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कामधेनु डेयरी योजना : पशुपालकों को सरकार से मिलेगी 85 प्रतिशत की सब्सिडी, ऋण लेकर करें डेयरी की स्थापना

कामधेनु डेयरी योजना : पशुपालकों को सरकार से मिलेगी 85 प्रतिशत की सब्सिडी, ऋण लेकर करें डेयरी की स्थापना
पोस्ट -17 जून 2022 शेयर पोस्ट

कामधेनु डेयरी योजना के तहत सरकार से पाएं अनुदान और लाखों में करें कमाई

देश के किसानों की आय दोगुनी करने और रोजगार के नये अवसर बनाने को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं शुरू की गई है। इन योजनाओं द्वारा सरकार किसानों की आय बढ़ाने के साथ ही उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए हर संभव मदद देने का प्रयास करती है। राजस्थान सरकार ने कृषि क्षेत्र के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र को भी बढ़ावा देने की तैयारी की है। राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में स्वदेशी गौवंशीय पशुओं की नस्लों में सुधार करने, उनके संरक्षण तथा दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कामधेनु योजना को लागू किया गया है। योजना के माध्यम से प्रदेश में रोजगार के अवसर को बढ़ावा देने के लिए डेयरी फार्म शुरू करने पर कुल खर्च का 90 प्रतिशत तक बैंको के माध्यम से लोन दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर किसानों, पशुपालकों, गाय मालिकों, महिलाओं और युवाओं को स्वरोजगार प्रदान कर रही है। राजस्थान सरकार द्वारा इस योजना के कार्यान्वित के लिए बजट में 750 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। अगर आप भी कामधेनु डेयरी योजना 2022 के तहत डयेरी फार्म शुरू करना चाहते है, तो आपको योजना में आवेदन करना होगा। ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से आपको योजना से संबंधित पूरी जानकारी विस्तार से दी जा रही है। आशा करते है इस जानकारी से आपको योजना में आवेदन करने में आसानी होगी। 

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कामधेनु डेयरी योजना का उद्देश्य 

राजस्थान सरकार द्वारा कामधेनु डेयरी योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य राजस्थान में पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ दुध उत्पादन को बढ़ावा देना है। राज्य में कृषकों, पशुपालकों, महिलाओं और नवयुवकों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। राजस्थान सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत पशुपालकों को डेयरी फॉर्म स्थापित करने के लिए 90 प्रतिशत तक का लोन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत डेयरी फार्म में प्रजनन विधि के माध्यम से अधिक दूध देने वाली उन्‍नत नस्‍ल की देशी गायों का संवर्धन किया जायेगा। जिससे गाय के दूध के उत्पादन क्षमता बढने के साथ ही पशुपालन को एक लाभदायक कृषि व्यवसाय बनाया जायेगा। 

समय पर लोन का भुगतान करने पर 30 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ

राजस्थान सरकार द्वारा कामधेनु डेयरी योजना को राज्य में शुरू कर पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादक को बढ़ावा देने की अहम कोशिश की गई है। राज्य सरकार इस योजना के तहत पशुपाल किसानों को देशी गाय की डेयरी फॉर्म चालने के लिए 90 प्रतिशत तक का लोन भी उपलब्ध कर रही है। यहाँ तक की लोन के रूप में ली गयी धनराशि का समय से भुगतान करने पर ब्याज पर 30 फीसदी सब्सिडी प्रदान भी कर रही है। कामधेनु डेयरी योजना के अंतर्गत एक इकाई की अनुमानित कीमत लगभग 36.67 लाख की होगी। जिसमें आने वाले कुल व्यय का 30 प्रतिशत खर्च सरकार द्वारा वहन किया जायेगा, इसके साथ ही 60 प्रतिशत धनराशि बैंक द्वारा ऋण के रूप में मिलेगी। इसमें पशुपालक किसानों को सिर्फ 10 प्रतिशत खर्च करना होगा।  

भारत डेयरी उत्पादों के निर्यात में प्रमुख  

भारत में नहीं बल्कि दुनिया भर में किसान खेती-बाड़ी के साथ अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य करते हैं। किसान अपने स्तर पर गाय, भेड़, बकरी और भैस पालन कर इनसे अतिरिक्त आय करते है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पशुपालन न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में सबसे आकर्षक और मांग वाले व्यवसायों में से एक है। यदि पशुपालन का व्यवसाय समझदारी और वैज्ञानिक तरीके  से किया जाए तो खेती से ज्यादा आमदनी इससे की जा सकती है। भारत ने 2020-21 में जिन देशों को प्रमुख रूप से डेयरी उत्पादों का निर्यात किया गया, उनमें यूएई, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देश थें। अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी हिस्सेदारी के साथ डेयरी क्षेत्र सबसे बड़ा इकलौता कृषि कॉमोडिटी है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य बन गया है, जो कुल दूध उत्पादन में लगभग 18 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके बाद राजस्थान 11 प्रतिशत , आंध्र प्रदेश 10 प्रतिशत, गुजरात 8 प्रतिशत और पंजाब 7 प्रतिशत का योगदान देता है।

