Natural Farming : देश में रासायनिक मुक्त कृषि उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है, जिसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को अनुदान (सब्सिडी) देगी। सरकार तीन साल तक किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए उनके बैंक खातों में पैसा भेजेगी। प्राकृतिक खेती के प्रमाणन (सर्टिफिकेशन) की भी व्यवस्था की जाएगी। आज कई राज्य सरकारें किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कई योजनाओं के तहत उन्हें देसी गाय से लेकर जरूरी कृषि आदानों पर अनुदान का लाभ दे रही है। इस कड़ी में हिमाचल सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार 'प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना' संचालित कर रही है, जिसके अंतर्गत नेचुरल फार्मिंग करने वाले किसानों को साइकिल हल और अन्य कृषि यंत्रों/ उपकरणों पर अनुदान मिलेगा। आइए, जानते हैं किसान इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं?
किसानों को नेचुरल फार्मिंग करने के लिए दुनियाभर में प्रोत्साहित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2018-19 में “प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान” योजना आरंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत रसायनों के प्रयोग को हतोत्साहित कर, देसी गाय के गोबर व गोमूत्र तथा स्थानीय वनस्पतियों पर आधारित आदानों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाता है। पर्यावरण, संरक्षण, फसल विविधीकरण को बढ़ावा और फसल उत्पादन लागत को कम करना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना के तहत प्रदेश की सुक्खू सरकार ने किसानों को साइकिल हल पर अनुदान देने का फैसला लिया है। साइकिल हल को हिमाचल सरकार ने पहली बार योजना से जोड़ा है। इस साइकिल हल के माध्यम से किसान अपने छोटे खेतों की जुताई कर सकते हैं, जिससे खेती की लागत में कमी होगी।
प्रदेश सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को 2500 रुपए के साइकिल हल पर अधिकतम 1500 रुपए का अनुदान दिया जाएगा, जिससे प्रदेश के किसानों को केवल 1 हजार रुपए का निवेश कर साइकिल हल मिल जाएगा। इस योजना का लाभ प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा। अन्य किसानों को इस योजना से बाहर रखा गया है। इस योजना में साइकिल हल (Bicycle Plow) के साथ प्रदेश सरकार किसानों को प्लास्टिक टब पर 500 रुपए, फव्वारे पर 350 रुपए और खेतों की ट्रैंप सोलर लाइट पर 500 रुपए तक का अनुदान दे रही है।
हिमाचल सरकार प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत खेतों में रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) के स्थान पर प्राकृतिक खेती (Natural Farming) में इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों (Fertilizers) को बढ़ावा दे रही है। योजना के उप-निदेशक, मोहिंद्र सिंह भवानी के मुताबिक प्राकृतिक खेती (Natural Farming) में बेरोजगारों और गरीब किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिए सरकार की यह अनूठी पहल है। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu) ने हाल ही में कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जिसने प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया है।
प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना के निम्न अनुदान लाभ देने का प्रावधान किया गया है, जो इस प्रकार है:-
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