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Basmati Rice : बासमती चावल की खेती में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक

Basmati Rice : बासमती चावल की खेती  में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक
पोस्ट -19 सितम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Basmati Rice : सरकार का बड़ा फैसला, बासमती चावल की खेती में 10 कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक

Pesticides Banned UP : बासमती चावल का निर्यात बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। बासमती चावल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुकूल बनाने के लिए यूपी सरकार ने बासमती चावल खेती में दस प्रमुख कीटनाशकों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। बासमती चावल में लगने वाले कीटों और रोगों से फसल को बचाने के लिए किसानों द्वारा कीटनाशक रसायनाें का इस्तेमाल किया जाता है। इन कीटनाशक रसायनों के अवशेष बासमती चावल में पाए जा रहे हैं, जिससे निर्यात प्रभावित हो रहा है। इसके समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने कृषि रक्षा रसायनों के वितरण, बिक्री व इनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। आइए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा किन कीटनाशक रसायनों के उपयोग पर रोक लगाई गई है?

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एमआरएल से अधिक पाये जा रहे हैं रसायन अवशेष (Chemical residues are found to be higher than MRL)

एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (Agriculture and Processed Food Products Export Development Authority) द्वारा कृषि विभाग को जानकारी दी गई है कि यूरोपीय संघ द्वारा बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल का अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर 0.01 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) निर्धारित किया गया है। लेकिन किसानों द्वारा रसायनों के अधिक प्रयोग किए जाने के कारण बासमती चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल अधिकतम कीटनाशी अवशेष स्तर (MRL) से अधिक पाए जा रहे हैं, जिसके कारण यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों में बासमती चावल के निर्यात में 15 फीसदी की कमी आई है।

प्रतिबंध लगाए गए कीटनाशकों के नाम (Names of banned pesticides)

उत्तर प्रदेश की सरकार ने बासमती चावल खेती में ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफास, हेक्साकोनोजोल, प्रोफिकोनाजोल, बायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, इमिडाक्लोप्रिड व कार्बेडजिम नामक कीटनाशकों के सभी प्रकार के फॉर्मुलेशन की बिक्री, वितरण एवं इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए हैं। राज्य के 30 जिलों के किसान इन प्रतिबंधित कीटनाशकों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इनके अत्यधिक उपयोग से चावल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी, जिससे निर्यात में दिक्कतें आ रही थीं। आवश्यक होगा कि किसानों नए और सुरक्षित कीटनाशक विकल्पों का उपयोग करें, जिससे न केवल उनकी फसल की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे।

इन 30 जनपदों में इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध (Use banned in these 30 districts)

बासमती चावल में फफूंदनाशक रसायन ट्राईसाइक्लाजोल निर्धारित एमआरएल से अधिक पाए जाने का कारण  निर्यात में कमी आई है।  इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 30 जनपदों में प्रमुख 10 कीटनाशक रसायनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इनमें आगरा, अलीगढ़, औरैया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, इटावा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नौज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर व संभल सहित कुल 30 जिले शामिल है।

एपीडा ने दिया सुझाव (APEDA gave suggestion)

एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी) के निर्देशों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। एपीडा ने कृषि विभाग को इस  समस्या के बारे में सूचित करते हुए सुझाव दिया कि कीटनाशकों के उपयोग को नियंत्रित किया जाए, जिससे बासमती चावल के स्वाद और गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाई जा सके। प्रदेश के 30 जिलों में बासमती चावल का प्रमुख उत्पादन होता है और इसे जीआई टेग प्राप्त है। इस लए इन जिलों में इन प्रतिबंधों को लागू किया है।

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