आज देश के लाखों गांवों में खेती-किसानी व दैनिक कार्यों के लिए पानी नलकूप या बोरवेल से मिल रहा है। केंद्र व राज्य सरकारें कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को नलकूप व बोरवेल लगवाने के लिए सब्सिडी व अन्य तरीकों से राहत प्रदान कर रही है। वहीं कई राज्यों में भूजल स्तर में लगातार गिरावट के कारण सरकारों ने नलकूप व बोरिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
आज हर गांव में सैकड़ों की संख्या में नलकूप देखने के लिए मिल जाएंगे जो काफी सालों से पेयजल की आपूर्ति कर रहे हैं। इसके अलावा ऐसे नलकूप भी मिल जाएंगे जो सूख चुके हैं और उन्हें लोगों ने खुला छोड़ दिया है। अगर आपके गांव में भी कोई खुला नलकूप या बोरवेल है तो आप इसकी सूचना सरकार को भेजकर 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकते हैं। बस आपको नलकूप या बोरवेल का फोटो खींचना है और उसे संबंधित अधिकारी के पास भेजना है। इस योजना का उद्देश्य खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव करना है।
सामान्यत: देखा गया है कि नलकूप या बोरवेलों में पानी सूख जाने के बाद संबंधित व्यक्ति द्वारा उसे खुला छोड़ दिया जाता है। उसे इतना अनुपयोगी समझा जाता है कि ढक्कन लगाने की जरूरत भी नहीं समझी जाती है। ऐसे ही खुले बोरवेल इन दिनों हादसे का कारण बने हुए है। खुले नलकूपों में छोटे बच्चों के गिरने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इन घटनाक्रमों से कई बार हालत इतने बिगड़ जाते हैं कि संबंधित जिले के पुलिस व प्रशासन को कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर जाना पड़ता है। इसी तरह के घटनाक्रमों को देखते मध्यप्रदेश में खुले नलकूप व बोरवेल के संबंध नए आदेश जारी किए गए हैं।
इंदौर कलेक्टर कार्यालय ने धारा 144 के अंतर्गत अनुपयोगी व खुले नलकूपों/बोरवेलों को मजबूत ढक्कनों से बंद करने के संबंध में आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के अनुसार अनुपयोगी नलकूपों/बोरवेलों पर ढक्कन नहीं मिलने पर धारा 188 भा.द.वि. अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में खुले नलकूपों/बोरवेलों को मजबूत ढक्कनों से बंद करने के संबंध में जिला प्रशासन ने आदेश जारी किए हैं। अगर आप इंदौर जिले के निवासी हैं और आपके क्षेत्र में खुले नलकूप या बोरवेल हैं तो आप इसकी शिकायत सीधे कर सकते हैं। साथ ही आमजन की सुरक्षा एवं उक्त आदेश का कड़ाई से पालन कराए जाने को दृष्टिगत रखते हुए सर्वसाधारण को सूचित किया गया है कि इंदौर जिले की सीमा के अंतर्गत ऐसे नलकूप/बोरवेल जो खुले हुए हैं, उसकी सूचना कलक्टर कार्यालय के कक्ष क्रमांक जी-12 में अथवा टेलीफोन नंबर 0731-181 पर एवं अभिनव मिसाल, स्टेनो शाखा मो.न. 9926734403 पर प्रातः 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक दे सकते हैं। सूचना सही पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इधर, मध्यप्रदेश के रीवा जिले में खुले बोरबेल में गिरने से बच्चे की मौत हो चुकी है। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। अब रीवा जिले में बोरवेल व कुएं का निर्माण शुरू करने से 15 दिन पहले संबंधित पक्ष को सूचना देनी होगी। जिला कलेक्टर क्षितिज सिंघल के निर्देशों के परिपालन में लोक यांत्रिकी विभाग ने अनुपयोगी, खुले नलकूप, बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोके जाने के संबंध में एडवाईजरी जारी की है। एडवाइजरी अनुसार जिस भूमि व परिसर पर बोरवेल, कुएं का निर्माण किया जाएगा उससे मालिक को निर्माण के लिए एसडीएम, सीईओ, सीएमओ, सरपंच व पार्षद को कम से कम 15 दिन पहले लिखित में सूचना देनी होगी। साथ ही ड्रिलिंग ऐजेंसियों का पंजीकरण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में होना अनिवार्य है। बोर, कुएं के मालिक को निर्माण के दौरान मौके पर साइन बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा।
यूपी के मथुरा शहर में प्रशासन ने सभी टयूबवेलों का सर्वे करने और पुराने मोटर हटाने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। नगर आयुक्त ने नगर निगम मथुरा-वृंदावन क्षेत्र अंतर्गत सभी ट्यूबवेलों का सर्वे कराकर पुरानी मोटरों का चिन्हांकन करने और उनके स्थान पर नई मोटर लगाने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों को कहा है।
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