Milk Subsidy : देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में पशुपालन क्षेत्र बड़ी भूमिका निभा रहा है। इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पशुपालकों और किसानों के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरूआत कर उन्हें पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने हेतु वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए डेयरी किसानों को आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। इस बीच महाराष्ट्र में दुग्ध उत्पादकों के लिए अच्छी खबर है। अब राज्य में डेयरी किसानों और दुग्ध उत्पादकों को दूध बेचने पर 5 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी मिलेगी। इससे दुग्ध उत्पादकों को दूध बेचने पर अब 5 रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त फायदा मिलेगा। आईए जानते हैं कि दूध पर सब्सिडी का लाभ कैसे दूध उत्पादकों को मिलेगा और सरकार ने इसके लिए क्या शर्त रखी है।
कैबिनेट की बैठक में किया गया है फैसला
राज्य की कैबिनेट बैठक में दूध की बिक्री करने वाले किसानों और दुग्ध उत्पादकों को प्रति लीटर 5 रुपए की सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। इसके लिए कैबिनेट की ओर से मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में कई जगह विरोध हो रहा है। क्योंकि यह सब्सिडी केवल सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक किसानों को मिलेगी, जबकि निजी क्षेत्र को दूध बिक्री करने वाले पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार के इस फैसले के बाद प्राइवेट सेक्टर के डेयरी बिजनेस से जुड़े सभी डेयरी किसान दूध की बिक्री पर सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।
इन दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से दी जाएगी सब्सिडी
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों और किसानों को दूध पर 5 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी (Subsidy) देने का फैसला किया है। राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। सीएमओ के मुताबिक, राज्य में सहकारी दुग्ध संघों तथा निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से एकत्रित गाय के दूध पर दुग्ध उत्पादकों और किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना फिलहाल 11 जनवरी 2024 से 10 फरवरी 2024 तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू रहेगी। इसके बाद सरकार योजना की समीक्षा कर समय सीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। नवम्बर, 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के जरिए दूध एकत्रित मात्रा 149 लाख लीटर प्रतिदिन है। प्रस्तावित 5 रुपए प्रति लीटर की सब्सिडी के हिसाब से एक महीने की अवधि के प्रोजेक्ट के लिए 230 करोड़ रुपए की अनुमानित सब्सिडी राशि की आवश्यकता होगी। हालांकि, वास्तविक दूध कलेक्शन में वृद्धि या कमी के अनुसार, उपरोक्त सब्सिडी मात्रा में बदलाव होने का भी अनुमान है।
दुग्ध उत्पादक किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी का भुगतान
सीएमओ के अनुसार निजी दुग्ध परियोजनाओं और सहकारी दुग्ध संघों के माध्यम से दुग्ध उत्पादक किसानों को 3.5 /8.5 फैट और एसएनएफ गुणवत्ता पर न्यूनतम 27 रुपए प्रति लीटर की दर से ऑनलाइन (कैशलेस मोड) के माध्यम से उनके व्यक्तिगत बैंक खाते में भुगतान करना जरूरी होगा। इसके बाद सरकार की तरफ से दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी। दूध का फैट और एसएनएफ 3.5/8.5 प्रति प्वाइंट से कम होने पर मिलने वाले भुगतान के लिए 30 पैसे प्रति लीटर की कटौती की जाएगी। इसके साथ ही फैट और एसएनएफ में प्रत्येक अंक बढ़ोतरी पर 30 पैसे की वृद्धि की जाएगी। योजना में लगाई गई शर्त पशुपालकों को परेशान कर रही है। किसान संगठन सभी निजी क्षेत्र को भी दूध की बिक्री पर सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर दी जानकारी
बीते महीने महाराष्ट्र विभानसभा में डेयरी मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिला ने दूध टैरिफ सब्सिडी की घोषणा की थी। इसके बाद राज्य कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई है। राज्य कैबिनेट बैठक में सरकार ने दस अहम फैसले लिए, जिसमें दुग्ध उत्पादकों को दूध की बिक्री पर पांच रुपए की सब्सिडी देने का फैसला शामिल है। योजना के कार्यान्वयन के लिए बैंक के माध्यम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। दुग्ध उत्पादकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी देने का फैसला किया गया है। राज्य कैबिनेट में हुए इन फैसलों की जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर दी। बता दें कि पिछले कई दिनों से दूध की कीमतों में उतार-चढ़ाव के चलते सब्सिडी का सवाल उठा था। राज्य सरकार ने सहकारी दुग्ध संघों और निजी समितियों के प्रतिदिन दूध संग्रहण की जानकारी स्वयं एकत्रित की, परंतु योजना के तहत सहकारी दुग्ध संघों को दूध की आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक किसानों को ही सब्सिडी देने का निर्णय किया गया है।
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