Crop Loss Compensation : आपदाओं से किसानों की नष्ट हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए कई राज्य कृषि इनपुट अनुदान योजनाएं चला रहे हैं। इन योजनाओं के तहत किसानों को खराब मौसम की वजह से होने वाली बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा और बाढ़ से फसल बर्बाद होने की परिस्थितियों में क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा दिया जाता है, ताकि उनका आर्थिक नुकसान कुछ हद तक कम किया जा सके। बिहार में भी कृषि इनपुट अनुदान योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार फसलों की क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को आर्थिक सहायता देती है। ऐसे में अगर आप बिहार के किसान हैं, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। क्योंकि राज्य के बाढ़ पीड़ित किसानों के खाते में फसल क्षतिपूर्ति की राशि ट्रांसफर की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के डेढ़ लाख बाढ़ पीड़ित किसानों के खाते में फसल क्षतिपूर्ति की राशि भेजी है। मुख्यमंत्री ने डीबीटी के जरिए सीधे बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में 101 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि भेज दी है।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी। हम लोग आपदा पीड़ितों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर हैं। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने कहा, कि फिलहाल पहले चरण की बाढ़ से प्रभावित किसानों के बैंक खातों में राशि भेजी गई है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बचे हुए बाढ़ प्रभावित किसानों के खाते में फसल क्षतिपूर्ति का पैसा जल्द से जल्द जमा करा दिया जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस वर्ष सितंबर महीने में हुई भारी बारिश और गंगा, कोसी, गंडक, बागमती एवं अन्य नदियों में आई बाढ़ के कारण फसल बर्बाद हो गई। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल सितंबर में आई बाढ़ से बिहार में खरीफ और बागवानी फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाढ़ से 673 पंचायतों में लगभग 2.24 लाख हेक्टेयर में लगी फसल नष्ट हो गई थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रभावित जिलों से फसलों के नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की राशि भेजी गई है। कृषि इनपुट अनुदान योजना (krishi input anudan yojana) के अन्तर्गत राज्य सरकार उन्हें यह राशि दे रही है। अभी पहले चरण की राशि दी गई है। अन्य प्राप्त आवेदनों का सत्यापन (Verification) करने बाद उनके खातों में मुआवजा राशि जल्द ही ट्रांसफर कर दी जाएगी।
बिहार के कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल के बताया, गंगा और अन्य नदियों में आई बाढ़ से पहले चरण में राज्य के 16 जिले प्रभावित हुए। इसमें 66 प्रखंड और 580 पंचायतों के कृषि क्षेत्र शामिल है। बाढ़ प्रभावित प्रत्येक किसान को सिंचित क्षेत्र हेतु 17 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर, जबकि असिंचित क्षेत्र के लिए 8500 रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि दी गई है। इसके साथ ही हमेशा उगाई जाने वाली फसलों के लिए 22 हजार 500 रुपए प्रति हेक्टेयर का कृषि इनपुट अनुदान दिया गया है। प्रति किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर क्षेत्र के लिए मुआवजा दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस साल सितंबर में आई भयंकर बाढ़ ने राज्य के 19 जिलों के 92 ब्लॉकों में भयंकर तबाही मचाई थी।
भारी बारिश से गंगा तथा अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से बाढ़ से क्षतिग्रस्त खरीफ फसलों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में क्षतिपूर्ति राशि भेजी जा रही है। बाढ़ से प्रभावित पंचायतों के वे किसान परिवार, जिनकी फसल का नुकसान हुआ है, वे सभी ऑन-लाईन आवेदन कर कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ ले सकते हैं। बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान देय होगा। बिहार कृषि इनपुट अनुदान योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सबसे पहले बिहार कृषि विभाग के ऑफिसियल पोर्टल https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाना होगा। पोर्टल पर आपको कृषि इनपुट अनुदान 2024 के लिए आवेदन करने के लिंक पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
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