Crop Loss Compensation : तपिश वाली तेज गर्मी और लू के बीच देश के कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि हुई, जो अभी भी कई हिस्सों में जारी है। इस बेमौसम बारिश ने कई किसानों को परेशानी में डाल दिया है। बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में बीते दिनों हरियाणा के कई अलग-अलग जिलों में खराब मौसम के कारण बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि बारिश एवं ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसल नुकसान के चलते आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हरियाणा के किसानों को जल्द ही सरकार की ओर से राहत मिलने वाली है। राज्य के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Naib Singh Saini) ने ओलावृष्टि और बारिश से प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के लिए काम शुरू करने की बात कही है।
उन्होंने अधिकारियों को फसल नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौराकर गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों को उम्मीद है कि सरकार नुकसान का सही आकलन कर उनकी स्थिति को समझते हुए राहत पहुंचाएगी। क्योंकि कई ऐसे किसान हैं जो क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण लेकर खेती करते हैं।
दरअसल, हरियाणा में अभी किसानों से गेहूं सहित अन्य रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम जारी है। यह फसलें खरीद केंद्रों और उपज मंडियों में बिकने के लिए तैयार रखी हुई है। वहीं, दूसरी ओर राज्य में कई किसान अभी गेहूं की कटाई भी कर रहे हैं या फिर कटाई के बाद खेत में फसल सूखा रहे हैं। इस सबके बीच राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है तथा बेमौसम बारिश से आलू सहित कई अन्य फसलें बर्बाद हो गई है। किसानों का कहना है कि, बारिश और तेज हवा के कारण खेतों में खड़ी गेहूं की फसल गिर गई हैं और खेतों में बारिश का पानी जमा होने से गेहूं के दाने सड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि अभी फिलहाल फसलों में करीब 25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। फसल बर्बाद होने से उनके पालतू पशुओं को सूखा चारा भी नहीं मिलेगा। किसानों ने कहा कि सरकार को फसल नुकसान मुआवजे (Crop Loss Compensation) के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि राज्य में मौसम अभी भी उपयुक्त नहीं है।
पंजाब और हरियाणा में कई अलग-अलग स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि हुई, जिससे हजारों हेक्टेयर में लगी फसल चौपट हो गई है। इससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान हुआ है। इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने करनाल के इंद्री में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जायजा लिया। जायजा लेने के बाद सीएम ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों और पटवारियों को फसलों का जायजा लेने और जो भी नुकसान हुआ है उसकी तुरंत गिरदावरी कराने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देकर राहत प्रदान की जा सके।
बता दें कि हरियाणा में अभी किसानों से समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी की जा रही है। ऐसे में हरियाणा के करनाल जिले के इंद्री इलाके में 15 से 20 अप्रैल के बीच जोरदार ओलावृष्टि हुई थी, जिसके कारण मंडियों में रखी गेहूं की बोरी के ऊपर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई थी। इसके अलावा, राज्य के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने रबी-फ़सल की खरीद से संबंधित व्यवस्थाओं की समीक्षा-बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्तों को आदेश दिए कि ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द विशेष सर्वे किया जाए, ताकि प्रभावित किसानों को समय पर नष्ट हुई फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जा सके।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार, भारत सरकार की बीमा पॉलिसी के मुताबिक प्राकृतिक आपदा से फसलों में हुए 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर ही किसानों को नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिया जाता है। इससे कम नुकसान होने पर मुआवजा देने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि किसी किसान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत फसलों का बीमा भी नहीं लिया है और बारिश और ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान 33 प्रतिशत से कम हुआ है, तो उनको किसी भी प्रकार की काेई भी सहायता नहीं मिलेगी। फिलहाल, प्रभावित हर जिलों में फसल नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। अभी तक किसी भी जिले में 33 प्रतिशत से ऊपर फसलों के नुकसान की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। वहीं, इससे पहले प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजा देने की घोषणा की थी। सीएम ने कहा कि मुआवजा सर्वेक्षण के 24 घंटों के अंदर दिया जाएगा। जहां अधिकारी यह निर्धारित करेंगे कि कोई विशेष किसान पात्र है या नहीं। बता दें कि मुख्यमंत्री ने बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान की समीक्षा के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे।
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