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पशुपालकों के लिए खुशखबरी, अब प्रति लीटर दूध पर मिलेगा 5 रुपये का बोनस

पशुपालकों के लिए खुशखबरी, अब प्रति लीटर दूध पर मिलेगा 5 रुपये का बोनस
पोस्ट -15 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

दूध पर बोनस : मिल्क फेडरेशन से जुड़े पशुपालकों को मिलेगा योजना का फायदा

आज एक गांव में दूध के कई भाव मिल जाते हैं। किसी पशुपालक का दूध 70 रुपए लीटर बिक रहा है तो किसी पशुपालक का दूध 60 रुपए प्रतिलीटर की दर से बिक रहा है। वहीं दूध का कारोबार करने वाले व्यापारी पशुपालकों से 50-55 रुपए प्रति लीटर की दर से भी दूध खरीदते हैं। ऐसे में कुछ पशुपालक तो अधिक मुनाफा कमाते हैं, वहीं कुछ पशुपालकों को नाम मात्र का ही मुनाफा हो पाता है। अब सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए एक नई घोषणा की है। इसके मुताबिक अगर पशुपालक किसान गांव के दूध कलेक्शन सेंटर पर अपना दूध बेचते हैं तो उन्हें 5 रुपए ज्यादा मिलेंगे। इस योजना का गांव दूध कलेक्शन सेंटर से जुड़े किसानों को सबसे पहले मिलेगा। अगर आप भी एक किसान या पशुपालक हैं और दूध बेचते हैं तो ट्रैक्टर गुरु की यह पोस्ट आपके लिए बड़े काम की है। इस पोस्ट में आपको दूध पर मिलने वाले बोनस के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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मिल्क फेडरेशन से जुड़े इन किसानों को मिलेगा फायदा (These farmers associated with the Milk Federation will get benefits)

देश के अधिकांश राज्यों में राज्य स्तरीय मिल्क फेडरेशन ने गांव-गांव में मिल्क कलेक्शन सेंटर बना रखे हैं। यहां पर पशुपालक-किसान अपना दूध इकट्‌ठा करते हैं। इसके बदले में उन्हें भुगतान किया जाता है। सामान्यत: दूध का भुगतान फैट के आधार पर किया जाता है। अब झारखंड राज्य सरकार ने दूध कलेक्शन सेंटर पर दूध देने वाले किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए नई घोषणा की है। राज्य की कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने दूध उत्पादक पशुपालकों को बोनस देने का फैसला किया है। झारखंड में वर्तमान में करीब 66 हजार किसान मिल्क फेडरेशन से जुड़े हुए हैं जिन्हें बोनस का लाभ मिलेगा।

5 रुपए लीटर मिलेगी प्रोत्साहन राशि, 47.45 करोड़ का बजट स्वीकृत (Incentive amount will be given at Rs 5 per liter, budget of Rs 47.45 crore approved)

झारखंड के पशुपालकों को दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह राशि केवल उन पशुपालकों को मिलेगी जो अपना दूध झारखंड मिल्क फेडरेशन के दूध कलेक्शन सेंटर पर अपना दूध बेचते हैं। यह योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लागू की गई है। इसके लिए राज्य सरकार ने 47.45 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। यहां आपको बता दें कि पहले झारखंड मिल्क कलेक्शन सेंटर में दूध जमा करने वाले किसानों को राज्य सरकार द्वारा तीन रुपए प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती थी जिसे अब बढ़ाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है।

हर साल बढ़ जाते हैं पशुआहार के दाम, इस फैसले से मिलेगी राहत (The prices of animal feed increase every year, this decision will provide relief)

देश में हर साल पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे व पशुआहार सामग्रियों के दाम बढ़ जाते हैं, लेकिन इस अनुपात में दूध के दाम नहीं बढ़ते हैं। झारखंड सरकार की इस घोषणा से पशुपालकों को फायदा होगा, जिससे वे खुश हैं। किसानों का कहना है कि बरसात के सीजन में पशु चारे के दाम बढ़ जाते हैं। इस समय झारखंड के किसान 32-35 रुपए किलो की दर से चोकर खरीद रहे हैं। वहीं मकई दर्रा का भाव भी 30 से 36 रुपए किलो बना हुआ है। जबकि बादाम खली के दाम 50 रुपए किलो चल रहे हैं। इसके अलावा पशु चारे को गांव तक पहुंचाने का परिवहन खर्च सहित अन्य खर्च भी बहुत ज्यादा है। बढ़ती महंगाई के कारण पशुपालक का बिजनेस फायदे का सौदा नहीं रह जाता है। ऐसे में दूध की कीमत कम मिलने से पशुपालकों को नुकसान उठाना पड़ता है। लेकिन अब 5 रुपए का अतिरिक्त बोनस से मिलने पशुपालकों को कुछ राहत जरूर मिलेगी।

किसानों का लोन भी माफ करेगी सरकार (The government will also waive the loans of farmers)

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में महगामा विधायक दीपिका पांडेय को हाल ही में कृषि, पशुपालन व सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्री बनने के बाद दीपिका पांडेय किसानों के हित में लगातार फैसले ले रही है। कृषि मंत्री ने झारखंड के किसानों का 50 हजार की जगह 2 लाख रुपए का कर्जा माफ करने पर काम शुरू कर दिया है और कृषि विभाग के अधिकारियों को मंत्री परिषद के लिए प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। साथ ही मंत्री ने कहा है कि कृषक मित्रों का मानदेय 1000 रुपए से बढ़ाकर 2 हजार रुपए किया जाएगा। उन्होंने राज्य में तालाबों की संख्या बढ़ाने का तथा वर्तमान परकोलेशन टैंक में संशोधन करने का सुझाव दिया। कृषि मंत्री ने सुखाड़ से निपटने के लिए विभाग को बेहतर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने खरीफ सीजन में किसानों को उर्वरकों की किल्लत न हो और महंगे दाम पर उर्वरक नहीं खरीदना पड़े, इसके लिए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नकली उर्वरकों की बिक्री पर भी रोक लगाने के लिए विभाग को निर्देशित किया है।

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