PMFBY Online Registration : मानसून ने अपने तय समय से छह दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर लिया है। देश के अधिकांश राज्यों में भारी से बहुत भारी बरसात की गतिविधियां देखी जा रही है। इन सब के बीच देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों ने खरीफ मौसम की फसलों की बुवाई शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार जैसे राज्यों में किसान फसलों की बुवाई भी कर चुके है। ऐसे में राज्य सरकारें किसानों को अपनी फसलों का बीमा करने का अनुरोध कर रही है, ताकि प्राकृतिक घटनाओं के चलते फसलों के नुकसान पर उन्हें आर्थिक हानि नहीं उठाना पड़े।
इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत राज्य में किसानों की खरीफ फसलों का बीमा करवा रही है, जिसके लिए सरकार ने फसलों सूची एवं डेडलाइन जारी कर दी है। प्रदेश के किसान अपनी बोई गई फसलों के लिए बीमा 31 जुलाई तक करवा सकते हैं। इच्छुक किसान अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए नजदीकी बैंक शाखा, लोक सेवा केंद्र (CSC) से संपर्क करें या पीएम फसल बीमा के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। साथ ही टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं। आइए, इस पोस्ट में पीएमएफबीवाई योजना (PMFBY) के अंतर्गत बीमा के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें, आवेदन पत्र कैसा होता है और शिकायत कैसे दर्ज करा सकते हैं आदि के बारे में जानते हैं?
बता दें कि प्रदेश में किसानों ने खरीफ फसलों की खेती शुरू कर दी है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में किसान अपनी फसलों की बुवाई भी करने लगे है। हालांकि कई बार राज्य में किसानों को प्राकृतिक घटनाओं के चलते अपनी फसलों का नुकसान उठाना पड़ता है। किसान को मौजूदा खरीफ सीजन में फसल नुकसान नहीं उठाना पड़े। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत किसानों की बोई गई फसलों का बीमा किया जा रहा है। इस वर्ष पीएम फसल बीमा योजना (PM-Fasal Bima) के तहत प्रदेश सरकार ने 10 खरीफ फसलों को अधिसूचित किया है, जिसके तहत किसानों को खरीफ में बोई जाने वाली प्रमुख धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, तिल, सोयाबीन, अहर और मूंगफली फसलों पर बीमा कवरेज का लाभ मिलेगा। फसल की बुवाई के बाद अगर बीमित किसान को प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा कवरेज मिलता है। इस फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल कटाई के बाद भी नुकसान का मुआवजा मिलता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पीएम फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा करवा रही है। इस योजना में किसान खरीफ में बोई जाने वाली 10 फसलों का बीमा करा सकते हैं। किसानों को अपनी बाई गई फसलों का बीमा करने के लिए अपने नजदीकी बैंक शाखा में संपर्क कर पीएमएफवाई योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाकर अधिसूचित फसलों का बीमा लेना होगा। इसके लिए किसान को बीमा प्रीमियम बीमा कंपनी या बैंकों को जमा करना होगा। इसके अलावा, किसान लोक सेवा केंद्र (CSC) या संबंधित कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर पीएम फसल बीमा पोर्टल https://pmfby.gov.in/ पर 31 जुलाई तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। किसान स्वयं भी Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अधिसूचित फसलों के लिए बीमा कवर ले सकते हैं। किसान प्ले स्टोर से पीएमएफबीवाई मोबाइल ऐप (PM Fasal Bima Yojana Mobile App) भी डाउनलोड कर सकते हैं।
पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) देश के किसानों को काफी राहत पहुंचाने का काम करती है। इस फसल बीमा योजना में किसानों की खाद्य फसलों जैसे अनाज, बाजरा और दलहनी फसलों का बीमा किया जाता है। साथ ही तिलहनी फसलों को भी योजना के तहत कवर किया जाता है। इस योजना में अगर बुवाई के चरण में ही मौसम के कारण किसानों को नुकसान होता है, तो किसानों को बीमा राशि का 25 फीसदी का भुगतान किया जाता है। इसके बाद पॉलिसी समाप्त हो जाती है। इसके साथ ही फसल की बुवाई के बाद अगर किसान को नुकसान होता है तो भी बीमा कवरेज किसान को मिलता है। किसानों को फसल कटाई के बाद भी नुकसान होता है, तो फसल बीमा योजना के तहत का नुकसान मुआवजा मिलता है। हालांकि इसके लिए सिर्फ दो सप्ताह तक का ही समय रहता है। फसल मुआवजा लेने के लिए बीमित किसान को 72 घंटे के अंदर नुकसान की जानकारी कृषि विभाग एवं संबंधित इंश्योरेंस कंपनी को देनी पड़ती है।
किसानों ने अगर फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा कराया है और फसल के लिए बीमा प्रीमियम भरा है, तो ऐसे किसान फसल नुकसान होने पर मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक आवेदन फार्म भरना पड़ता है। जिसके बाद ही किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। आवेदन फार्म में किसान को अपने से संबंधित जानकारी के साथ-साथ फसल को कैसे नुकसान हुआ, जमीन का रकबा, बोई गई फसल का प्रकार आदि जानकारी भरनी पड़ती है। यह आवेदन तहसीलदार या फिर जिला कलेक्टर के नाम पर दिया जाता है। योजना के तहत कई बीमा कंपनियां हैं जो राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों की फसलों का बीमा करती हैं। प्रीमियम का एक हिस्सा किसान द्वारा भुगतान किया जाता है और बाकी का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता है। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि फसल बीमा कराने के बाद भी किसानों को फसल नुकसान का समय पर मुआवजा नहीं मिलता है। किसानों को बीमा लेने और बीमा संबंधी शिकायत करने में समस्याओं का सामना न करना पडे़, इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की तरफ से एक टोल फ्री नंबर 14447 जारी किया गया है। इस नंबर पर फोन करके किसान आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
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