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Elephant Grass : नेपियर घास से दुग्ध उत्पादन में होगी वृद्धि, खेती करने पर सब्सिडी

Elephant Grass : नेपियर घास से दुग्ध उत्पादन में होगी वृद्धि, खेती करने पर सब्सिडी
पोस्ट -22 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

Napier Grass : नेपियर घास से दुग्ध उत्पादन में होगी वृद्धि, खेती के लिए किसानों को दिया जाता है अनुदान

Elephant Grass : पशुओं में दुग्ध का उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्हें स्वादिष्ट और पौष्टिक हरा चारा देना आवश्यक है। इसके लिए नेपियर घास (हाथी घास) सबसे उपयुक्त हैं। पशुपालक किसान अगर नेपियर घास की खेती लगाते हैं, तो उन्हें इससे पशुओं के लिए चार से पांच वर्षों तक पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध होता रहेगा। नेपियर घास से पशुपालकों को सालभर हरा चारा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। राजस्थान में नेपियर घास की खेती के लिए किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान भी दिया जा रहा है। जिससे किसान इसकी खेती के लिए प्रेरित हो सके और अधिक से अधिक क्षेत्र में इसकी खेती कर चारा उत्पादन कर सके। राजस्थान सरकार द्वारा राज्य में पिछले साल नेपियर घास की खेती के लिए किसानों को अनुदान उपलब्ध कराया गया था, जिसका रिजल्ट अब सामने आने लगा है। किसानों के खेतों में नेपियर घास की फसल तैयार हो गई है।

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किसानों को दिया जाता है हाथी घास पर अनुदान (Farmers are Given Subsidy on Elephant Grass)

राजस्थान के दौसा जिले के कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने बालाजी क्षेत्र के सुरैर गांव में किसान हजारी लाल मीणा द्वारा उगाई गई नेपियर घास की खेती का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कृषि विभाग द्वारा देय अनुदान की सहायता से हजारी लाल मीणा ने दो बीघा जमीन में नेपियर घास लगाई थी, जिससे प्रतिदिन पशुओं के लिए पौष्टिक हरा चारा मिल रहा है। कृषि अधिकारी मीणा ने बताया कि पिछले वर्ष विभाग द्वारा अनुदान पर नेपियर घास लगवाई गई थी जिस पर विभाग द्वारा 10 हजार रुपए का अनुदान दिया गया है।

किसानों को नेपियर घास के बारे में किया जा रहा है जागरूक (Farmers are being made aware about Napier grass)

किसान हजारीलाल मीणा द्वारा गांव के किसानों को नेपियर घास की कटिंग भी विक्रय की जाती है, अगर कोई भी किसान घास की खेती लगाना चाहते हैं, तो इनसे उचित दाम पर खरीद कर अपने खेत में नेपियर घास लगा सकते हैं। हजारीलाल मीणा अपने आस-पास के किसानों को नेपियर घास के बारे में जागरूक कर रहे हैं और उनके द्वारा कई किसानों को नेपियर घास के बारे में जानकारी देकर उनके खेतों पर भी नेपियर घास लगवाई गई है। बता दें कि नेपियर घास के एक एकड़ खेत में किसानों को करीब 250-300 क्विंटल तक हरा चारा मिल सकता है।

क्षेत्र के किसान हो रहे प्रेरित (Farmers of the area are getting inspired)

कृषि अधिकारी ने बताया कि किसान हजारी लाल मीना एक प्रगतिशील किसान है, जो खेती में नवीनतम कृषि तकनीकों को अपनाते रहते हैं। अभी इनके द्वारा दो बीघा खेत में जाल पर लौकी फसल लगा रखी है और अन्य सब्जियां मेड पर मल्चिंग व ड्रिप सिस्टम के माध्यम से लगा रखी है। इनको देखकर क्षेत्र के अन्य किसान भी प्रेरित हो रहे हैं और कृषि में नवीनतम तकनीकों से खेती कर रहे हैं।

कटिंग लगाकर पैदा कर सकते हैं नेपियर घास (Napier grass can be grown by planting cuttings)

कृषि अधिकारी अशोक कुमार मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि नेपियर घास के उपयोग से पशुओं के दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है और इसे एक बार लगाने के बाद आसानी से कई वर्षों तक लगातार हरा चारा मिलता रहता है। नेपियर घास डेढ़ महीने में तैयार हो जाती है। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। इसकी जड़ें और पत्तियां पशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होती हैं। यह घास कटाई के बाद पुन: फुटान होती रहती है। इसकी कटिंग लगाकर किसान नेपियर घास का उत्पादन कर सकते हैं। नेपियर घास से पशुपालकों को राहत मिलेगी और उनके पशुओं की मृत्यु दर कम होने की संभावना है।

प्रति हेक्टेयर 10 हजार की सब्सिडी (Subsidy of 10 thousand per hectare)

बता दे कि राजस्थान कृषि विभाग द्वारा राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में नेपियर घास की खेती के लिए अनुदान दिया जा रहा है। यदि किसान हाथी या नेपियर घास लगाते है, तो  उन्हें सरकार की तरफ से 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी राशि लाभार्थी किसान को भौतिक सत्यापन के बाद प्रदान की जाती है। प्रत्येक जिले के कृषि अधिकारी ग्राम पंचायतों में जाकर खेतों का फिजिकल सत्यापन करते हैं एवं सत्यापन के पश्चात कृषकों द्वारा किए गए आवेदन स्वीकृत किए जाते हैं।

किसान कैसे करें आवेदन (How farmers can apply)

भौतिक सत्यापन के बाद लाभार्थी के बैंक खाते में अनुदान राशि दी जाती है। यह धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे ट्रांसफर की जाती है। इस सब्सिडी के लिए किसानों को राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन करना होता है। यह आवेदन नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center) की मदद से ऑनलाइन किया जा सकता है। आवेदन के वक्त किसान अपने जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता पासबुक आदि दस्तावेजों को जरूर साथ रखें। जिला के कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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