बकरी पालन पर सरकार देगी 20 लाख रूपए की सब्सिडी, किसानों को मिलेगा लाभ

पोस्ट -24 नवम्बर 2023 शेयर पोस्ट

बकरी पालन : सरकार की इस योजना में मिलेगी 20 लाख की सब्सिडी और बकरी पालन की ट्रेनिंग

Goat Farming : देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उन्हें खेती के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र से जोड़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को बकरी पालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं के माध्यम से प्रशिक्षण, लोन और अच्छी खासी आर्थिक मदद भी प्रदान की जा रही है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें। इस कड़ी में केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा की एक खास योजना चल रही है, जिसमें बकरी पालकों को वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन के लिए प्रशिक्षण (ट्रेनिंग), बाजार के अवसरों के बारे में जानकारी भी दी जा रही है और केंद्र सरकार द्वारा लाइव स्टॉक मिशन के तहत बकरी पालन फार्म के लिए 20 लाख रुपए तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। ऐसे में अगर आप युवा है और गांव में ही स्वयं रोजगार स्टार्ट करना चाहते हैं, तो केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा की यह योजना आपके लिए खास हो सकती है। आइए, इस पोस्ट की मदद जानें कि कैसे इस खास योजना का लाभ लेकर बकरी फार्म शुरू कर आमदनी को बढ़ाया जा सकता है? 

नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत आर्थिक मदद

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद आरिफ बताते हैं कि यह कोई जरूरी नहीं है कि बकरी पालन फार्म शुरू करने के लिए 20 से 25 लाख रुपए ही खर्च किए जाएं। यह एक ऐसा बिजनेस है जिसे आधी से भी कम लागत और घर के छोटे से हिस्से में भी करना संभव है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर छोटे और सीमांत किसान बकरी पालन कर अपनी आजीविका चलाते हैं। वर्तमान समय में बकरी पालन किसानों की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण जरिया बना हुआ है। अगर बकरियों का पालन साइंटिफिक तरीके से किया जाए, तो इसे और अधिक मुनाफे वाला सौदा बनाया जा सकता है। साइंटिस्ट बताते हैं कि इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम के तहत बकरियों का पालन करने के लिए सीआईआरजी, मथुरा ट्रेनिंग भी देती है और बाजार अवसरों के बारे में भी बताती है। वहीं, केन्द्र सरकार द्वारा नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (National Livestock Mission) के तहत आर्थिक मदद भी प्रदान की जाती है।

एकीकृत कृषि प्रणाली (इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम)

साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ के अनुसार, एकीकृत कृषि प्रणाली (इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम) में एक ऐसे शेड का निर्माण किया जाता है, जिसमें बकरी और मुर्गे-मुर्गियों  को साथ पाला जाता है। इसमें मुर्गियां और बकरियां बराबर में साथ-साथ रहती हैं। सुबह जैसे ही बकरियां चरने के लिए शेड से बाहर जाती है, वैसे ही जाल में लगा एक छोटा सा दरवाजा खोल दिया जाता है।  इस गेट के खुलते ही मुर्गियां बकरियों की जगह पर आ जाती हैं और  यहां जमीन पर या लोहे के बने स्टॉल में बकरियों का बचा हुआ चारा जिसे अब बकरियां नहीं खाएंगी उसे बड़े ही चाव से खाती हैं। इससे चारा बेकार भी नहीं जाता है और उसी लागत में मुर्गियों के लिए पर्याप्त चारा मिल जाता है।  साइंटिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ के मुताबिक, इंटीग्रेटेड फॉर्मिंग सिस्टम (आईएफएस) के तहत बकरी और मुर्गों का एक साथ पालकर बकरी पालन को और अधिक मुनाफे वाला बनाया जा सकता है।

बकरी फार्म पर 20 लाख रुपए की सब्सिडी

केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी) के निदेशक मनीष कुमार चेतली का कहना है कि संस्थान का मिशन ग्रामीण लोगों को रोजगार सृजन और टिकाऊ आजीविका के लिए बकरी पालन की उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित करना है। इसके लिए संस्थान विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करता है। किसानों के लिए एक नियमित आय के लिए 100 बकरियों का पालन सबसे छोटा प्लान है। 100 बकरी के पालन करने के लिए बकरी फार्म  प्लान पर केंद्र सरकार द्वारा नेशनल लाइव स्टॉक मिशन (NLM) के तहत 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है। यदि सहायता नहीं लेनी है, तो फ‍िर 25 से 50 बकरियों से भी बकरी पालन फार्म स्टार्ट किया जा सकता है। 50 बकरी और दो बकरे का प्लान फार्म भी काफी फायदेमंद है। केन्द्र सरकार एनएलएम के तहत अध‍िकतम 500 बकरियों के बकरी पालन फार्म पर आर्थिक सहायता देती है

इस तरह शुरू करें गोट फार्म

हालांकि कोई शुरुआती अनुभव लेने और नुकसान से बचने के लिए दस बकरी और एक बकरे से भी गोट फार्म शुरू किया जा सकता है। परंतु, 50 बकरी और 2 बकरे के पालन के साथ गोट फार्म शुरू के लिए कुछ खास प्लान और तैयारी की आवश्यकता होती है। इसमें गोट फार्म स्थापित करने वाली जमीन का नक्शा, बकरियों के पालन के लिए शेड निर्माण करने का प्लान, शेड के आस-पास के क्षेत्र में पानी और हरे चारे की अच्छी व्यवस्था और बकरी पालन का उचित ज्ञान व प्रशिक्षण शामिल है। बकरियों के शेड निर्माण के लिए कोई बहुत ज्यादा तैयारी करने की जरूरत नहीं है। इसे आप पशुपालन विभाग के अधिकारियों की देख-रेख में तैयार करवा सकते हैं। हालांकि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जहां बकरी पालन के लिए शेड तैयार किया जा रहा है वो जमीन से मानक ऊंचाई पर हो और शेड के अंदर की मिट्टी को प्रत्येक 6 माह पश्चात बदलते रहना आवश्यक है। इससे बकरियों को कई प्रकार की बीमारी और संक्रमण से बचाया जा सकता है।  

नाबार्ड और अन्य बैंकों से आकर्षक दरों पर लोन

बकरी पालन में मुनाफे की बात की जाए, तो साल में एक बकरी पर 5 से 6 हजार रुपए मुनाफा होगा। क्योंकि बाजार में एक बकरी 6 हजार रुपए या इससे अधिक दाम पर बिकती है। अगर आपके पास गोट फार्म शुरू करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं है, तो लाइव स्टॉक मिशन योजना के तहत नाबार्ड और अन्य बैंकों से आकर्षक दरों पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं। खास बात यह है इस लोन पर लाभार्थियों को पशुओं का बीमा कवर भी मुफ्त मिल जाता है। वर्तमान में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, असम और अन्य कई राज्यों की सरकारें अपने-अपने राज्य में बकरी पालन योजना के तहत रोजगार के सृजन और किसानों की आय बढ़ाने का काम कर रही है। इसके साथ ही प्रशिक्षण केंद्र और शिविरों का आयोजन कर लोगों को यह समझाया जा रहा है कि बकरी पालन कैसे शुरू करें और इससे मुनाफा कैसे कमाया जाए।

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