सोंडवा माइक्रो सिंचाई परियोजना शुरू, सिंचाई के लिए मिलेगा पर्याप्त जल

पोस्ट -17 दिसम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Sondwa Micro Irrigation Project : 1732 करोड़ की लागत से सोंडवा माइक्रो सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू, 55013 हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित

Agriculture News Mp :  हर खेत तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए राज्यों में नए-नए सिंचाई प्रोजेक्ट की शुरूआत की जा रही है, वहीं विभिन्न लिंक परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जा रहा है। इस कड़ी में मध्यप्रदेश के किसानों और आम लोगों के लिए एक राहत देने वाली खबर है। राज्य में सिंचाई दिक्कतों को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के अलीराजपुर जिले में सोंडवा माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रोजेक्ट को शुरू किया है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से जिले के 169 गांवों की 55013 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश में केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर को किया जाएगा। ये दोनों परियोजनाएं बुंदेलखंड और मालवा क्षेत्रों के लिए सिंचाई और पेयजल संकट से राहत देने वाली साबित हो सकती है। 

सोंडवा माइक्रो सिंचाई परियोजना का उद्देश्य (Objective of Sondwa Micro Irrigation Project)

सोंडवा क्षेत्र में 1732.45 करोड़ की लागत से सोंडवा माइक्रो सिंचाई परियोजना को शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध कराना और फसल उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस सिंचाई परियोजना के तहत किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसे माइक्रो सिंचाई सिस्टम से जल सुविधा दी जाएगी । इससे न केवल पानी की कमी दूर होगी, बल्कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस परियोजना के तहत कम पानी में अधिक से अधिक खेती क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को खजुराहो, छतरपुर में केन-बेतवा लिंक परियोजना और जयपुर (राजस्थान) में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। इनसे प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल संकट की समस्याएं कम होने की संभावना है। 

किसानों की आय में होगा सुधार (Farmers' income will improve)

सोंडवा सिंचाई परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी के जल को हर गांव तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। यह 169 गांवों के किसानों के लिए एक नई शुरुआत होगी। जल की उपलब्धता से कृषि को बढ़ावा मिलेगा, जिससे  किसानों की आय में सुधार होगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश में मौजूदा वक्त में करीब 50 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र सिंचित है। साल 2028-29 तक 1 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, मध्यप्रदेश जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक परियोजना के लिए अन्य राज्यों से समझौता किया है। इस लिंक परियोजना से गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के किसानों को सिंचाई की सुविधा और लोगों को पीने का पानी उपलब्ध होगा। 

विभिन्न परियोजनाओं से किसानों को मिलेगी सिंचाई की सुविधा (Farmers will get irrigation facilities from various projects)

जल संसाधन मंत्री ने बताया कि स्प्रिंकलर और ड्रिप सिस्टम से कम जल में अधिक सिंचाई सुविधा को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 24 हजार 290 करोड़ से अधिक मंजूर किए गए हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत दौधन गांव में बांध का निर्माण किया जाएगा। केन नदी के जल को 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल के माध्यम से मार्ग में दोनों ओर सिंचाई सुविधा दी जाएगी। इस लिंक परियोजना से प्रदेश के 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जिलों के 2013 गांवों के 44 लाख लोगों को पेयजल की सुविधा भी मिलेगी। इसके अलावा, चितरंगी दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए 1320 करोड़ की मंजूर किए गए हैं, जिससे सिंगरौली क्षेत्र के 32 हजार 125 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपए मंजूरी दी गई है।

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