भारत के ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार खेती के साथ-साथ पशुपालन पर फोकस कर रही है। पशुपालन में गाय, भेंस, भेड़ व बकरी पालन को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इनमें बकरी पालन को कम लागत, कम जगह के साथ शुरू किया जा सकता है। बकरी पालन में रोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए सरकार की ओर से कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सरकार अपनी योजनाओं से बकरी पालन पर सब्सिडी व ट्रेनिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराती है। बकरी पालन पर 50 लाख रुपए तक का लोन आसानी से मिल जाता है। इस लोन पर सरकार की ओर से भारी सब्सिडी भी मिलती है, जिसका फायदा उठाकर बेरोजगार युवक-युवतियां, किसान व आम आदमी बकरी पालन शुरू कर सकते हैं। अब राज्य सरकार ने बकरी पालन पर सब्सिडी देने के लिए आवेदन मांगे हैं। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में बकरी पालन योजना व सब्सिडी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नस्ल की बकरी मिलती है। अब राजस्थान सरकार ने राज्य में बेरोजगारी कम करने और छोटे किसानों की इनकम बढ़ाने के उद्देश्य से बकरी पालन योजना की शुरुआत की है। सरकार की इस योजना के अनुसार राज्य के छोटे किसान व बेरोजगार युवा बकरी पालन बिजनेस के लिए 5 लाख से 50 लाख रुपए तक का लोन आसानी से ले सकते हैं। इस लोन को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है जिसके अनुसार 50 से 60 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है। सरकार द्वारा दिए जाने वाला यह बकरी पालन लोन बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है।
राजस्थान सरकार ने बकरी पालन योजना में आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना में आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले आपको नजदीकी पशु चिकित्सा कार्यालय में संपर्क करना होगा। यहां संबंधित अधिकारी से योजना की जानकारी हासिल कर आवेदन पत्र प्राप्त करना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र को निर्धारित फॉर्मेट में भरकर सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ कार्यालय में जमा करना होगा। वहां से आपको एक पावती मिलेगी। इस प्रक्रिया के बाद विभाग आपके आवेदन और दस्तावेजों की समीक्षा करेगा। अगर सबकुछ सही रहा तो आपको योजना का लाभ दिया जाएगा।
राजस्थान सरकार की बकरी पालन योजना में आवेदन के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, भूमि से जुड़े दस्तावेज, पशुपालन प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक और मोबाइल नंबर आदि शामिल है।
बकरी पालन योजना, राजस्थान का लाभ केवल राजस्थान के मूल निवासी परिवारों को ही मिलेगा। आवेदन की उम्र 18 साल से 65 साल के बीच होनी चाहिए। आवेदक के पास 0.25 एकड़ की भूमि पशुओं के चारागाह के लिए होना जरूरी है। लोन 20 बकरी 1 बकरा, 40 बकरी 2 बकरा आदि के अनुसार दिया जाता है। आप जितने अधिक बकरी-बकरों का पालन करेंगे उतना अधिक लोन आपको मिल सकेगा।
राजस्थान के अलग-अलग जिलों में बकरी की अलग-अलग नस्ल लोकप्रिय है। राज्य में प्रमुख रूप से सिरोही, जखराना और मारवाड़ी नस्ल की बकरियां सबसे ज्यादा पाली जाती है। सिरोही नस्ल की बकरी अरावली पर्वत शृंखला के आसपास के इलाकों के अलावा सिरोह, अजमेर, नागौर, राजसमंद, टोंक आदि स्थानों में पाई जाती है। जखराना नस्ल की बकरी अलवर और इसके आसपास के इलाकों में मिलती है। इसका रंग काला होता है और मुंह-कान पर सफेद (धब्बे) पाए जाते हैं। वहीं, मारवाड़ी नस्ल की बकरियां जोधपुर, पाली, बीकानेर, बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर में पाई जाती है। यह एक मध्यम आकार की काली बकरी है, जिसका शरीर बालों से ढका होता है।
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