 109 नई प्रजातियां जारी की। बीजों की इन किस्मों में 69 फसलें खाद्यान्न व 40 फसलें बागवानी से जुड़ी हैं, जिन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) द्वारा विकसित किया है। 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 क्षेत्रीय फसलें और 27 बागवानी फसलें हैं। पीएम मोदी ने दिल्ली के पूसा परिसर में तीन प्रायोगिक कृषि भूखंडों पर किस्मों को पेश किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ बातचीत कर प्राकृतिक खेती के फायदे के बारे में बताया और वैज्ञानिकों के साथ भी बातचीत की।

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विभिन्न फसलों के लिए जारी किए बीज (Seeds released for various crops)

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में विकसित किस्मों का उद्देश्य देश में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय को बढ़ाना है। जैव संवर्धित आधारित बीजों की 109 प्रजातियां खाद्यान्न व बागवानी फसलों से जुड़ी हैं। खेती की फसलों में अनाज, बाजरा, चारा, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास और फाइबर फसलों के बीज जारी किए गए हैं।  वहीं बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों और विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधों की नई किस्में जारी की गई हैं।

केवीके के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे नए बीज (New seeds will be made available through KVK)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईसीआर में करीब 45 मिनट किसानों के साथ बिताए। इस दौरान उन्होंने किसानों और वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की है। पीएम मोदी वर्ष 2014 से ही किसानों की आमदनी बढ़ाने और टिकाऊ खेती के तौर-तरीकों और जलवायु अनुकूल तरीकों की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने लगातार ‘जैव-सुदृढ़’ प्रजातियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। कुपोषण से निपटने के लिए उन्हें मध्याह्न भोजन योजना और आंगनबाड़ी सेवाओं जैसी सरकारी पहलों से जोड़ा है। एफपीओ व कृषि विज्ञान केंद्र के तहत जलवायु अनुकूल और जैव-सुदृढ़ीकृत बीजों की इन नई किस्मों को केवीके के माध्यम से किसानों उपलब्ध कराने चाहिए। यह नए बीज किसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। इससे अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती के माध्यम से अधिक उपज के साथ अच्छी आय मिलेगी।

प्राकृतिक खेती कर रहे किसान (farmers doing natural farming)

इस दौरान यूपी की अमरोहा जिले की रहने वाली एक महिला किसान को पीएम मोदी से मुलाकात करने का मौका मिला।  पीएम मोदी से रूबरू होने का इस महिला किसान का सपना खेती के जरिए ही पूरा हुआ है। इस दौरान पीएम ने मोटे अनाज को लेकर काफी जोर दिया। पूछा कि एफपीओ पर मोटे अनाज से तैयार उत्पादों की मार्केटिंग कैसे करते हो। इस पर किसान ने सोशल मीडिया प्लेट फार्म के माध्यम से उत्पादों की मार्केटिंग करने की बात कही। गांव चक छावी की रहने वाली प्रगतिशील महिला किसान ने ग्रेजुएशन के बाद डबल एमए व योग में पीजी डिप्लोमा किया है। उन्होंने वर्ष 2020 में ओजस्विनी महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर गन्ने की खेती को प्राकृतिक तकनीक से करने की जानकारी किसानों को दी, जिससे बहुत से किसान वर्तमान में पूरी तरह से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। 200 से अधिक जिले के किसान आज उनके सुझाव से प्राकृतिक खेती कर बेहतर उत्पादन के साथ अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं।

स्वच्छ पौध कार्यक्रम/ क्लीन प्लांट कार्यक्रम (सीपीपी) को मंजूरी (Clean Plant Programme (CPP) approved)

बीते दिनों पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम/क्लीन प्लांट कार्यक्रम (Clean Plantation Program) को मंजूरी दी गई। 1,765.67 करोड़ रुपये के बड़े निवेश के साथ, यह अग्रणी पहल भारत में बागवानी क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगी। इसके तहत देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जाएंगे। सीपीपी पूरे देश में फल फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। इस कार्यक्रम के तहत पूरे देश में नौ विश्व स्तरीय अत्याधुनिक स्वच्छ वृक्षारोपण कार्यक्रम (Clean Plantation Program) स्थापित किए जाएंगे। यह केंद्र उन्नत नैदानिक चिकित्सा और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं से सुसज्जित होंगे, जो बड़े पैमाने पर प्रसार के लिए वायरस मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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