किसानों को गाय के पालन पर सरकार से मिलेगा अनुदान और दूध पर बोनस, जानें डिटेल

पोस्ट -28 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

प्राकृतिक खेती के लिए गाय का पालन करने वाले किसानों को मिलेगा अनुदान, जानें योजना की जानकारी

Natural Farming : बीते दिनों केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में “प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम” का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “धरती मां को रसायनों से बचाने के लिए हमें रसायन मुक्त खेती की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे”। मंत्री ने कहा, जो किसान प्राकृतिक खेती के शुरुआती तीन सालों में पैदावार कम होने की स्थिति का सामना करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी प्रदान की जाएगी। कई राज्य की सरकारें कृषि मंत्री की अपील पर अपने राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का काम रही है, ताकि फसलों की लागत कम कर गुणवत्ता युक्त अनाजों, फलों और सब्जियों के उत्पाद से किसानों को डेढ़ गुना ज्यादा मुनाफा दिलाया जा सके। इस कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार राज्य में पशुपालकों के लिए एक नई योजना चला रही है, ताकि किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रेरित किया जा सके। प्राकृतिक कृषि पद्धति के लिए किसानों को देशी गाय के पालन पर अनुदान दिया जाएगा। साथ ही दूध उत्पादन पर बोनस भी दिया जाएगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर पशुपालकों को लाभ मिलेगा। राज्य में बड़े पैमाने पर किसान और पशुपालक गाय का पालन करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

पशुपालकों के लिए नई योजना की शुरूआत (New scheme launched for livestock farmers)

राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आत्म निर्भर पंचायत, समृद्ध मध्य प्रदेश कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए और उनकी आय बढ़ाने के लिए सरकार एक नई योजना की शुरुआत करेगी। इस पर अभी विचार विमर्श किया जा रहा है। इस योजना से राज्य में दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। यह निश्चित रूप से पूरे राज्य के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। क्योंकि किसान की आमदनी का साधन खेती और पशुपालन है। राज्य में जो गाय खुले में घूमती हैं उनके लिए राज्य सरकार गौशाला का निर्माण कराएगी और ऐसी गाय जो बूढ़ी हो गई हैं, अपाहिज या लावारिश हैं तथा ठीक से चल नहीं पाती हैं, जिन्हें उनके मालिक अपने घर नहीं ले जाते हैं, ऐसी सभी गायों को गोशाला में सरकार पालेगी। उनके भरण- पोषण का सारा खर्च राज्य सरकार अपने स्तर पर वहन करेगी।

प्रति गाय 40 रुपए प्रतिदिन का खर्च देगी सरकार (The government will pay Rs 40 per day per cow)

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संबोधन में प्रदेश के ग्रामीणों और किसानों से कहा, हमारी सरकार गोमाता की सेवा और संरक्षण के लिए तत्पर है। बड़ी-बड़ी गोशालाओं को पर्याप्त धन राशि हमारी सरकार प्रति गाय 40 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से देगी। अभी गोशाला में प्रति गाय का खर्च 20 रुपये प्रतिदिन है। इससे गोशाला को अपाहिज, बूढ़ी और असहाय गाय के पालन-पोषण में आर्थिक परेशानी नहीं होगी। मोहन यादव ने कहा कि गाय के पालन से किसानों की आय बढ़ाने एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। गाय से जैविक खाद के लिए गोबर भी मिलता है। इसके दूध से भी किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है, इससे रोजगार के नए अवसर खुलते हैं। इसे देखते हुए हमारी सरकार ने राज्य के पशुपालकों को गाय पालने पर अनुदान देने का फैसला किया है और किसानों को दूध पर भी बोनस दिया जाएगा। 

10 से ज्यादा गाय पालने वाले किसानों को अनुदान देगी सरकार (Government will give subsidy to farmers who rear more than 10 cows)

मोहन यादव ने कहा कि ऐसे किसान, जो बूढ़ी, अपाहिज या असहाय गौमाता का पालन करेंगे, उन्हें सरकार राशि देगी। इससे उन पशुपालक को प्रेरित किया जा सके, जो बूढ़ी होने के कारण गाय को छोड़ देते हैं या उसे नहीं पाल सकते हैं। सरकार की इस योजना से राज्य के पशुपालकों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही सड़क पर घूमने वाले गायों से भी निजात मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने कहा, जो किसान भाई 10 गाय से ज्यादा गाय पालेगा उसे सरकार अनुदान देगी, जिस प्रकार धान-गेहूं एमएसपी खरीद पर किसानों को बोनस दिया जाता है उसी प्रकार हम दूध पर भी बोनस देने वाले हैं, जिससे पशुपालन को बढ़ावा मिले। हमारी सरकार दूध पर भी बोनस देना शुरू करने वाले हैं, जिससे अधिक से अधिक किसान पशुपालन की तरफ आकर्षित होंगे और राज्य में दूध उत्पादन बढ़ेगा।

प्राकृतिक खेती के लिए चला रही सरकार यह योजना (The government is running this scheme for natural farming)

एमपी सरकार राज्य में “प्राकृतिक कृषि विकास योजना” चला रही है। इस योजना पर जानकारी देते हुए गुना जिले के उप संचालक किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास ने बताया कि प्राकृतिक कृषि पद्धति के प्रचार-प्रसार हेतु किसानों को एक देशी गाय के पालन पर अनुदान दिया जाएगा। इस  योजना का उद्देश्य रसायन मुक्त फसल उत्पादन के लिए प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करना है। प्राकृतिक खेती भूमि स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से लाभदायक है। प्राकृतिक कृषि करने के लिए देशी गाय का गोबर एवं गौ-मूत्र से जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, पांच पत्‍ती काढ़ा तैयार करने के तरीके भी किसानों को विभाग द्वारा सिखाए जा रहे है। जैविक उत्पादों के उत्पादन में किसान की लागत कम लगती है तथा कृषि उत्पादों का मूल्य भी ज्यादा मिलता है। उन्होंने कहा  साहीवाल गाय के गोबर में कई प्रकार के जीवाणु और पोषक तत्व पाये जाते है। जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

प्राकृतिक खेती के लिए देशी गाय का पालन अनिवार्य (Rearing of indigenous cows is mandatory for natural farming)

उप संचालक ने कहा, एक ग्राम देशी गाय के गोबर में 300 करोड़ से ज्यादा जीवाणु पाये जाते हैं। जिले के 100 ग्रामों का चयन कर प्रत्येक ग्राम से 5 प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का चयन किया गया है। प्राकृतिक खेती करने के लिए किसान के पास देशी गाय का होना अनिवार्य है। किसान को न्यूनतम एक एकड़ भूमि पर प्राकृतिक कृषि किए जाने की शर्त पर केवल एक देशी गाय के पालन के लिए सहायता अनुदान दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती पोर्टल/मोबाइल ऐप पर प्राकृतिक कृषि के इच्छुक समस्त पंजीकृत किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चयनित मास्टर ट्रेनर प्राकृतिक प्रेरक बनकर किसानों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। ज्यादा जानकारी हेतु किसान भाई अपने विकासखंड के कृषि विभाग एवं आत्मा कार्यालय में संपर्क भी कर सकते हैं।

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