Rain and Hailstorm : पश्चिमी विक्षोभ चक्रवातीय परिसंचरण के चलते देश के कई हिस्सों में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है। अप्रैल महीने के बीते दिनों में देश के हरियाणा और पंजाब राज्य में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, बल्कि दक्षिण भारत के राज्य तेलंगाना में भी दो दिनों तक रूक-रूक कर अलग-अलग जिलों में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से हजारों एकड़ में लगी किसानों की फसल खराब हो गई है। इससे किसानों की फसलों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है, जिसको लेकर प्रभावित किसानों ने राज्य सरकार से खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग की है।
इस बीच राज्य के कृषि मंत्री थुम्मला नागेश्वर राव ने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल में हुए नुकसान जानने के लिए विवरण इकट्ठा करने को कहा है। साथ ही फसल के नुकसान को कम करने के लिए किसानों को तिरपाल भी बांटे गए हैं और विशेष सावधानी बरतने की खास सलाह भी कृषि मंत्री द्वारा दी गई है। आइए, इस खबर से जानते हैं कि राज्य में बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को कितना नुकसान पहुंचा है और उन्हें राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
दक्षिणी भारत में चल रही लू की स्थिति के बावजूद, तेलंगाना में कई स्थानों पर बेमौसम भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे चिलचिलाती तापमान और लू जैसी स्थितियों से लोगों को राहत मिली। हालांकि, इससे राज्य के कई जिलों में किसानों की हजारों एकड़ में लगी फसल नष्ट हो गई। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार तेलंगाना के 6 जिलों में बारिश एवं ओलावृष्टि ने बहुत भारी तबाही मचाई। बारिश और ओलावृष्टी से नयनापेट, कामारेड्डी, निज़ामाबाद, नागरकुर्नूल, यदाद्री-भुवनागिरी और सिद्दीपेट जिले में लगभग 2,220 एकड़ क्षेत्र में खड़ी किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं, जिसकी जानकारी प्रारंभिक रिपोर्टों के आधार पर खुद राज्य सरकार ने जारी की है। राज्य के कृषि मंत्री थुम्मला नागेश्वर राव ने अधिकारियों से प्रभावित जिलों में दौरा करने और किसानों से फसल के नुकसान की मात्रा के बारे में विवरण इकट्ठा करने के लिए कहा है, ताकि पीड़ित किसानों को फसल खराबे का उचित मुआवजा दिया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों के साथ समन्वय करके यह सुनिश्चित करेंगे कि धान की फसल भीग न जाए और अन्य फसलों को भीगने से बचाने और रोकने के उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए करीब 2 लाख से अधिक किसानों को तिरपाल कवर पहले ही बांटे जा चुके है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि शेष अन्य किसानों को भी जल्द से जल्द तिरपाल उपलब्ध करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। कृषि मंत्री थुम्मला नागेश्वर राव ने कृषि एवं बागवानी अधिकारियों को धान की कटाई को लेकर हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है, जबकि किसानों को असामयिक बारिश के चलते फसल के नुकसान को कम करने के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
इसके अलावा, तमिलनाडू के इरोड जिले से खबर सामने आई थी कि इरोड जिले में आंधी और बारिश ने भंयकर तबाही मचाई है। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार से हवा बहने के कारण जिले में लगे हजारों केले के पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसको लेकर जिले के प्रभावित किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। वहीं, किसानों की मुआवजे की मांग पर राज्य सरकार ने फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वे का काम भी शुरू कर दिया है। कृषि और बागवानी अधिकारियों का कहना है कि सर्वे रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। प्रभावित किसानों को आर्थिक नुकसान के लिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। राज्य सरकार की ओर से उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी।
कृषि मंत्री के अनुसार, तेलंगाना में खरीफ मौसम के साथ-साथ रबी सीजन में भी धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। तेलंगाना रबी कालीन धान का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। भले ही तेलंगाना में इस बार धान के क्षेत्रफल में कुछ गिरावट आई है और कुछ क्षेत्रों में बारिश की कमी भी रही लेकिन फिर भी कुल मिलाकर क्षेत्र में उत्पादन सामान्य होने की उम्मीद है। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की सरकारी खरीद बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा अधिकारियों से धान की कटाई-तैयारी को देखते हुए पूरी तरह अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
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