Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : देश में खरीफ सीजन फसलों की बुवाई का दौर जारी है। अलग-अलग राज्य में किसानों द्वारा चावल समेत खरीफ की अन्य मुख्य फसलों की बुवाई भी की जा रही है। साथ ही राज्य सरकारें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों की फसलों का बीमा भी कर रही है, ताकि भारी बारिश, बाढ़ एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल खराबे से होने वाले आर्थिक नुकसान से किसानों का बचाव किया जा सके। इस बीच राजस्थान सरकार द्वारा खरीफ सीजन 2024 के लिए फसलों के बीमा कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के अंतर्गत इस सीजन में खरीफ फसलों के लिए अधिसूचना जारी कर फसलवार बीमा की प्रीमियम राशि भी घोषित कर दी है, जिसके अंतर्गत किसान खरीफ सीजन 2024 की सभी प्रमुख फसलों बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोंठ, ग्वार, चावल, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास और मूंगफली का बीमा करा सकते हैं। वहीं, बीते दिनों पंत कृषि भवन में पीएमएफबीवाई की बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में प्रमुख शासन सचिव ने कम्पनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में लंबित प्रकरणों को तुरन्त प्रभाव से पूरा कर बीमित किसानों को शेष मुआवजे की राशि का जल्द से जल्द वितरण किया जाए।
राजस्थान सरकार द्वारा खरीफ 2024 की फसलों के लिए बीमा कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) के तहत फसल खराबे से होने वाले नुकसान से किसानों का बचाव किया जा सके। किसान योजना में अधिसूचित विभिन्न खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं। पीएमएफबीवाई (PMFBY) योजना में किसानों द्वारा खेतों में वास्तविक रूप से बोई गयी फसलों की सूचना 29 जुलाई तक लिखित में देनी होगी, जिससे वास्तविक बुआई अनुसार फसलों का बीमा संबंधित बीमा कंपनी, बैंक या समिति के माध्यम से किया जा सके। वहीं, ऋणी किसान, जो अपनी बोई गई फसल का बीमा नहीं कराना चाहते हैं, वे सभी 24 जुलाई तक बैंक या बीमा कंपनियों को लिखित में सूचना देकर इस योजना से बाहर हो सकते हैं।
राज्य के कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने पीएम फसल बीमा योजना पर जानकारी देते हुए बताया कि बुआई से लेकर फसलों की कटाई तक सूखा, लंबी सूखा अवधि, बाढ़, भू-स्खलन, बिजली गिरने से लगी आग, तूफान, ओला वृष्टि, भीषण बाढ़, कीट एवं व्याधि और चक्रवात से हुए फसल नुकसान जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, उसका पटवार मंडल में चार व तहसील क्षेत्र में न्यूनतम 16 फसल कटाई प्रयोगों से ज्ञात उत्पादन को गारण्टी उपज में से नुकसान का आंकलन कर बीमित राशि अनुसार फसल बीमा क्लेम निर्धारित किया जाता है। कटाई के उपरान्त 14 दिन तक सूखने के लिए खेत में छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे का व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा क्लेम योजना के तहत दिया जाएगा।
बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी वैभव गालरिया ने कहा कि खरीफ 2023 के लिए अब तक 887 करोड़ रूपए का बीमा क्लेम किसानों को वितरित किया जा चुका है, शेष मुआवजे की राशि जल्द ही कृषकों को दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रबी 2023-24 के लिए बीमा कम्पनियों को दी जाने वाली सब्सिडी में से लगभग 461 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी हो चुकी है। रबी सीजन 2023-24 के फसल कटाई प्रयोगों में आ रही आपत्तियों का भी जल्द निस्तारण करने के लिए बीमा कंपनी प्रतिनिधियों को निर्देशित किया। इस बैठक में राजस्थान के कृषि आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी समेत सभी विभागीय अधिकारी एवं राज्य में कार्यरत बीमा कम्पनियां जैसे क्षेमा जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी (Kshema General Insurance Limited), रिलायंस जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी (Reliance General Insurance Company) और एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (Agriculture Insurance Company of India Limited) के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राजस्थान सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए फसलवार बीमा की प्रीमियम राशि भी घोषित कर दी गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों को बीमित राशि का खरीफ फसल के लिए 2 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान संबंधित बैंक या बीमा कंपनियों को देना होगा, जबकि रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत बीमा प्रीमियम का भुगतना किसानों को देना होता है। राजस्थान सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए जारी बीमा अधिसूचना के तहत राज्य के किसान अपनी बोई गयी फसल का बीमा नजदीकी जनसुविधा केन्द्र या बैंक शाखा/सहकारी समिति के माध्यम से करा सकते हैं, जो किसान फसल बीमा नहीं लेना चाहते हैं वे बैंक या समिति में लिखित सूचना देकर योजना से बाहर हो सकते हैं। ऋणी कृषकों द्वारा बीमित फसल में परिवर्तन की सूचना वित्तीय संस्था को देने की आखिरी तिथि 29 जुलाई 2024 तय हैं। गैर ऋणी किसान भूमि की नवीनतम जमाबंदी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक व फसल बुवाई संबंधित अन्य आवश्यक दस्तावेज ले जाकर वास्तविक बुवाई अनुसार फसलों का बीमा संबंधित बैंक/सहकारी समिति के माध्यम से करवा सकते हैं।
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