Rin Mafi Yojana 2024 : हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाले नवरात्रि के पर्व की शुरूआत 3 अक्टूबर 2024 को कलश स्थापना के साथ होगी। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाएगी। शारदीय नवरात्रि स्थापना से पहले झारखंड में किसानों को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने राज्य के 1.76 लाख से अधिक किसानों का 400 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ किया है। गुरुवार 26 सितंबर को राजधानी रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में कृषि एवं पशुपालन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कृषि ऋण माफी योजना 2024 के तहत ऋण राशि का हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर समय किसानों के साथ है। उनकी आर्थिक मजबूती राज्य सरकार का लक्ष्य है और इसी दिशा में यह कदम उठाया गया है। राज्य के लाभुक किसान कृषि ऋण माफी योजना में अपना नाम चेक सकते है कि उनका कर्ज माफ हुआ है या नहीं। किसान आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन की स्थिति खोजें विकल्प के माध्यम से चेक कर सकते हैं और ऋण माफी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं।
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 से पहले झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के 1 लाख 76 हजार 977 किसानों को बड़ी राहत दी है। धुर्वा के प्रभाततारा मैदान में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सीएम ने 400 करोड़ से अधिक की कृषि ऋण राशि हस्तांतरित की। झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के अंतर्गत 400 करोड़ 66 लाख रुपए की ऋण अदायगी राशि को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डीबीटी के जरिए हस्तांतरित किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची में आज ऋण माफी जुटान नहीं है, बल्कि किसानों के सम्मान का महाजुटान है। आज किसानों की ऋण माफी के लिए हम सब एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा, मौसम की मार किसानों को लगातार दो से तीन वर्ष से हो रही थी। अगर किसान मौसम की मार खाता है, तो उसे कमर सीधा करने में समय लगता है, इसलिए हमने, अन्नदाताओं के कर्ज को चुकाने की चिंता से मुक्ति दिलाने वाली कृषि ऋण माफी योजना में 38 लाख पंजीकृत किसानों का 2 लाख तक के कृषि ऋण को माफ करने का फैसला लिया है, जिसके तहत किसानों का करीब 400 करोड़ रुपए का कृषि ऋण माफ हो रहा है।
हेमंत सोरेन ने कहा, हमारे राज्य में 80 फीसदी लोग गांव-देहात में निवास करते हैं, जो खेती-बाड़ी से जुड़े हुए हैं। इसी पर इनका जीवन-यापन होता है। किसानों के पास बोरा भरकर पैसा नहीं है। बैंक बैलेंस नहीं है। कोई एटीएम कार्ड नहीं है। बड़ी मुश्किल से बैंक खाता खुलता भी है, तो उस खाते में पैसा मेहनत-मजदूरी करके जमा करने का प्रयास किसानों का रहता है। हमारे किसानों का बैंक खाता होता है और किसानों का एटीएम उनका खलिहान होता है। उन्होंने कहा, क्यों झारखंड दुग्ध, अंडा, मछली, फल-सब्जी उत्पादन में आगे नहीं बढ़ सकता है। बस हमें नीतियों पर काम करने की जरूरत है। हम लोगों ने राज्य को जो दिशा दी है। वह किसानों और गांव की अर्थव्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा।
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, राज्य सरकार ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने का हर संभव प्रयास किया है। किसानों का 2 लाख रुपए तक का कृषि ऋण माफ हो रहा है। झारखंड के दूध उत्पादकों को दूध उत्पादन हेतु प्रति लीटर 2 रुपया प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 5 रुपया प्रति लीटर करने की योजना काे भी आरंभ किया गया है। 1 रुपए में फसल बीमा करने की योजना का भी शुभारंभ किया, जिससे राज्य के 16 लाख किसान लाभान्वित होंगे। 200 यूनिट तक का बकाया बिजली बिल माफ किया गया। 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी गई। अपने बच्चों का लालन-पालन बेहतर ढंग से करें, आपकी सरकार आपके साथ है।
कृषि निदेशालय में उपनिदेशक, सामान्य प्रशासन मुकेश कुमार सिन्हा ने “झारखंड कृषि ऋण माफी योजना कार्यक्रम” के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 29 दिसंबर 2020 को शुरू की गई यह राज्य सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो प्रति मानक फसल ऋणधारक को 50 हजार रुपए तक की ऋण माफी सुनिश्चित करती है। सरकार ने राज्य के अल्पावधि कृषि ऋण धारक किसानों को कर्ज के बोझ से राहत देने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य 'फसल ऋण धारकों' की ऋण पात्रता में सुधार करना और नए फसल ऋण की प्राप्ति सुनिश्चित कराना है। कृषि ऋण माफी योजना का लक्ष्य राज्य के 9 लाख से अधिक अन्नदाता किसानों द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता से मुक्ति दिलाना है। 31 मार्च 2020 तक के मानक फसल ऋणधारक किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस ऋण माफी योजना को वेब पोर्टल पर संपर्क रहित और कागज रहित आवेदन प्राप्त करने के माध्यम से ऑनलाइन लागू किया गया है। किसानों को ई-केवाईसी के लिए नजदीकी सीएससी पर जाकर आवेदन करना होगा। 50 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक के बकाया फसल ऋण का पुनर्भुगतान प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से किया जाता है। इस योजना को लेकर आवेदकों से मिली किसी भी शिकायत का निवारण ऑनलाइन किया जाता है। इस योजना में लाभुक रैयत और गैर-रैयत किसान होंगे। इस योजना के लाभुक योजना वेब पोर्टल के माध्यम से सफल ऑनलाइन भुगतान की अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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