Crop Loan Waiver Telangana 2024 : लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों को लुभाने के लिए कर्ज माफी का मुद्दा कई बार उछला। अब किसानों को लोकसभा चुनाव परिणाम का इंतजार है। 4 जून को चुनाव परिणाम के बाद कई राज्यों के किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिल सकता है। इस बीच यह खुशखबरी सामने आई है कि राज्य सरकार ने किसानों का फसली ऋण माफ करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इस कांग्रेस शासित राज्य में 9 दिसंबर 2023 से पहले फसली ऋण लेने वाले किसानों के 2 लाख रुपए के लोन को माफ किया जाएगा।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी अपने मंत्रिपरिषद के साथ 4 जून को चुनाव आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। लेकिन सीएमओ के सूत्रों ने बताया कि 9 दिसंबर को कट-ऑफ तारीख तय करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया गया है। इसका मतलब यह होगा कि जिन किसानों ने 9 दिसंबर, 2023 तक फसल ऋण लिया है, वे फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत 2 लाख रुपए तक फसल ऋण माफी के लिए पात्र होंगे।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट अनुसार, सीएमओ सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना राज्य में जिन किसानों ने 9 दिसंबर, 2023 से पहले फसल ऋण लिया है। ऐसे सभी किसानों को इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि 9 दिसंबर, 2023 के बाद प्राप्त ऋण को माफी योजना के तहत नहीं लाया जा सकता है। सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस ऋण माफी योजना को एक बार में लागू करने के लिए उसे 32,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता हो सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस ने 7 दिसंबर 2023 को सरकार बनाई और 9 दिसंबर से, जो कि सोनिया गांधी का जन्मदिन है, अपनी छह में से दो गारंटी को लागू करना शुरू कर दिया है। यह तारीख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग तेलंगाना राज्य के गठन की औपचारिक घोषणा 2009 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इसी दिन भारत सरकार की ओर से की थी।
फिलहाल, प्राप्त फसल ऋण की शुरूआती अवधि के लिए कट-ऑफ तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है। लेकिन सीएमओ में इस बात को लेकर चर्चा है कि सरकार 1 अप्रैल, 2019 से ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को राहत देने की योजना बना रही है। सीएमओ के एक सूत्र ने कहा कि अगर ब्याज सहित ऋण राशि 2 लाख रुपए से अधिक है, तो सरकार अपने वादे के अनुसार 2 लाख रुपए माफ करने का इरादा रखती है और शेष बकाया राशि किसानों को खुद चुकानी होगी।
पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार ने राज्य में किसानों के एक लाख रुपए तक के फसल ऋण माफ करने का वादा किया था, हालांकि, इसके कार्यान्वयन में देरी हुई। लेकिन पिछली सरकार छोटे व मध्यम किसानों का लोन माफ कर सकती थी, किंतु पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण भारी संख्या में किसानों ऋण माफी नहीं मिल सकी। हाल के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने राज्य के 17 संसदीय क्षेत्रों में करीब हर लोकप्रिय देवता के नाम पर शपथ ली थी कि वह 15 अगस्त तक किसानों की फसल ऋण माफी कर देंगे।
सीएमओ के एक सूत्र का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारी इसकी रूपरेखा पर काम कर रहे हैं। इसमें एक निगम की स्थापना, बैंकों से किसानों की पूरी लोन राशि राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के लिए कहना, जोकि दीर्घकालिक आधार पर वित्तीय संस्थानों को देय है तथा पंजीकरण और स्टांप विभाग के माध्यम से राजस्व जुटाना आदि शामिल है। बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने किसानों के 2 लाख रुपए तक के किसान कर्ज माफी योजना की घोषणा की हुई है। रेवंत रेड्डी ने किसानों को आश्वासन भी दिया था कि तेलंगाना की कांग्रेस सरकार जल्द इसके लिए फसल ऋण माफी योजना लागू करेगी। साथ ही सरकार ने किसानों को अगले फसल सीजन से प्रति क्विंटल धान पर 500 रुपए का बोनस देने का वादा भी किया था।
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