खुले बाजार में गेहूं की ज्यादा कीमत के बावजूद देश के विभिन्न राज्यों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का कार्य जारी है। खुले बाजार में जहां अच्छी क्वालिटी के गेहूं की डिमांड अधिक रहती है, वहीं सरकारी खरीद में हल्का गेहूं भी बिक जाता है। सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार आदि राज्यों के किसान बड़ी संख्या में अपना गेहूं सरकारी केंद्रों पर बेच चुके हैं।
राजस्थान व मध्यप्रदेश में किसानों को गेहूं का भाव एमएसपी 2275 रुपए और बोनस 125 रुपए मिलाकर 2400 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है। वहीं शेष राज्यों में एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदा जा रहा है। इस बीच यह खुशखबरी सामने आई कि केंद्र सरकार ने गेहूं किसानों के खाते में अब तक 46 हजार 347 करोड़ रुपए जमा करा दिए हैं। यह रकम किसानों के खातों में पहुंच गई है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट से जानें कि किस राज्य के किसानों से कितना गेहूं खरीदा गया है और कितने किसानों के खाते में पैसे पहुंचे हैं।
केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2024-25 में गेहूं खरीद का सरकारी लक्ष्य 372.9 लाख मीट्रिक टन तय किया है। 15 मई 2024 तक गेहूं की सरकारी खरीद 254 लाख मीट्रिक टन से अधिक पहुंच गई है। अभी करीब 119 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य अधूरा है। इस बार खुले बाजार में किसानों को गेहूं की ज्यादा कीमत मिल रही है, इसलिए किसान सरकारी खरीद केंद्रों की ओर कम ही रुख कर रहे हैं। कई जगह सरकारी खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अब तक के खरीद आंकड़ों के अनुसार इस साल भी पिछले दो साल की तरह सरकारी खरीद का लक्ष्य अधूरा रह सकता है। यहां आपको बता दें कि रबी विपणन सीजन 2022-23 में सरकार ने 444 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया था। इसके मुकाबले 187.9 लाख मीट्रिक टन की खरीद ही हो पाई थी। वहीं 2023-24 में 341.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का टारगेट सरकार ने तय किया था और 262 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो पाई।
15 मई 2024 तक देश के 16 लाख से अधिक किसान एमएसपी पर अपना गेहूं बेच चुके हैं। इन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का फायदा मिल रहा है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति विभाग की सूचना के अनुसार 15 मई तक गेहूं किसानों के खातों में 46 हजार 347 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जा चुके हैं। अधिकांश राज्यों में 72 घंटे के अंदर भुगतान का दावा किया जा रहा है। वहीं मध्यप्रदेश के किसानों की शिकायत सामने आई है कि उन्हें गेहूं की बिक्री का भुगतान लंबे इंतजार के बाद मिल रहा है।
गेहूं एमएसपी भुगतान स्टेट्स पंजाब (Wheat MSP Payment Status Punjab) : केंद्र सरकार ने गेहूं खरीद की एवज में पंजाब के किसानों को सबसे अधिक भुगतान किया है। केंद्र सरकार ने पंजाब को 130 लाख मीट्रिक टन की खरीद का टारगेट दिया था। 15 मई तक पंजाब के किसानों से 122 लाख् मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। पंजाब के 7 लाख 42 हजार 717 किसानों को एमएसपी के रूप में सबसे ज्यादा 26863 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
गेहूं एमएसपी भुगतान स्टेट्स हरियाणा (Wheat MSP Payment Status Haryana): केंद्र सरकार ने हरियाणा के 2 लाख 61 हजार 248 किसानों को 8224.8 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। हरियाणा को 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य मिला था, 15 मई तक 70 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो पाई है।
गेहूं एमएसपी भुगतान स्टेट्स मध्यप्रदेश (Wheat MSP Payment Status Madhya Pradesh) : गेहूं उत्पादक प्रमुख राज्य मध्यप्रदेश गेहूं खरीद के सरकारी लक्ष्य से अभी काफी पीछे है। केंद्र सरकार ने एमपी को 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का टारगेट दिया है जबकि अब तक 46 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है। इसके एवज में मध्यप्रदेश के 4 लाख 33 हजार 406 किसानों को गेहूं एमएसपी के लिए 8138.1 करोड़ रुपए का पेमेंट किया जा चुका है।
गेहूं एमएसपी भुगतान स्टेट्स उत्तरप्रदेश (Wheat MSP Payment Status Uttar Pradesh): सबसे बड़े गेहूं उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश ने गेहूं की सरकारी खरीद में काफी निराश किया है। केंद्र सरकार ने यूपी को रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया है। इसके मुकाबले 15 मई 2024 तक मात्र 8.47 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई है और एक लाख 9 हजार 852 किसानों के खातों में 1544 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई है।
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