Fish Pond : मछली पालन के लिए तालाब बनाने पर 80 प्रतिशत की सब्सिडी

पोस्ट -16 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Fish Farming : मत्स्य किसानों को तालाब बनाने के लिए मिल रही 80 प्रतिशत सब्सिडी, जानें, कहां करें आवेदन

Pond Subsidy : देश के ग्रामीण क्षेत्रों में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि रोजगार के नए अवसरों का सृजन किया जा सके। सरकार इसके लिए कई तरह की योजनाएं चलाकर किसानों को सब्सिडी तथा अन्य कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है, ताकि वे अच्छे से मछली पालन (Fish Farming) कर बेहतर उत्पादन कर सके। इस कड़ी में बिहार सरकार राज्य में मछली पालन और उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों और मत्स्य पालकों को मछली पालन के लिए बढ़-चढ़कर अनुदान दे रही है। ऐसे में बिहार सरकार ने राज्य में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए “पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना” लागू की है, जिसके तहत मत्स्य किसानों को मछली पालन (Fish Farming) के लिए तालाब बनाने (Pond construction) की लागत पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक किसान लाभ लेने के लिए योजना में आवेदन कर सकते हैं।

तालाब बनाने की योजना का उद्देश्य (Objective of pond construction scheme)

सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए “पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन की योजना” की स्वीकृति दी है। राज्य के बांका, औरंगाबाद, गया, कैमूर, नवादा, जमुई, मुंगेर और रोहतास जिलों के पठारी क्षेत्र में इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य राज्य के पठारी जिलों में विशेष सहायता के तहत तालाब निर्माण एवं संबद्ध सहायक इकाईयों का अधिष्ठापन कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देना है, जिससे इन क्षेत्रों में इच्छुक किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके। इस योजना के क्रियान्वयन से क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे मत्स्य किसानों को आजीविका का साधन उपलब्ध हो सकेगा।

कितनी देय होगी सब्सिडी? (How much subsidy will be payable?)

पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन की योजना दक्षिण बिहार के चिन्हित पठार बाहुल्य जिलों के लिए लागू की गई है। इन जिलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को मछली पालन के लिए तालाब बनाने एवं संबंधित सहायक इकाईयों के लिए आर्थिक सहायता (अनुदान) दिया जाएगा। इस योजना के तहत तालाब निर्माण, ट्यूबवेल एवं सोलर पंप के साथ उन्नत इनपुट तथा शेड तैयार करने के लिए एक इकाई पैकेज तैयार किया गया है, जिससे मछली पालन सफलतापूर्वक किया जा सके। इस योजनांतर्गत तालाब निर्माण की इकाई लागत 16.70 लाख (ट्यूबवेल एवं सोलर पंप, उन्नत इनपुट और शेड) अनुमानित है, जिस पर लाभुकों को 80 प्रतिशत की दर से 13.36 लाख रुपए की सब्सिडी देय होगी।

योजना में 30 अगस्त तक आवेदन (Apply for the scheme till August 30)

इस योजनान्तर्गत प्रस्तावित तालाब निर्माण के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना के तहत अधिकतम एक तथा न्यूनतम 0.4 एकड़ क्षेत्र में तालाब निर्माण पर अनुदान पैकेज देय होगा। इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए आवेदक के पास निजी/लीज की भूमि होनी चाहिए। अगर भूमि लीज पर है, तो उसके लीज पेपर एग्रीमेंट वैल्यू एक हजार की होनी चाहिए और लीज एग्रीमेंट कम से कम नौ साल का उपलब्ध होगा तो इस योजना के तहत आवेदन किया जा सकेगा। इस येाजना में लाभ के लिए अंतिम तिथि 30 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है।

इस वेबसाइट पर करें पंजीकरण (Register on this website)

इच्छुक मत्स्य किसान लाभ लेने के लिए इस योजना में 30 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन मत्स्य निदेशालय, बिहार की आधिकारिक वेबसाइट https://fisheries.bihar.gov.in/Accordion.aspx  पर किया जा सकता है।  जिन किसानों ने पहले इस विभाग से खुद को पंजीकरण कराया है वो सीधे वेबसाइट में जाकर आवेदन कर सकते हैं। जिन किसानों ने पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है वे न्यू रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक कर पंजीकरण करें। इस योजना के लिए लाभुक का चयन उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी द्वारा किया जाएगा। गठित समिति के अनुदामोदनोपरांत जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्यम कार्यपालक द्वारा लाभार्थी के बैंक खाते में आर.टी.जी.एस/ एन.ई.एफ.टी/ डी.बी.टी. के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। तालाब पर पक्का बोर्ड लाभार्थी द्वारा लगाना अनिवार्य होगा। 

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