Crop Compensation : इन दिनों देश के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई हुई है। काफी लोग इसके चलते अपनी जान भी गंवा चुके हैं। वहीं, बाढ़ से कई क्षेत्रों के किसानों की फसलों को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है। उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई नदियां अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके कारण कई जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और क्षेत्र के अधिकांश किसानों की फसलें बर्बाद हो गई, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसको देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने फसलों का सर्वे कराकर प्रभावित किसानों के खातों में करोड़ों रुपए का मुआवजा भेजा है। प्रदेश में बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार (mukhyamantri yogi adityanath government) द्वारा अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की जा चुकी है। राजस्व (राहत) विभाग (Revenue Department) द्वारा यह धनराशि क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति (Crop Compensation) के लिए जिलों की डिमांड पर जारी की गई है।
उप्र के राजस्व (राहत) आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि अब तक 1.25 लाख से अधिक किसानों को उनकी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 71 करोड़ रुपए से अधिक का मुआवजा दिया जा चुका है, जिसमें सबसे अधिक लखीमपुर खीरी के 70 हजार से अधिक किसानों को 47 करोड़ रुपए का नुकसान मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। लखीमपुर के 88546 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है, जिसके सापेक्ष भुगतान के लिए अब तक 88544 किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है। वहीं 70,691 किसानों को 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। प्रदेश में बाढ़ की वजह से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए योगी सरकार ने अब तक 150 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जारी की है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि बाढ़ से 1,57,444 किसानों की फसल प्रभावित हुई है। लेखपाल द्वारा अब तक 1,56,952 किसानों को क्षतिपूर्ति धनराशि देने के लिए पोर्टल पर पंजीकृत किया जा चुका है। इसके सापेक्ष अब तक 1 लाख 25 हजार 521 किसानों को 71.01 करोड़ रुपए की धनराशि का भुगतान मुआवजे के तौर किया जा चुका है। शेष किसानों की फीडिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लगातार क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे किया जा रहा है, ताकि किसानों को समय से मुआवजा दिया जा सके। नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रदेश के 18 जिलों की 82126.50 हेक्टेयर क्षेत्र पर फसल प्रभावित हुई। सर्वे के दौरान 29,243.74 हेक्टेयर क्षेत्र में बाढ़ से फसलें क्षतिग्रस्त पायी गयी। उन्होंने कहा बारिश, ओलावृष्टि और बाढ़ से 33 प्रतिशत से अधिक फसल के क्षतिग्रस्त होने पर ही मुआवजा देने का प्रावधान है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि इसी तरह सिद्धार्थनगर में 19805 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। सभी किसानों की फीडिंग पोर्टल पर की जा चुकी है और 15478 किसानों को 7.70 करोड़ का मुआवजा भुगतान भी किया जा चुका है, जबकि हरदोई में 18010 किसानों की फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। पोर्टल पर सभी किसानों की फीडिंग की जा चुकी है। वहीं 14673 किसानों के खातों में 5.42 करोड़ रुपए का मुआवजा जारी भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अन्नदाता किसानों की आय में वृद्धि के साथ ही किसी आपदा में उन्हें होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त फसलों के किसानों की लिस्ट तहसीलों पर चस्पा करने का फैसला लिया गया है। क्योंकि किसानों द्वारा ऋण के बकाये की वजह से मुआवजे की धनराशि खाते में पहुंचते ही माइनस हो जाती है, जिससे किसानों को यह नहीं पता चल पाता कि उन्हे क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा मिला है या नहीं। ऐसे में किसान तहसील के चक्कर लगाते हैं। इसी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने तहसील पर क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा प्राप्त करने वाले किसानों की लिस्ट चस्पा करने का निर्णय लिया है। साथ ही तहसील में एक निश्चित दिन जिन-जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उनके नाम एनाउंस किये जाएंगे। इसके अलावा, सरकार की ओर से ऐसे किसानों की भी लिस्ट एनाउंस की जाएगी, जिन्हे मुआवजा नहीं दिया गया।
राहत आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सर्वेक्षण कर प्रभावित किसानों के खातों में तत्काल राशि भेजी जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों की मॉनिटरिंग खुद सीएम कर रहे हैं। इससे पहले बाढ़ तैयारियों के लिए 10 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। प्रदेश में कई स्थानों पर बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। सरयू, घाघरा, शारदा, राप्ती और सहायक नदियों का पानी कई गांव में घुस जाने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
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