Rashtriya Krishi Vikas Yojana : केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चलाई जा रही है। इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र का विकास करने एवं फसल उत्पादन में सुधार करने के लिए किसानों को फल, शाकभाजी, मसाले सुगंधित पुष्प एवं औषधीय फसलों के मुफ्त बीज से लेकर सिंचाई उपकरणों के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराया जाता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agricultural Development Scheme) का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों के समग्र विकास सुनिश्चित करना है। जिसके लिए राज्यों को अपने मुताबिक, कृषि और संबंधित क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण की अनुमति प्रदान की जाती है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना चलाई जा रही है, जिसमें छोटे-सीमांत व बड़े किसानों को शाकभाजी व मसाला फसलों के बीज मुफ्त में उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही किसानों को इन फसलों की खेती करने पर सरकार की ओर से 40 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिलती है। इतना ही नहीं योजना के तहत किसानों को फसलों की सिंचाई उपकरणों पर भी सब्सिडी मिलेगी। किसान योजनांतर्गत खेती में कम लागत लगाकर अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकते हैं। इस पोस्ट में आपकों राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) संबंधित जानकारी दी जा रही है, जिसके माध्मय से आप योजना में आसानी से लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया जान सकेंगे।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) क्या है?
कृषि और संबंधित क्षेत्रों में समग्र विकास को सुनिश्चित करने के हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपनी कृषि और संबंधित क्षेत्र की विकास गतिविधियों के लिए बुनियादी ढ़ांचे का निमार्ण करते हैं। इस योजना के माध्यम से फसल विकास, बागवानी, कृषि मशीनरीकरण आदि के लिए परियोजनाएं लागू कर किसानों को अनुदान दिया जाता है , जिसमें योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार की ओर 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत कें अंशदान में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अपने क्षेत्रों में कृषि से जुड़े व्यवसाय उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण कृषि इनपुट, भंडारण, व्यापक बाजार श्रृंखला, सुविधा आदि तक किसानों की पहुंच सुनिश्चत कराने का काम करते है। इसके अलावा योजना के तहत फसल विकास एवं सुधार के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वे अपनी आय में वृद्धि कर आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकें।
किसानों को मिलती है इतनी सब्सिडीप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन.एच.एम.) से अनाच्छादित 30 जनपदों में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है, जिसमें लघु सीमांत व बड़े किसानों के लिए मसाला बीज व शाकभाजी के बीज फ्री उपलब्ध कराए जाते हैं। यदि कोई किसान मसाले या प्याज की खेती करना चाह रहा है, तो उसे 40 प्रतिशत का अनुदान मिलता है। साथ ही शाकभाजी की फसल उगाने वाले किसानों को भी 40 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। मसाले फसल की खेती में प्रति हेक्टेयर 12,000 रुपए, शाक भाजी की खेती में 20,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सब्सिडी मिलती है।
किसानों को इन फसलों पर दिया जाएगा अनुदान
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना प्रदेश में राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन.एच.एम.) से अनाच्छादित 30 जनपदों जैसे- बागपत, शामली, हापुड, अमरोहा, बिजनौर, रामपुर, सम्भल, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, एटा, कासंगज, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, अलीगढ़, फिरोजाबाद, औरैया, गौतमबुद्ध नगर, लखीमपुर खीरी, अम्बेडकरनगर, अमेठी, गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच, श्रावस्ती, चन्दौली, कानपुर देहात, फतेहपुर एवं हरदोई में संचालित की जा रही है। इन सभी जनपदों में योजना के अंतर्गत औद्यानिक फसलों में जैसे फल, शाकभाजी, मसाले, आलू, पुष्प, औषधीय एवं सुगंधित पौधे आदि की खेती करने वाले किसानों को निःशुल्क बीज वितरण व अनुदान दिया जाएगा। इन फसलों का प्रति इकाई क्षेत्र से अधिक आय प्राप्त करने, पोषण सुरक्षा प्रदान करने, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति, विदेशी मुद्रा के अर्जन एवं अन्ततः प्रदेश के लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक उन्नयन में विशेष महत्व है।
सब्सिडी पर दिए जाते है सिंचाई उपकरण
प्रदेश के हरदोई जनपद के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र बताते हैं कि उद्यान विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उन किसानों को सब्सिडी या अनुदान दिया जाता है, जो शाकभाजी जैसे पत्ता गोभी, बंधा गोभी, टमाटर, मिर्च और शिमला मिर्च की खेती करते हैं। वर्तमान में फूल गोभी और शिमला मिर्च का समय निकल गया है। इसकी जगह पर किसी दूसरी फसल पर सब्सिडी दी जाएगी। जिला उद्यान अधिकारी के अनुसार शाकभाजी एवं मसाले की फसल उगाने वाले किसानों को निःशुल्क बीज व अनुदान मिलता है। इसी प्रकार सरकार की ओर से कुकरबिट्स जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज आदि की खेती के लिए किसानों को निःशुल्क बीज व अनुदान दिया जाएगा। योजनांतर्गत किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी पर ड्रिप सिस्टम उपकरण भी उपलब्ध कराए जाते हैं। ड्रिप स्प्रिंकलर पर योजना के तहत किसानों को 80 से 90 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। वहीं, पोर्टेबल स्प्रिंकलर उपकरण पर 65 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। ड्रिप सिंचाई सिस्टम से 30 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ता है और 60 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है।
लाभ लेने के लिए विभाग से कर सकते है संपर्क
फसलों की उत्पादकता बढ़ाने व किसानों की आय को दोगुना करने के लिए संचालित इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय वेबसाइट https://uphorticulture.gov.in/ पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए जनसुविधा केन्द्र, कृषक लोकवाणी, साइबर कैफे आदि के माध्यम से पंजीकरण किया जा सकता है। योजना के अन्तर्गत सभी वर्ग के लाभार्थी पात्र होगें। अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ी जाति एवं महिला लाभार्थियों को वरीयता दी जायेगी। लाभार्थी के पास स्वयं का सिंचाई साधन होना अनिवार्य है। आवेदन पत्र के साथ भू-अभिलेख संलग्न करना अनिवार्य होगा। लाभार्थी कृषक के पास स्वयं का बैंक खाता होना अनिवार्य है। लाभार्थी के पास पहचान हेतु वोटर कार्ड/राशन कार्ड/आधार कार्ड/पासपोर्ट में से कोई एक उपलब्ध होना चाहिए। किसान जिले के जिला उद्यान विभाग से संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
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