कामधेनु डेयरी योजना के अंतर्गत सब्सिडी

राजस्थान में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा पशुपालन क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गए है। इसके लिए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना, कामधेनु डेयरी योजना जैसी और भी कई महत्वपूर्ण योजना चालाई हुई है। इन योजना के माध्यम से कृषि के साथ-साथ पशुपालन और दुध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार पशुपालक किसानों को लोन एवं सब्सिडी जैसी सुविधा भी देती है। कामधेनु स्कीम के अंतर्गत कोई भी किसान या पशुपालक लोन सब्सिडी लिए अप्लाई कर सकता है। योजना के अंतर्गत 25 दुधारू गाय पालने के लिए 3 प्रतिशत ब्याज की दर से कुल खर्च का 85 प्रतिशत दिया जायेगा। शेष बची धनराशि राशि का 15 प्रतिशत किसान को स्वयं वहन करना होगा। यदि हम सब्सिडी की बात करे, तो इस योजना के अंतर्गत लोन के रूप में ली गयी धनराशि को समय से वापस करने पर किसान को 35 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

कामधेनु डेयरी योजना पात्रता

  • कामधेनु डेयरी योजना में आवेदन केवल राजस्थान राज्य का स्थायी मूल निवासी ही कर सकते हैं।

  • डेयरी फार्म के लोन के लिए आवेदक किसानों और पशुपालकों के पास कम से कम 1 एकड़ भूमि होना आवश्यक है।

  • योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक किसान को पशुपालन से सम्बंधित कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

  • डेयरी फॉर्म का संचालन करने वाले लाभार्थियों के पास हरे चारे की उचित सुविधा होनी चाहिए।

  • कामधेनु योजना के अंतर्गत खुद का व्यवसाय करने वाले किसान ही पात्र मानें जायेंगे। 

कामधेनु डेयरी योजना संबंधित दस्तावेज

  • डेयरी क्षेत्र में पशुपालन संबंधित कोई भी अनुभव दस्तावेज

  • आवेदक किसान का आवास प्रमाण पत्र जो यह साबित करता हो की आवेदक राज्य का मूल निवासी है।

  • आधार कार्ड

  • बैंक खाता पास बुक 

  • पिछले तीन वर्षों का आयकर विवरण

  • स्वयं के भूमि के दस्तावेज

  • पासपोर्ट साइज फोटो आदि

कामधेनु डेयरी योजना के लाभ

  • पशुपालन क्षेत्र में काम करने वाले राज्य का कोई भी नागरिक सरकार की इस योजना में डेयरी फॉर्म लोन एवं सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

  • इस योजना के तहत राज्य के नागरिकों को कम कीमत में उच्च गुणवत्ता वाला दूध मिलेगा।

  • कामधेनु योजना में महिलाएं और बेरोजगार नागरिक भी अपना आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।

  • यदि कोई व्यक्ति इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है तो उसे पूरी राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत ही देना होगा।

  • योजना के तहत सही समय पर लोन चुकाने पर सरकार आपको ऋण के रूप में 30 प्रतिशत की सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। 

  • योजना के तहत पशुपालक किसानों को केवल 15 प्रतिशत का खर्च उठाना होगा, बाकि 85 प्रतिशत ऋण सरकार देगी।

  • कामधेनु डेयरी योजना परियोजना के तहत सब्सिडी पर 90 प्रतिशत का ऋण लेकर डेयरी की स्थापना की जा सकती है।

  • इस योजना में सबसे अच्छी देशी नस्ल की कम से कम 15 गायों को डेयरी में रखना होता है, जो प्रतिदिन लगभग 10-12 लीटर दूध देती है।

  • डेयरी में उच्च दूध क्षमता वाली एक ही नस्ल की अधितम 30 गायें या भैंस होंगी। पहले चरण में 15 तथा 6 महीने बाद, दुसरे चरण में 15 देशी नस्ल की गायें जिनकी उम्र पांच या दो साल होनी चाहिए।

कामधेनु डेयरी योजना में ऐसे करें आवेदन

राज्य के जो इच्छुक पशुपालक किसान इस योजना के अंतर्गत अपना आवेदन करना चाहते है। आवेदन के लिए आपकों सबसे पहले आपने सभी आवश्यक दस्तावेजों को लेकर अपने नजदीकी पशुपालन एवं डेयरी विभाग जाना होगा। इसके बाद आपको वह जाकर आवेदन फॉर्म लेना होगा। फिर आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी सही जानकारी को सावधानीपूर्वक भरना होगा। आवेदन फॉर्म भरने के बाद आपको अपने दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आदि की फोटो कॉपी को आवेदन फॉर्म के साथ लगाना है और डेयरी अधिकारी के पास सत्यापन के लिए जमा करना होगा। इस तरह आप आपना आवेदन योजना में कर सकते हैं। इच्छुक आवेदन किसान योजना संबंधित और अधिक जानकारी के लिए कामधेनु डेयरी योजना की अधिकारिक वेबसाइट gopalan.rajasthan.gov.in  पर विजिट कर सकते हैं।

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