Paddy Drum Seeder 2024 : किसान खरीफ के मौसम में धान की रोपाई करते हैं। खेतों में धान की रोपाई के लिए किसान मई के अंतिम सप्ताह से जून के दूसरे सप्ताह तक धान की नर्सरी लगाने की तैयारियां भी शुरू कर देंगे। इसके बाद बारिश के मौसम की शुरूआत होते ही जून के तीसरे सप्ताह से जुलाई अंत तक धान की तैयार नर्सरी से खेतों की रोपाई करेंगे। धान की खेती के लिए नर्सरी तैयार करने से लेकर खेतों में धान की रोपाई करने तक के कामों में किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। उपयुक्त समय पर धान की रोपाई के लिए श्रमिकों की समुचित उपलब्धता न होने एवं ऊंची दर पर श्रमिक मिलने पर हर सीजन में धान की खेती की लागत बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए किसान अपने तैयार हुए खेत में धान की छिटकवा विधि से सीधी बुआई/बिजाई करने लगे हैं।
हालांकि, धान की इस तरह छिटकवा विधि से बुआई करने पर खेत में जमे हुए धान के पौधों में समानता नहीं होती और पौधों की कम संख्या जमती है, जिससे धान की अपेक्षित उपज प्राप्त नहीं हो पाती। लेकिन अब किसान अपने लेव किए गए खेत में पैडी ड्रम सीडर (Paddy Drum Seeder) से धान की सीधी बुवाई करके इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। ड्रम सीडर से बुआई करने पर जल और श्रमिक व्यय में बचत होती है और धान की बुआई कतार में होने के कारण खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है। साथ ही खेती से उपज भी अधिक प्राप्त होती। धान की ड्रम सीडर विधि से बुवाई के फायदे को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा ड्रम सीडर पर किसानों को 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऐसे में अगर आप धान किसान है, तो सरकार द्वारा पैडी ड्रम के लिए प्रदान की जा रही सब्सिडी का लाभ लेकर मशीन खरीद कर अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पैडी ड्रम सीडर मानव चालित धान की सीधी बुवाई करने वाला एक महत्वपूर्ण कृषि यंत्र है। धान ड्रम सीडर से सीधे बुआई करके किसान जल, समय, डीजल और श्रमिक पर व्यय की बचत कर सकते है। ड्रम सीडर से सीधी बुआई करने पर धान की अवधि 7-10 दिन कम हो जाती है जिससे रबी मौसम में गेहूं की बुआई समय से हो सकती है। कम वर्षा या सूखे की स्थिति से नर्सरी जब बोने की स्थिति में न बन पाये तो पैडी ड्रम सीडर (Paddy Drum Seeder) से किसान सीधे बुआई करके धान फसल लेने का प्रयास कर सकते हैं। ड्रम सीडर से धान की बुआई कतार में होने से फसल में खरपतवार कम होते हैं, जिससे धान की पैदावार बढ़ जाती है। राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना (agricultural mechanization scheme) के अतंर्गत राज्य सरकार द्वारा इस कृषि उपकरण पर अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 60 प्रतिशत या अधिकतम 3750 रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा रही है, जबकि सामान्य श्रेणी के किसानों को धान की ड्रम सीडर मशीन पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 3,000 रुपए की धनराशि सब्सिडी के तौर दी जा रही है।
धान की ड्रम सीडर से सीधी बुआई करते समय खेत के समतलीकरण, मिट्टी की सेटिंग एवं खेत में जल स्तर पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए खेत में लेव लगाते समय पाटा से खेत का समतलीकरण अच्छी तरह से करना चाहिए। ऊंचा-नीचा खेत होने पर धान के बीज का जमाव एक समान नहीं हो पाता। पैडी ड्रम सीडर (Paddy Drum Seeder) द्वारा सीधी बुआई करने के लिए एक हेक्टेयर खेती में 30 से 35 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है। इस ड्रम सीडर से एक हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुआई केवल 2 श्रमिकों की मदद से 4 से 5 दिनों की अवधि में की जा सकती है। यानी धान की एक हेक्टेयर की बुआई 8 से 10 श्रमिकों की मजदूरी की लागत में होती है। वहीं, धान के एक हेक्टेयर खेत की रोपाई विधि से बुवाई करने में 40 से 45 श्रमिकों की मजदूरी की लागत लगती है। आज कृषि बाजारों में विभिन्न कंपनियों के धान की ड्रम सीडर 5 हजार से 6 हजार रुपए की कीमत सीमा के अंदर उपलब्ध है, जिन पर राज्य कृषि विभाग द्वारा 60 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जाती है। बता दें कि राज्य कृषि विभाग द्वारा अधिसूचित कृषि यंत्र निर्मात कंपनी या विक्रेता से ही पैडी ड्रम सीडर की खरीद पर ही किसानों को सब्सिडी का लाभ मिलता है।
कृषि विभाग, बिहार सरकार, राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना 2024 (agricultural mechanization scheme) के तहत कृषि के अलग-अलग उपकरणों एवं कृषि मशीनों पर किसानों को अनुदान देती है। इसमें पैडी ड्रम सीडर मैन्युअल कृषि उपकरण भी शामिल है। इस यंत्र पर योजना के तहत किसानों को 50 से लेकर 60 प्रतिशत तक का अनुदान लाभ दिया जाता है। इच्छुक किसान अपने आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण के लिए बैंक पासबुक की कॉपी, कृषि मशीन खरीद का कंप्यूटराइज बिल आदि दस्तावेज के साथ कृषि विभाग, बिहार सरकार के ऑनलाइन OFMAS सॉफ्टवेयर पर कृषि यांत्रिकीकरण योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसान चाहे, तो अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र या सीएससी सेंटर पर जाकर OFMAS सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकार समय-समय पर आवेदन स्वीकार करती है।
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