Horticulture Crops : धनिया और मेथी की खेती पर किसानों को मिलेगी प्रति एकड़ 15 हजार की सब्सिडी, जानें कैसे उठाएं लाभ
Subsidy on spice farming : भारतीय मसाला निर्यात आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 4.46 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के मसालों का निर्यात किया, जो वर्ष 2023-2024 में उच्च रिकॉर्ड स्तर है। साल 2023-24 में भारत से दुनिया भर के 159 देशों को मसाले एवं मसाला उत्पादों का निर्यात किया गया। इनमें चीन, अमेरिका, बांग्लादेश, यूएई, थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया, यूनाइटेड किंगडम (यूके), और श्रीलंका जैसे देश शामिल हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय मसालों की मांग दुनियाभर के देशों में तेजी से बढ़ रही है। इसको देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा मसालों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए किसानों को कई योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, ताकि वे मसाला उत्पादन के लिए प्रोत्साहित हो सके। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा राज्य में बीज मसाला योजना लागू की है, जिसके तहत अब बिहार के किसान बड़े स्तर पर मसाले की खेती कर सकते हैं। इसके लिए राज्य उद्यान विभाग द्वारा किसानों को भारी सब्सिडी दी जाएगी। इस सब्सिडी के लिए लाभार्थियों को आवेदन करना होगा।
मिलेगी प्रति एकड़ इतने रुपए की सब्सिडी (Will get subsidy of this much rupees per acre)
किसानों की आय को बढ़ाने के लिए बिहार सरकार ने बीज मसाला योजना के तहत धनिया और मेथी की खेती पर किसानों को सब्सिडी देने का फैसला किया है। इसके तहत बिहार के किसानों को बड़े स्तर पर धनिया और मेथी की खेती कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें प्रति एकड़ 15 हजार रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा, किसानों को धनिया और मेथी की उन्नत खेती की जानकारी भी दी जाएगी, जिससे वे अधिक पैदावार के साथ अच्छा लाभ कमा सकें। संबंधित जानकारी उद्यानिकी विभाग ने एक्स ट्वीट के माध्यम से दी है।
बड़े पैमाने पर करते हैं धनिया की खेती (Cultivation of coriander on a large scale)
दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले में किसान मसालों की खेती करते हैं। इसमें किसान धनिया की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। लेकिन अब सरकार इसके क्षेत्र का और भी विस्तार करना चाहती है। इसके लिए उद्यान विभाग की तरफ धनिया और मेथी जैसे मसालों की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ मसालों की खेती भी करेंगे। बता दें कि मसालों की खेती में किसानों काे काफी मेहनत करनी पड़ती है। कई बार मसालों की खेती से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ जाता है, जिसके कारण बहुत से किसान मसाले की खेती करने से कतराते हैं। किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए उद्यान विभाग मसालों की खेती पर सब्सिडी दे रहा है।
यहां करें ऑनलाइन आवेदन (Apply online here)
- बीज मसाले योजना के तहत अब आप सब्सिडी पर मेथी और धनिया की खेती बड़े पैमाने पर कर सकते हैं। उद्यान विभाग द्वारा उन्हें प्रति एकड़ 15 हजार रुपए की सब्सिडी देय होगी। इच्छुक किसान खुद या ग्राहक सेवा केंद्र (सीएससी) से विभागीय वेबसाइट पर बीज मसाले की योजना (राज्य योजना) (2024-25) के लिए ऑनलाईन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
- स्वयं आवेदन करने के लिए इच्छुक किसान सबसे पहले उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाएं।
- यहां होम पेज पर योजना विकल्प में “सब्जी एवं मसाले से संबंधित योजना” ऑप्शन पर क्लिक करें।
- नए पेज पर बीज मसाले की योजना (राज्य योजना) पर क्लिक करें।
- संबंधित कुछ जानकारी दर्ज कर “सहमत” वाले ऑप्शन पर क्लिक करें और “आवेदन के लिए आगे बढ़े” विकल्प पर क्लिक करें।
- योजना में आवेदन करने हेतु आवेदक के पास पहले से डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान पंजीकरण संख्या का होना अनिवार्य है। नए किसान डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण कर डीबीटी पंजीकरण संख्या प्राप्त करते हैं।
किसान यहां कर सकते हैं संपर्क (Farmers can contact here)
- बीज मसाले की योजना राज्य के सभी 38 जिलों संचालित की जा रही है।
- इस योजनातंर्गत मसाले के क्षेत्र विस्तार पर अनुदान के लिए इच्छुक किसान को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र/दो वर्ष पूर्व से अद्यतन राजस्व रसीद/ऑनलाईन अद्यतन रसीद/वंशावली/एकरारनामा (विहित प्रपत्र) के आधार पर विधि मान्य भू-स्वामित्व का प्रमाण-पत्र में से कोई एक उपस्थापित करना अनिवार्य होगा।
- अगर आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद में स्पष्ट नहीं है, तो भूमि-स्वामित्व/राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाना अनिवार्य होगा।
- गैर-रैयत कृषक एकरारनामा के आधार पर योजना का लाभ ले सकते हैं। एकरारानामा का प्रारूप दिये गये Link पर उपलब्ध है, जिसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।
- योजना का लाभ न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हे.) तथा अधिकतम 10 एकड़ (4 हे.) के लिए देय होगा।
- इच्छुक कृषक आवेदन करने से पूर्व DBT में पंजीकृत बैंक खाता संबंधित विवरण की जांच स्वयं कर लें।
- नियमानुसार सहायतानुदान DBT कार्यक्रम के तहत CFMS द्वारा भुगतान किया जाएगा।
- लाभुकों का चयन सामान्य श्रेणी में 78.56 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 20 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति 1.44 प्रतिशत किया जाएगा एवं प्रत्येक श्रेणी में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
- योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी उद्यान निदेशालय के पोर्टल पर SOP/Karyanwyan Anudesh लिंक में उपलब्ध है। किसान अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि या बागवानी विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।